क्या राजभर का पेंडुलम सा होता जा रहा नेचर तोड़ देगा सुभासपा को

क्या राजभर का पेंडुलम सा होता जा रहा नेचर तोड़ देगा सुभासपा को

सपा भाजपा के बीच पेंडुलम से बने ओपी राजभर को कल लगे झटके की वजह उनके अनिर्णय की स्थिति में होना बताया जा रहा है । कल सुभासपा के राष्ट्रीय सचिव रमाकांत कश्यप और प्रदेश उपाध्यक्ष सीपी निषाद ने तमाम समर्थकों के साथ सुभासपा से किनारा कर बीजेपी गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी ज्वाइन कर ली । 

सुभासपा छोड़कर निषाद पार्टी में आए रमाकांत कश्यप ने कहा कि ओम प्रकाश राजभर के बेटे ने कश्यप समाज को भिखमंगा कहा। सुभासपा परिवार की पार्टी बनकर नह गई है। मुझे मैनपुरी में डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव में उतारा और फिर बड़ी चतुराई से पर्चा खारिज करा दिया। निषाद पार्टी के डा. संजय निषाद ने भी राजभर पर ज़बानी हमला किया बोले कि अगर इन पर गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज है तो अब तक अपनी पार्टी में राजभर ने इन्हें क्यों रखा। यह सब बकवास है। वह अपनी जाति के लोगों का भला नहीं कर पाए तो दूसरों का क्या करेंगे।

निषाद पार्टी में शामिल होने वालों में सुभासपा के प्रदेश उपाध्यक्ष (पश्चिम) रविन्द्र यादव, मंडल कोआर्डिनेटर सहदेव प्रजापति, मंडल अध्यक्ष सुमन कुमारी और महिला मोर्चा औरैया की जिलाध्यक्ष सुमन कुमारी सहित अन्य शामिल हैं।

सुभासपा में मची इस भगदड़ का जिम्मेदार सीधे सीधे अरुण राजभर का भिखमंगा बयान और ओपीराजभर की कभी नीम कभी शहद वाली पोजिशन बताई जा रही है । सत्ता सुख की अरसे से बाट जोह रहे सुभासपा के तमाम अन्य पदाधिकारी , कार्यकर्ता भी भारी पशोपेश में है और ऊपरी मुस्कराहट चेहरे पर लिए हुए , अपने साहब पर भरोसा जताते हुए अंदर ही अंदर क्या बताएं यार जैसे भाव समेटते हुए पीले गमछे की लाज बचाने की जुगत भिड़ाने में लगे हुए हैं ।

(अभिनव द्विवेदी)


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