दुबई: 7 सालों की दुश्मनी के बाद अब ईरान (Iran) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) के बीच एक बार फिर राजनयिक रिश्ते बहाल हो गए हैं. दोनों देशों ने अपने दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमत हो गए हैं. यह कूटनीतिक जीत चीन (China) की मध्यस्थता के कारण संभव हो पाई है. खबरों के मुताबिक इस सप्ताह बीजिंग में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच लंबी चर्चा हुई है. दोनों देशों ने चीन के साथ समझौते पर शुक्रवार को एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की है. हालांकि चीन की सरकारी मीडिया एजेंसी ने इस समझौते की जानकारी तुरंत जारी नहीं की थी. ऐसा कहा गया है कि दोनों देश यमन में वर्षों से चले आ रहे युद्ध को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.
ईरान के सरकारी मीडिया ने बैठक के चित्रों और वीडियो को पोस्ट किया है. इसमें सऊदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुसाद बिन मोहम्मद अल ऐबन और चीन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक वांग यी के साथ ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शामखानी दिखाई दे रहे हैं. ईरान के सरकारी टीवी के अनुसार इस समझौते के बाद अब दोनों देशों के विदेश मंत्री राजदूतों के आदान-प्रदान की तैयारी के लिए मिलेंगे. बताया जा रहा है कि बीते चार दिनों से दोनों देशों के बीच चर्चा चल रही थी, लेकिन उसे गुप्त रखा गया था. अब संयुक्त बयान में दोनों देशों के संबंधों को फिर से स्थापित करने और दूतावासों को ‘ दो महीने की अधिकतम समय सीमा के भीतर’ फिर से खोलने की बात कही गई है.
चीन ने किया समझौते का समर्थन, कहा- दोनों देशों ने उठाया समझदारी भरा कदम
ईरानी मीडिया द्वारा प्रसारित फुटेज में चीनी राजनयिक वांग को दोनों देशों के इस समझदारी भरे कदम पर पूरे दिल से बधाई देते हुए सुना जा सकता है. वांग ने कहा कि दोनों पक्षों ने ईमानदारी दिखाई है और चीन इस समझौते का पूरा समर्थन करता है. दरअसल चीन ने हाल ही में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को आमंत्रित किया था. चीन के राष्ट्रपति शीन जिनपिंग भी रियाद गए थे और तेल समृद्ध खाड़ी अरब देशों के साथ बैठकों में भाग लिया था.