New Delhi: बजट सत्र का दूसरा चरण, राहुल गांधी पर देशद्रोह का मामला चलाने और संसद सदस्यता समाप्त करने की माँग तेज

New Delhi: बजट सत्र का दूसरा चरण, राहुल गांधी पर देशद्रोह का मामला चलाने और संसद सदस्यता समाप्त करने की माँग तेज

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर लंदन में दिये गये अपने भाषणों को लेकर शिकंजा कसता जा रहा है। आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ और ऐसे में मांग तेज हो गयी है कि राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त की जाये क्योंकि उन्होंने भारतीय संसद के बारे में विदेशी मंच से जो कुछ कहा उसने भारत के लोकतंत्र को शर्मसार किया है। अभी एक दिन पहले कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहुल गांधी का नाम लिये बिना उन पर निशाना साधा तो आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विदेश से भारत को बदनाम करना बंद करें राहुल गांधी। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को संसद से माफी मांगनी चाहिए।

हम आपको यह भी बता दें कि इसके अलावा, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी सदन में कहा कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती से संसद का अपमान किया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी राहुल गांधी के बयान की निंदा की। वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मांग की है कि राहुल गांधी के विचार और आचरण देशद्रोही और टुकड़े-टुकड़े गैंग से कम नहीं हैं इसलिए राहुल गांधी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। 

हम आपको यह भी बता दें कि इससे पहले भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विदेशी धरती पर दिए गए उनके कुछ विवादास्पद बयानों के लिए उन्हें देश से निकाल करके फेंक दिया जाना चाहिए। प्रज्ञा ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि चाणक्य ने कहा था कि ‘‘विदेशी महिला से उत्पन्न पुत्र कभी देशभक्त नहीं हो सकता’’ और ‘‘राहुल गांधी ने इस कथन को सच साबित कर दिया है।’’ प्रज्ञा ठाकुर ने आगे कहा, ‘‘हमारे भारत के नहीं हो, मान लिया हमने, क्योंकि जो आपकी माताजी हैं वह इटली की हैं।’’ 

हम आपको याद दिला दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले सोमवार को लंदन में ब्रिटिश सांसदों से कहा था कि भारत की लोकसभा में विपक्ष के लिए माइक अकसर ‘खामोश’ करा दिए जाते हैं। राहुल ने हाउस ऑफ कॉमन्स परिसर में स्थित ग्रैंड कमेटी रूम में विपक्षी दल लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद वीरेंद्र शर्मा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी की देशभर में व्यापक निंदा की गयी है। राज्यसभा के सभापति, उपसभापति ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना उनकी टिप्पणी को असत्य बताया है तो वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी कहा है कि सदन में सबको अपनी बात रखने की अनुमति दी जाती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि सभी सांसदों को संसद में अपने विचार व्यक्त करने का ‘‘निर्बाध अधिकार’’ है। ओम बिरला ने बहरीन के मनामा में अंतर-संसदीय संघ की 146वीं सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत में एक मजबूत सहभागी लोकतंत्र और एक जीवंत बहुदलीय प्रणाली है जहां लोगों की आशाएं और आकांक्षाएं निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं और लोकसभा में सभी सदस्य अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर रविवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा था कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। राहुल गांधी का नाम लिये बिना लंदन में की गई ‘भारतीय लोकतंत्र के खतरे में होने’ संबंधी कांग्रेस नेता की टिप्पणी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की जड़ें हमारे सदियों के इतिहास से पोषित हैं। भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को इस दुनिया की कोई ताकत नुकसान नहीं पहुंचा सकती। इसके बावजूद कुछ लोग इसे लगातार कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।’’

इसके अलावा, राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ाने वाली एक और खबर की बात करें तो आपको बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को लेकर एक संसदीय समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है और उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। दरअसल बजट सत्र के पहले भाग में राहुल गांधी के भाषण के बाद निशिकांत दुबे ने सात फरवरी को उनके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया था। राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान हिंडनबर्ग-अडाणी मुद्दे पर टिप्पणी की थी। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा गांधी की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने के बावजूद वे अब भी उनके और कांग्रेस के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनलों पर उपलब्ध हैं। हम आपको बता दें कि भाजपा सांसद सुनील सिंह इस समिति के अध्यक्ष हैं। निशिकांत दुबे के हवाले से एक सूत्र ने कहा, ‘‘न केवल एक बल्कि तीन प्रकार के विशेषाधिकार उन पर लागू होते हैं और वह आदतन ‘अपराधी’ हैं और इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए।’’ निशिकांत दुबे ने अपनी बात की पुष्टि के लिए दस्तावेज और रिपोर्ट भी पेश किए और इनके जरिए दावा किया कि गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और व्यवसायी गौतम अडाणी के विभिन्न सौदे, जिनका राहुल गांधी ने उल्लेख किया था, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान किए गए थे। सूत्रों के मुताबिक निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने बिना पूर्व सूचना दिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाए जो न केवल लोकसभा के सदस्य हैं बल्कि सदन के नेता भी हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकसभा के नियमों का उल्लंघन है। सूत्रों ने निशिकांत दुबे के हवाले से कहा कि इसी तरह अपने भाषण में उन्होंने कई देशों के शासनाध्यक्षों का नाम लिया जो नियमों का उल्लंघन भी है। उन्होंने बताया कि बैठक में निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपनी हटाई गई टिप्पणी को अपने यूट्यूब अकाउंट और कांग्रेस पार्टी के अकाउंट पर पोस्ट किया है। निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी की बर्खास्तगी की अपनी मांग के समर्थन में 1976 में सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा से निष्कासित करने का हवाला दिया।


 kvsj1f
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *