क्या राहुल मामले पर सचमुच विदेशी मदद चाह रही है कांग्रेस? आखिर हंगामा क्यों है बरपा?

क्या राहुल मामले पर सचमुच विदेशी मदद चाह रही है कांग्रेस? आखिर हंगामा क्यों है बरपा?

राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने का मुद्दा गर्माता जा रहा है। पहले इस पर अमेरिका का बयान आया और अब जर्मनी ने भी इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है जिसको लेकर देश में राजनीति गर्मा गयी है। राहुल गांधी के मुद्दे का जर्मनी की ओर से संज्ञान लिये जाने के बाद दोनों प्रमुख दलों ने एक-दूसरे पर नए सिरे से वार-पलटवार किए हैं। भाजपा ने कांग्रेस पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए ‘विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने’ का आरोप लगाया तो विपक्षी दल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा अडाणी मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। हम आपको बता दें कि भाजपा ने कांग्रेस पर उस वक्त निशाना साधा जब उसके वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने जर्मनी के विदेश मंत्रालय का आभार जताया। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी को परेशान करके भारत में लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है और इसका संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय तथा डॉयचे वैले के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वाकर का शुक्रिया।’’ दिग्विजय सिंह ने वाकर का एक ट्वीट टैग किया जिसमें राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता से अयोग्यता पर प्रतिक्रिया देते हुए जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का एक वीडियो है।

हम आपको बता दें कि जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमने भारत में विपक्षी नेता राहुल गाधी के खिलाफ फैसले और उनकी संसदीय सदस्यता निलंबित किए जाने का संज्ञान लिया है।’’ प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, ‘‘हमारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी फैसले को चुनौती दे सकते हैं। तब यह स्पष्ट होगा कि क्या यह फैसला टिक पाएगा और क्या निलंबन का कोई आधार है?’’ प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी को उम्मीद है कि ‘न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत’ समान रूप से राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर लागू होंगे।

इसके बाद भाजपा के कई नेताओं ने कांग्रेस और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को आमंत्रित कर रहा है। केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कटाक्ष किया, ‘‘भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने की खातिर राहुल गांधी का आभार।’’ रीजीजू ने कहा, ‘‘याद रखिए, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती। भारत अब और ‘विदेशी प्रभाव’ को सहन नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री हैं - नरेंद्र मोदी जी।’’ 

उधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संस्थाओं पर हमले एवं उनकी डराने-धमकाने की राजनीति से देश के लोकतंत्र के समक्ष जो ख़तरे उत्पन्न हुए हैं,’ उनसे भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को स्वयं ही निपटना होगा। जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस का स्पष्ट तौर पर मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संस्थाओं पर हमले एवं उनकी डराने धमकाने की राजनीति से हमारे लोकतंत्र के समक्ष जो ख़तरे उत्पन्न हुए हैं, उनसे भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को स्वयं ही निपटना होगा। कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां निडरता से उनका मुक़ाबला करेंगी।’’ रीजीजू पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘रीजीजू जी, मुख्य मुद्दे से ध्यान क्यों हटा रहे हैं? मुद्दा यह है कि प्रधानमंत्री, अडाणी मामले में राहुल गांधी के सवालों का जवाब नहीं दे सकते।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने के बजाय कृपया प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

उधर, दिग्विजय सिंह के ट्वीट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘यह देश के लिए अपमानजनक है कि कांग्रेस और राहुल गांधी भारत की लोकतांत्रिक, राजनीतिक और कानूनी लड़ाई को देश के भीतर लड़ने में विश्वास नहीं करते, वे विदेशी शक्तियों को हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए आमंत्रित करते हैं। परंतु प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में नया भारत किसी विदेश दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा।’’

वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि कांग्रेस हमारे मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चाहती है। वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करती है जिसमें अपारदर्शी बातें होती हैं। विदेश में संवाद के दौरान सरकार बदलने के लिए मदद मांगी जाती है। जब मदद आती है तो उनका धन्यवाद किया जाता है। क्या किसी और सबूत की जरूरत है?’’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी सीतारमण के ट्वीट को रिट्वीट किया।

दूसरी ओर, दिग्विजय सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए भाजपा के विदेश विभाग के प्रमुख विजय चौथाईवाले ने ट्वीट किया, ‘‘देखिए, दिग्विजय जी जर्मनी से आये बयान से कितने खुश हैं। यह केवल यही दिखाता है कि वे घरेलू मामलों में विदेशी एजेंसियों को शामिल करने के लिए कितने बेचैन हैं।’’ उधर, भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी दिग्विजय सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, ‘‘शर्म की बात है कि कांग्रेस लगातार विदेशी एजेंसियों का सहारा ले रही है और भारत के आंतरिक मामलों में उनका हस्तक्षेप चाह रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने हाल में यूरोप और अमेरिका से हस्तक्षेप को कहा था और अब दिग्विजय सिंह। लेकिन कानून तो कानून है।’’

भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी राहुल गांधी के मामले में जर्मनी और अमेरिका के बयान पर जश्न मना रही है जो उनकी राजनीतिक हताशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय मतदाताओं से नकारे जाने के बाद अब विदेशी शक्तियों द्वारा स्वीकार्यता की कोशिश करना कांग्रेस की दुखद वास्तविकता है। न्यायपालिका को कांग्रेस ब्रिगेड द्वारा अदालतों की छवि खराब किये जाने का संज्ञान लेना चाहिए।’’ दूसरी ओर, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भाजपा सिर्फ गलत आरोप लगाना जानती है।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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