New Delhi: जयपुर ब्लास्ट के दोषियों की रिहाई, हेट स्पीच पर सुनवाई, अतीक के आतंक पर सजा, जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ

New Delhi: जयपुर ब्लास्ट के दोषियों की रिहाई, हेट स्पीच पर सुनवाई, अतीक के आतंक पर सजा, जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी गहमा-गहमी वाला है। जहां एक 2008 के जयपुर ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाने वाले 4 दोषी को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया। वहीं हेट स्पीच के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीति और धर्म को अलग कर दिया जाएगा, यह समाप्त हो जाएगा। बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा है कि रिहाई किस नियम के तहत हुई? ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 27 मार्च से 31 मार्च 2023 तक क्या कुछ हुआ। कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

फांसी की सजा पाने वाले 4 दोषी को किया बरी

राजस्थान उच्च न्यायालय ने 2008 के जयपुर बम धमाकों को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने फांसी की सजा पाने वाले चार लोगों को बरी कर दिया। चारों को 2019 में मौत की सजा सुनाई गई थी। 2008 में हुए जयपुर बम धमाके में 71 लोग मारे गए थे और 185 अन्य घायल हो गए थे। अदालत ने मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर, सैफुर रहमान और मोहम्मद सलमान को बरी कर दिया। तीनों को 2019 में मौत की सजा सुनाई गई थी। गुरुवार को जस्टिस पंकज भंडारी समीर जैन की खंडपीठ ने फैसला सुनाया। अली ने कहा कि अदालत ने राज्य पुलिस से भी अक्षम जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। 

धर्म और राजनीति अलग करने से रुकेगी हेट स्पीच

भड़काऊ भाषण देने वाले तत्वों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस क्षण राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे और राजनेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे, ऐसे भाषण बंद हो जाएंगे। शीर्ष अदालत ने नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने के लिए विभिन्न राज्य प्राधिकरणों के खिलाफ अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि जिस क्षण राजनीति और धर्म को अलग कर दिया जाएगा, यह समाप्त हो जाएगा। जब राजनेता धर्म का इस्तेमाल बंद कर देंगे तो यह सब बंद हो जाएगा।

बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई किस नियम के तहत हुई

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों की समय से पहले रिहाई के खिलाफ बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया और अपराध को भयानक बताया। यह 18 अप्रैल को मामले की व्यापक सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरथना की एक नई बेंच ने केंद्र और गुजरात सरकार से छूट से संबंधित फाइलें पेश करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास हत्या के कई मामलों में छूट की याचिकाएं हैं, पर वे लोग आज भी जेल में हैं। गुजरात सरकार बताए कि इन दोषियों को छोड़ते वक्त तय मानकों को ध्यान में रखा गया है। 

अतीक के आंतक पर सजा

प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में कथित माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। अतीक अहमद ने खुद को मिली सजा के बारे में कहा कि वह अदालत के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा। 

जामिया हिंसा केस में हाई कोर्ट ने बदला फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने स्टूडेंट एक्टिविस्ट शरजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा सहित आठ के खिलाफ दंगे और गैरकानूनी सभा करने के आरोप तय किए। निचली अदालत ने इन लोगों को आरोपमुक्त किया था। हाई कोर्ट के फैसले के  बाद अब इन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। हाई कोर्ट ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन को भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी को संवैधैनिक संरक्षण हासिल है। पर इसका शांतिपूर्ण होना भी जरूरी है। 


 vhzjis
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *