भारतीय कप्तान ने जब मैच के बीच दे दिया था धरना: मुकाबला हारे लेकिन जीत लिया दिल, दिलचस्प है वजह

भारतीय कप्तान ने जब मैच के बीच दे दिया था धरना: मुकाबला हारे लेकिन जीत लिया दिल, दिलचस्प है वजह

नई दिल्ली: क्रिकेट में बल्लेबाज और गेंदबाज की राइवलरीज़ के किस्से काफी मशहूर हैं. कई बार जीत-हार के चक्कर में हद पार हो जाती है और खिलाड़ी बुरी तरह चोटिल हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ 1976 में भारत के वेस्टइंडीज दौरे पर हुआ था. तब दोनों देशों के बीच किंग्सटन में चौथा टेस्ट खेला गया था और इस मैच में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग भारतीय सलामी बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड़ से इतना चिढ़ गए थे कि उन्हें ऐसी तेज रफ्तार बाउंसर मारी कि उनका कान ही फूट गया था. उनके अलावा भी उस टेस्ट में कई खिलाड़ी चोटिल हुए थे. इस टेस्ट में काफी ड्रामा हुआ था. उसकी कहानी आपको सुनाते हैं.

1976 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी. तीन टेस्ट के बाद सीरीज 1-1 से बराबर थी. आखिरी मैच जमैका के सबीना पार्क में खेला गया था और इसी टेस्ट में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों ने कई भारतीय बल्लेबाजों को चोटिल कर दिया था. इस टेस्ट में भारत ने पहले बैटिंग की थी. सुनील गावस्कर और अंशुमन गायकवाड़ ने अच्छी शुरुआत की थी. लंच तक दोनों बल्लेबाज जमे रहे. इससे वेस्टइंडीज की टीम परेशान हो गई थी. लंच के बाद कैरेबियाई गेंदबाजों ने बाउंसर का इस्तेमाल करने का फैसला किया. वेस्टइंडीज का इरादा साफ था कि अगर भारतीय बल्लेबाजों को आउट न कर पाएं तो चोटिल ही कर दें.

वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों ने खूब बरसाई बाउंसर

सुनील गावस्कर और अंशुमन गायकवाड़ के बीच पहले विकेट के लिए 136 रन की साझेदारी हो चुकी थी. गावस्कर को होल्डिंग ने क्लीन बोल्ड कर दिया. इसके बाद मोहिंदर अमरनाथ ने 39 रन बनाए. लेकिन,अमरनाथ के आउट होने के बाद वेस्टइंडीज के गेंदबाज भारत पर हावी होने लगे. अंशुमन गायकवाड़ 81 रन पर खेल रहे थे तो माइकल होल्डिंग की एक बाउंसर उनके कान पर जा लगी और उनके कान से खून बहने लगा.

उन्हें अस्पताल जाना पड़ा था. बृजेश पटेल का भी यही हाल हुआ. एक-एक भारतीय बल्लेबाजों को चोटिल होता देख, भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने 6 विकेट पर 306 पर पहली पारी घोषित कर दी. कप्तान बेदी घायल होने के डर से बैटिंग के लिए नहीं उतरे. वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 391 रन ठोके थे.

दूसरी पारी में सिर्फ 5 भारतीय बल्लेबाजी बैटिंग कर पाए

दूसरी पारी में तो भारत का और बुरा हाल हुआ. 97 रन पर 5 विकेट गिर गए थे. इसके बाद बिशन सिंह बेदी ने भारत की पारी ही घोषित कर दी. चोटिल अंशुमन गायकवाड़, बृजेश पटेल और गुंडप्पा विश्वनाथ के साथ ही बिशन सिंह बेदी और बीएस चंद्रशेखर बल्लेबाजी के लिए उतरे ही नहीं. तब बेदी ने कहा था कि उन्हें और चंद्रशेखर को भी फील्डिंग के दौरान हाथ में चोट लग गई थी. ऐसे में 5 विकेट गिरने के बाद भारत के पास बैटिंग के लिए खिलाड़ी ही नहीं बचे थे. इस तरह दूसरी पारी में भारत 97 रन ही बना पाया था. बाद में वेस्टइंडीज ने ये टेस्ट 10 विकेट से जीता था.

बेदी की फैसले के लिए आलोचना भी हुई

इस टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों द्वारा अपनाई गई रणनीति का खुलकर विरोध किया था. लेकिन, भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी की इस बात को लेकर आलोचना भी हुई कि उन्होंने बिना बैटिंग किए ही पारी घोषित कर दी थी.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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