ममता और राज्यपाल बोस ने हुड़दंगियों को जड़ से उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

ममता और राज्यपाल बोस ने हुड़दंगियों को जड़ से उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राम नवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा कराने का भाजपा पर मंगलवार को आरोप लगाया और कहा कि वह किसी दंगाई को बच कर भागने नहीं देंगी तथा ‘‘दंगाबाज’’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिये बगैर उन पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने यह उल्लेख किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा था कि यदि वह बिहार में सत्ता में आएगी तो दंगाइयों को उल्टा लटका देगी।

ममता ने हैरानगी जताते हुए सवाल किया कि इस तरह की कार्रवाई ‘‘उसके गुंडों’’ के खिलाफ क्यों नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हुगली और हावड़ा जिलों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। राज्य में हो रहे घटनाक्रमों में बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस को मंगलवार को दार्जीलिंग से हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करते भी देखा गया। भाजपा की प्रदेश इकाई के नेता- सुकांत मजूमदार और शुभेंदु अधिकारी- ने संविधान का अनुच्छेद 355 लागू करते हुए हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की। ममता ने कहा, ‘‘हुगली और हावड़ा में हिंसा के पीछे भाजपा का हाथ है। वे बंगाल में हिंसा के लिए अन्य राज्यों से गुंडों को लेकर आए, जो हमारी संस्कृति में नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा कर हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं। लेकिन दंगाइयों का कोई धर्म नहीं है, वे महज राजनीतिक गुंडे हैं। मैं हर किसी से शांति बरतने की अपील करती हूं।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘भाजपा का कहना है कि यदि पार्टी बिहार में सत्ता में आती है, तो यह दंगाइयों को उल्टा लटका देगी। तो फिर, वह अपने उन गुंडों के लिए ऐसा क्यों नहीं कर रही, जो बंगाल में संकट पैदा कर रहे हैं? पुण्य का काम घर से ही शुरू होता है।’’

शाह ने बिहार के नवादा जिले में हाल में एक रैली में कहा था कि अगर बिहार में 2025 में भाजपा की सरकार बनती है, तो दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा। बिहार में भी राम नवमी के त्योहार के दौरान साम्प्रदायिक झड़पें हुईं थीं। ममता ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘बाम’ (वाम दल) और ‘राम’ (भाजपा) ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हाथ मिला लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं निरंतर फोन पर स्थिति की जानकारी ले रही हूं क्योंकि हम नहीं जानते कि कब और कहां भाजपा हिंसा शुरू कर देगी।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा आयोजित शोभायात्रा में लोग हथियार लिये नजर आये थे। पश्चिम बंगाल पुलिस ने पिछले हफ्ते हावड़ा जिले में राम नवमी की शोभायात्रा के दौरान अपने पास कथित तौर पर ‘रिवॉल्वर’ रखने वाले युवक को बिहार के मुंगेर से गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘उसे बिहार के मुंगेर से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान, युवक ने स्वीकार किया कि रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान उसके पास एक रिवॉल्वर थी। उसे वीडियो में देखा जा सकता है। हमने उसे राज्य सीआईडी के हवाले कर दिया है।’’

ममता ने कहा कि चूंकि बंगाल के लोग हिंसा में शामिल नहीं होते हैं, इसलिए भाजपा ने हिंसा भड़काने के लिए राज्य के बाहर से लोगों को लाना शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल सरकार हिंसा प्रभावित लोगों की आजीविका बहाल करने की हर कोशिश कर रही है। हमने हाल में एक कानून पारित किया है। यह प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई कथित उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क कर और उसकी नीलामी के जरिये करने का प्रावधान करता है।’’

ममता ने कहा, ‘‘यह एक आपराधिक कृत्य है। रामनवमी की शोभायात्रा की आड़ में उन्होंने लोगों से हिंसा भड़काने के लिए अपने साथ रिवॉल्वर और तलवारें रखने को कहा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राम नवमी की शोभायात्राओं का कभी विरोध नहीं किया, लेकिन भाजपा नेता ‘बुलडोजर’, ट्रैक्टर, पेट्रोल बम, रिवॉल्वर और तलवारें ला रहे हैं। राज्यपाल बोस ने रिसड़ा के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कहा कि हुड़दंगियों को कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार भीड़तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए मिलकर काम करेगी।

उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा ‘‘ठोस कार्रवाई’’ की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम हुड़दंगियों को कानून को अपने हाथों में लेने की कभी अनुमति नहीं देंगे। केंद्र, राज्य, राजनीतिक दल, मीडिया और जनता, भीड़तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए हाथ मिलाएंगे।’’ राज्यपाल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और स्थानीय लोगों से भी बात की। रविवार को राम नवमी की शोभायात्रा के दौरान रिसड़ा में झड़पें हुई थीं, जिनमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और पार्टी के पुरसुरा से विधायक बिमान घोष मौजूद थे। विधायक घायल हो गये थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

श्रीरामपुर में भी तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थीं, जिसके बाद निषेधाज्ञा लगा दी गई और इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई। बोस जी20 समूह की एक बैठक के लिए दार्जीलिंग गये थे। इस बीच, पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को हुगली जिले के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक दिया। मजूमदार ने बाद में राज्यपाल से मुलाकात कर मुद्दे में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने दोपहर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिख कर भी दंगा प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का जिक्र किया और स्थिति को काबू करने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की। मजूमदार ने हिंसा प्रभावित इलाकों में तुरंत केंद्रीय बलों की तैनाती के अलावा इसकी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है और यदि उन्हें बट्टाला में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई, तो वह उस स्थान पर धरने पर बैठ जाएंगे। उनकी पार्टी के सहकर्मी एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी इसी तरह की मांग करते हुए कहा, ‘‘संविधान का अनुच्छेद 355 लगाया जाए और रिसड़ा तथा शिबपुर में केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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