सौरव गांगुली का जब इंग्लैंड में हुआ मौत से सामना, सिद्धू थे साथ, थर थर कांप रहे थे दादा

सौरव गांगुली का जब इंग्लैंड में हुआ मौत से सामना, सिद्धू थे साथ, थर थर कांप रहे थे दादा

नई दिल्ली: सौरव गांगुली हमेशा सबसे बहादुर भारतीय क्रिकेटरों में से एक माने जाते हैं. लेकिन जब आपके सिर पर बंदूक तान दी जाती है, तो आपके पैर कांपने लगते हैं. ऐसे में कोई कितना भी बहादुर क्यों ना हो, उसकी भी जान हलक में अटक जाती है. ऐसा ही एक हादसा पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के साथ भी हुआ है, जब उनके सामने एक लड़के ने बंदूक तान दी थी. सिर पर बंदूक तनी देख गांगुली को लगने लगा था कि यह उनका आखिरी दिन है, लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया और एक लकड़ी की वजह से उनकी जान बच गई.

इयान बॉथम के साथ बीफी क्रिकेट टेल्स में सौरव गांगुली ने बताया था कि कैसे एक बार भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान उन्होंने सोचा था कि वह मरने वाले हैं, जब उनका नशे में धुत कुछ टीनेजर्स के सामना हो गया था. ‘ट्रबल्स इन इंग्लैंड’ नाम के चैप्टर में पूर्व कप्तान ने इस पर बात की है कि कैसे इस घटना के बाद से जब भी वह इंग्लैंड का दौरा करते हैं तो लगभग हमेशा अपने दम पर यात्रा करते हैं और ट्यूब या बसों का उपयोग नहीं करते हैं.

सौरव गांगुली ने इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा था, ”हम (नवजोत सिंह सिद्धू और सौरव गांगुली) ट्यूब पर चढ़े और पिनर की ओर चल पड़े. हमारी गाड़ी में टीनेजर्स (दो लड़कों और तीन लड़कियों) का एक समूह था और वे शराब पी रहे थे. हम उनके सामने बैठे थे और मैं देख सकता था कि उनमें से एक बियर पीते हुए हमें देख रहा था.” क्रिकेटर ने बताया कि वह जानते थे कि उनमें से एक व्यक्ति लड़ाई शुरू करने के लिए उनसे रिएक्शन हासिल करने की कोशिश कर रहा था. गांगुली इन बच्चों से कोई लेना-देना नहीं चाहते थे और यहां तक ​​कि उन्होंने सिद्धू को शांत रहने के लिए कहा. सौरव गांगुली ने बताया कि मैंने बियर का कैन उठाया और चुपचाप उसे एक तरफ रख दिया, जब उनमें से एक लड़का बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने आ गया.

पूर्व भारतीय कप्तान ने आगे बताया, ”मैंने उनसे कहा कि मैंने कुछ नहीं कहा, लेकिन सिद्धू बीच में आ गए और उनसे भिड़ गए. मुझे तब पता था कि कुछ परेशानी होने वाली है. मैंने अपना चश्मा उतार दिया और उसे अपने से दूर फर्श पर फेंक दिया. जो कुछ भी आने वाला था, मैं उसके लिए तैयार हो गया. कुछ घूंसे मारे गए और जैसे ही हम स्टेशन पहुंचे, मैंने लड़के को धक्का दिया और वह गिर गया. वह उठा और अगली चीज जो मैंने देखी, वह मेरे चेहरे पर बंदूक थी. मैंने सोचा, ‘हे भगवान, मेरा जीवन इस ट्रेन में समाप्त होने जा रहा है.”

इसके बाद गांगुली ने कहा, ”मैं कांप रहा था और बहुत टेंशन में भी था. लेकिन शुक्र है कि मेरा दौरा और मेरा जीवन जारी रहा.” क्योंकि उस समय एक फिल्म में एक नायक की तरह, एक लड़की, जिसे गांगुली ने ‘काफी बड़ी और वास्तव में मजबूत’ बताया, बीच में आई और उस लड़के को बंदूक समेत बाहर खींच लिया.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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