Meerut: दंगे में 63 मुसलमान मारे गए थे, 106 घर जलकर राख, मामूली विवाद बन गया मलियाना नरसंहार

Meerut: दंगे में 63 मुसलमान मारे गए थे, 106 घर जलकर राख, मामूली विवाद बन गया मलियाना नरसंहार

मेरठ:उत्तर प्रदेश की मेरठ कोर्ट ने मलियाना में हुए नरसंहार के 36 साल पुराने मामले के 40 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. अपर जिला व सत्र न्यायाधीश लखविंदर सूद ने यह फैसला सुनाया है. हालांकि, पीड़ित परिवारों के सदस्य कोर्ट के इस फैसले से मायूस नजर आए. उन्होंने कहा कि वह अब इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करेंगे.

आरोपियों के अधिवक्ता सीएल बंसल के मुताबिक, कोर्ट के सामने यह फैक्ट रखा गया कि पुलिस ने अपने हिसाब से केस में लोगों के नाम दर्ज किए. उन्होंने वोटर लिस्ट सामने रखकर नरसंहार में आरोपी बना दिए थे, जबकि वह बेकसूर थे. 23 मई 1987 को मलियाना चौक पर यह घटना हुई थी. पीड़ित परिवार ने 93 लोगों के खिलाफ 24 मई 1987 को नामजद केस थाने में दर्ज कराया था.

वहीं, 22 मई 1987 को हाशिमपुरा में नरसंहार हुआ था. इस नरसंहार में 42 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कोर्ट ने साल 2018 में पीएसी के 16 जवानों को आजीवान कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं, 23 मई को मलियाना में हुए नरसंहार में अब आए फैसले में किसी को सजा नहीं हुई है. इस घटना में कुल 63 लोग मारे गए थे, सभी मुस्लिम समुदाय से थे.

कैसे शुरू हुआ विवाद

स्थानीय लोग आज भी मलियाना नरसंहार की घटना को भूल नहीं पाते. वह बताते हैं कि नौचंदी में एक मेला का कार्यक्रम हुआ था. इसी दौरान एक पटाखा एक सिपाही को जा लगा. फिर सिपाही ने गुस्से में आकर गोली चला दी. इस दौरान दो मुस्लिम नागरिकों की मौत हो गई. इसके बाद विवाद गहराता गया. हाशिमपुरा चौराहे पर एक धार्मिक समारोह में फिल्मी गाने बजाने को लेकर दो समुदाय के लोग भिड़ गए. फिर यह विवाद दंगा में बदल गया.

दंगाइयों ने बच्चों को भी नहीं छोड़ा

23 मई की रात होते ही पूरे शहर में पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया था. चारों ओर दहशत का माहौल था. यहां करीब 106 घरों में आग लगा दी गई थी. लोगों के जीवनभर की कमाई एक पल में जलकर राख हो गई थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारी संख्या में सेना के अलावा पैरामिलेट्री और पीएसी के जवानों की तैनाती की गई थी. इस दौरान दंगाइयों ने पुलिस के जवानों के सामने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया. पीड़ित परिवार बताते हैं कि दंगाइयों ने बच्चों को भी नहीं छोड़ा. उन्हें आग में फेंक दिया. हालांकि, मलियाना कांड पर जब कोर्ट का फैसला आया तो वे मायूस हो गए. पीड़ितों ने कहा कि अब उन्हें सिर्फ कोर्ट से मदद की आस ही.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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