लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। 2024 के चुनाव में अब 1 साल का वक्त बचा हुआ है। हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा मुसलमानों को भी साधने की कोशिश कर रही है। पहले ही नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दे दिया है। अब राजनीतिक नजरिए से भी मुस्लिमों को साथ लाया जा रहा है। खुद हैदराबाद में भाजपा की बैठक में नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुसलमानों को साथ लाने की अपिल की थी। अब इसी कड़ी में भाजपा की ओर से मोदी मित्र की शुरूआत की जा रही है। पार्टी देश के 65 मुस्लिम बहुल जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के 5000 मोदी मित्र बनाएगी।
मोदी मित्र का काम अपने-अपने जिलों में मुसलमान मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने का रहेगा। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के जिलों को शामिल किया गया है। इन दोनों ही राज्यों के 13-13 जिले शामिल होंगे। इसके अलावा बिहार, असम और केरल के मुस्लिम बहुल जिलों को इसमें शामिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक यह योजना 25 अप्रैल से शुरू होगी। इसके साथ ही मुस्लिमों का साथ लेकर जनसंपर्क अभियान भी शुरू हो रहा है जिससे की पार्टी को आगामी चुनाव में मुसलमानों का साथ मिल सके। इस तरह के अभियान का मकसद मुस्लिमों के घर-घर में जाकर मोदी सरकार की नीतियों, योजनाओं और कार्यों से लोगों को अवगत कराना है।
इसके अलावा पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सूफी संवाद महा अभियान नामक एक मुस्लिम आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए भाजपा ने देश भर में इस मेगा आउटरीच प्रयास को करने के लिए 150 गैर-राजनीतिक लोगों की एक टीम को एक साथ रखा है। इन लोगों को अलग-अलग टीमों में विभाजित किया जाएगा। यह टीम अल्पसंख्यकों में मोदी सरकार के कामों को बताएगी और उन्हें पार्टी से भी जोड़ेगी। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को उनके लिए किए गए कार्यों से अवगत कराने के लिए टीमें कई मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगी।

 
	
	


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