New Delhi: भारत-चीन न होते तो छिड़ जाती एटमी जंग, यूक्रेन के खिलाफ पुतिन के तेवर पर बोले अमेरिकी विदेश मंत्री

New Delhi: भारत-चीन न होते तो छिड़ जाती एटमी जंग, यूक्रेन के खिलाफ पुतिन के तेवर पर बोले अमेरिकी विदेश मंत्री

नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) को लेकर बड़ा बयान दिया है. ब्लिंकन के मुताबिक इस युद्ध को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimit Putin) यूक्रेन पर काफी पहले ही परमाणु हमला कर चुके होते. ब्लिंकन ने संभावना जताई कि ऐसा करने से भारत और चीन से उसे रोका होगा. जी20 समिट के लिए अपनी भारत यात्रा से पहले द अटलांटिक को दिए इंटरव्यू में ब्लिंकन ने कहा, “इस युद्ध में पुतिन ज्यादा तर्कहीन तरीके से रिएक्ट कर सकते थे. मॉस्को की तरफ से बार-बार परमाणु हमले की धमकी भी दी गई. ये चिंता का विषय है.”

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, हमने उन सभी देशों से इस युद्ध को खत्म करवाने का आग्रह किया था जिनके रूस से बेहतर संबंध हैं. मुझे लगता है कि भारत और चीन ने ऐसा किया जिसका कुछ असर हुआ और रूस को यूक्रेन पर परमाणु हमला करने से रोक दिया. ब्लिंकन ने भारत के अन्य देशों से संबंधों पर कहा, “रूस दशकों से भारत के करीब रहा है और उसे सैन्य उपकरण मुहैया कराता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में हमने देखा है कि वह केवल रूस पर भरोसा करने के बजाय हमारे और फ्रांस जैसे अन्य देशों के साथ साझेदारी को आगे बढ़ा रहा है.”

इससे पहले ब्लिंकन ने चीन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का ‘घातक समर्थन’ जारी रखने को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि इसके अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर ‘गंभीर प्रभाव’ होंगे.

अगले हफ्ते भारत आएंगे ब्लिंकन

बता दें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे और अमेरिका की ओर से मजबूत भागीदारी की पुष्टि करने के लिए वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता संभाली थी

अमेरिकी विदेश मंत्री तीन मार्च तक भारत में रहेंगे. ब्लिंकन 28 फरवरी से दो मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान की यात्रा के बाद भारत पहुंचेंगे.

वह मध्य एशिया के पांच देशों के प्रतिनिधियों के साथ ‘सी5प्लस1’ मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेंगे. इसमें कजाकिस्तान, किर्गिस गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच आर्थिक, ऊर्जा, पर्यावरणीय तथा सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की जाएगी.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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