UP: लोहिया की धरती पर समाजवाद का वर्चस्व तोड़ने की फिराक में BJP-BSP, टिकट बंटवारा बना मुसीबत

UP: लोहिया की धरती पर समाजवाद का वर्चस्व तोड़ने की फिराक में BJP-BSP, टिकट बंटवारा बना मुसीबत

अंबेडकरनगर: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में निकाय चुनाव 2023 को लेकर लोहिया की धरती पर अपनी हुकूमत काबिज करने के लिए घमासान मचा हुआ है. समाजवाद के इस गढ़ में उसका परचम तोड़ बसपा दोबारा इसे नीला दुर्ग बनाने की कोशिश कर रही है. वहीं भाजपा डॉ लोहिया की सरजमी पर भगवा लहराने के फिराक में है. अंबेडकरनगर में अपना परचम लहराने की सियासी बेचैनी तीनों ही दलों में इस कदर है कि आज नामांकन शूरू हो गया है, लेकिन उम्मीदवारों की सूची अभी तक फाइनल नहीं हो पाई है. टिकटों के बंटवारे में भाजपा में ज्यादा रस्सा कस्सी है. वहीं सपा को संगठन के साथ विधायकों के वर्चस्व को साधना मुसीबत बन गया है.

एक दौर था जब अंबेडकरनगर की धरती को नीला दुर्ग कहा जाता था. बसपा से चुनाव जीत की गारंटी माना जाता था. लोकसभा से लेकर विधानसभा और पंचायत से लेकर निकाय चुनाव में बसपा का दबदबा माना जाता था,लेकिन अब इस पर समाजवादियों का कब्जा है. जिले के पांचों विधानसभा सीट पर सपा के विधायक हैं. समाजवाद के इस गढ़ पर अब भाजपा भगवा फहराने के फिराक में है. निकाय चुनाव के बहाने भाजपा यहां विपक्ष के तिलिस्म को तोड़ना चाहती है और इसके लिए पुर जोर कोशिश कर रही है.

टिकट बंटवारा बना राजनीतिक दलों के लिए चुनौती

निकाय चुनाव जिले में सक्रिय तीनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल खुद को सबसे मजबूत दिखाने का प्रयास कर रहे हैं. निकाय चुनाव में काबिज होने के लिए बेचैनी इस कदर है कि टिकटों का बंटवारा मुसीबत बन गया है. सोमवार से निकाय चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची तय नहीं कर पा रही है. सपा ने अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. हांलाकि बसपा ने तीन सीटों से अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर उम्मीदवारों के चयन में एक कदम आगे है.

बीएसपी ने अकबरपुर सीट से सुरेश वर्मा, जहांगीर गंज से सुनीता और राजेसुल्तान पुर सीट से कमलेश को टिकट दिया है. जिले में कुल 7 सीटों पर निकाय चुनाव होना है. माना जा रहा है कि जातीय समीकरणों को साधने के चक्कर मे प्रत्याशियों की घोषणा में देरी हो रही है और राजनीतिक दलों की ये मंशा है कि पहले दूसरे दल प्रत्यशियों की घोषणा करें. प्रत्याशियों के चयन में देरी की एक वजह ये भी मान जा रहा है कि एक सीट पर कई उम्मीदवार दावा कर रहे हैं ऐसे में जब देर से टिकट बंटवारा होगा तो दल बदल की संभावना कम रहेगी.


 pcpmvh
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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