Sudan Civil War: सूडान में फंसे भारतीयों की छत पर बरस रहीं गोलियां, नहीं सुनी जा रही वतन वापसी की गुहार

Sudan Civil War: सूडान में फंसे भारतीयों की छत पर बरस रहीं गोलियां, नहीं सुनी जा रही वतन वापसी की गुहार

रूस के हमले के बाद यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद अब सूडान गृहयुद्ध में फंस गए भारतीयों की जान आफत में है. इन दिनों छिड़ी वर्चस्व की लड़ाई में लोगों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. देश के कई राज्यों की तरह राजस्थान के भी कई लोग सूडान में फंसे हुए हैं. कई लोगों के पास खाने-पीने की किल्लत हो रही है तो कई का वेतन रुक चुका है. सबसे बड़ा खतरा यह है कि ये लोग जिन कमरों में दुबके हुए हैं, वहां गोलियां बरस रही हैं. बेहद सहमे हुए ये लोग सरकार से वतन वापसी कराए जाने के लिए गुहार लगा रहे हैं.

वतन वापसी को लेकर परेशान इन फंसे हुए लोगों का आरोप है कि उन पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. रतनगढ़ निवासी मुकेश दुलार ने बताया कि वह कंपनी के कमरे में ही हैं. वतन वापसी को लेकर भारतीय एम्बेसी में गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन कुछ गंभीरता से नहीं लिया जा रहा. आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा. सूडान की सिला सैरेमिक कंपनी में राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों के अनेक लोग काम कर रहे हैं, जो अब वहां एक तरह से कमरे में कैद होकर रह गए हैं.

सैलरी नहीं, पासपोर्ट नहीं और पल-पल गोलियां!

सूडान में मौजूद राजस्थान के दुलार ने बताया वह जिस कंपनी में काम करते हैं, उसकी तरफ दो माह की सैलरी भी नहीं दी गई है. युद्ध में फंसे होने पर उन्हें चाय-बिस्कुट खाकर काम चलाना पड़ रहा है. किसी को सैलरी पांच माह से तो किसी को छह माह से नहीं मिली है. हर कोई परेशान है. उन्होंने बताया कंपनी की ओर से पासपोर्ट भी नहीं दिया गया है.

यही नहीं, दुलार ने यह भी बताया कि जहां वे रह रहे हैं, उस टीन शैड पर गोलियां तड़ातड़ गिर रही हैं. हर समय खतरा मंडरा रहा है.

इधर, खबरों की मानें तो सूडान में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के धड़ों के बीच वर्चस्व को लेकर छिड़ी जंग में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों पलायन कर रहे हैं. सूडान के बड़े हिस्से में सिविल वाॅर जैसे खतरे के हालात दिख रहे हैं. आपको यह भी बताएं कि सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार ‘मिशन कावेरी’ चला रही है, जिसके तहत खबरें हैं कि तीसरे जत्थे में 135 लोग कुछ ही घंटों पहले जेद्दा पहुंच चुके हैं.


 zcs48e
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *