कश्मीर प्रतिभाओं की खान है। यहां के युवाओं को पहले अगर अवसर मिले होते तो आज हमारा कश्मीर यकीनन रूप से बहुत आगे होता। अब देखिये कश्मीर में माहौल बदला और युवाओं को कुछ नया कर दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तो कैसे तेजी से परिणाम सामने आ रहे हैं। हम आपको बता दें कि एक सरकारी स्कूल के शिक्षक राजा वसीम नजीर ने खराब मौसम के दौरान बागवानों और किसानों को भारी नुकसान से बचाने के लिए एक ऑटो-प्रोटेक्शन मॉडल विकसित किया है, जिसके चलते हर जगह उनकी सराहना हो रही है।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के सल्लार गांव के रहने वाले राजा वसीम नजीर ने जो मॉडल बनाया है वह ओलावृष्टि में अपने आप काम करने लगता है क्योंकि यह यांत्रिक रूप से संचालित होता है। ओलावृष्टि का पता लगाने के लिए इसमें सेंसर लगे हैं। सेंसर को जैसे ही पता चलता है कि ओलावृष्टि होने वाली है वह तत्काल एक जाल फैलाता है जो फसल को ओलों के विनाशकारी प्रभावों से बचाता है। हम आपको बता दें कि यह मॉडल वर्षा जल को भी बचा सकता है जिसका उपयोग बाद में बागों और फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है। यह एक पर्यावरण के अनुकूल मॉडल है जोकि पर्यावरण की रक्षा करने वाले कीटों जैसे कि मधु मक्खियों को नहीं मारता है।