पंजाब के हालात को देखते हुए पूरे देश में चिंता व्यक्त की जा रही है क्योंकि अंदेशा है कि कहीं खालिस्तान समर्थक हावी ना हो जाएं। केंद्र सरकार भी पंजाब के हालात पर नजर बनाये हुए है और राज्य सरकार के साथ संपर्क में है। दरअसल कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तानियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों द्वारा अपने सहयोगी को रिहा कराने के लिए पुलिस थाने पर किए गए हमले ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। उल्लेखनीय है कि राइफल और तलवारों से लैस अमृतपाल के समर्थकों ने अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था और लवप्रीत सिंह ‘तूफान’ के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले को वापस लेने का वादा करने के लिए अधिकारियों को मजबूर किया था।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि पंजाब सरकार से पहले ही कहा जा चुका है कि वह अमृतपाल सिंह की गतिविधियों पर नजर रखे। अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के हालात पर करीबी नजर रख रही है, क्योंकि यह संवेदनशील सीमावर्ती राज्य है और कानून का उल्लंघन करने वाली कोई भी घटना और जिसका व्यापक प्रभाव है, वो चिंता का विषय है। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि क्या केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से घटना और राज्य में व्याप्त स्थिति को लेकर कोई रिपोर्ट मांगी है या नहीं।
उधर, पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था और पुलिसकर्मियों पर ‘कायरतापूर्ण’ तरीके से हमला किया था, जिसमें छह लोग घायल हो गए थे। उन्होंने कहा है कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किये जाने का आश्वासन देने के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने तेज धार वाले हथियारों का इस्तेमाल किया। गौरव यादव ने कहा, ‘‘पुलिसकर्मियों पर कायरतापूर्ण तरीके से हमला किया गया, जिसमें छह पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने गुरु ग्रंथ साहिब की मर्यादा के कारण बहुत ही संयम के साथ काम किया और इसे संरक्षित किया। अगर पुलिस ने गोलीबारी की होती, तो स्थिति और खराब हो सकती थी, लेकिन हमने संयम के साथ काम किया।’’
डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस शांति और सद्भाव का माहौल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व राज्य में शांति का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना में देश के पूर्व हॉकी खिलाड़ी जुगराज सिंह सहित छह पुलिस अधिकारी घायल हो गए। यह पूछे जाने पर कि क्या बृहस्पतिवार को अजनाला में हुई हिंसा के संबंध में मामला दर्ज किया गया है, यादव ने कहा कि वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है और घायल पुलिसकर्मियों का बयान तब दर्ज किया जाएगा, जब वे स्वस्थ हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या बृहस्पतिवार की घटना के संदर्भ में भीड़ ही कानून और व्यवस्था की शर्तें तय करेगी, डीजीपी यादव ने कहा, ‘‘युवा पंजाबी हैं, वे हमारे नागरिक हैं। वे दुश्मन नहीं हैं, वे पाकिस्तानी नहीं हैं। बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रहता है।' दूसरी ओर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब में हालात सामान्य हैं और शांति बनी हुई है।
इस बीच, पंजाब सहित पूरे देश में सवाल उठ रहा है कि अमृतपाल सिंह केवल खालिस्तान समर्थक है या वह असल में ‘‘भिंडरावाले 2.0’’ है? हम आपको बता दें कि सफेद चोला और गहरे नीले रंग की पगड़ी पहने तथा अक्सर हथियारबंद समर्थकों के साथ घिरे रहने वाला कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल कुछ समय से पंजाब में काफी सक्रिय है। अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला में सैंकड़ों हथियारबंद लोगों द्वारा एक थाने में घुसने की घटना के केंद्र में रहा 29 वर्षीय अमृतपाल वह नाम है जिसने केंद्र और राज्य, दोनों सरकार को निशाने पर लिया है। उसने सत्ता प्रतिष्ठान को झुकने और एक प्रमुख सहयोगी को रिहा करने के लिए मजबूर किया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी। दुबई में रह चुके अमृतपाल सिंह को हाल में अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख नियुक्त किया गया था। हम आपको याद दिला दें कि दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
अमृतपाल सिंह के बारे में यह भी जानकारी मिलती है कि वह अपने परिवार के ट्रांसपोर्ट के कारोबार में काम करता था। अमृतपाल सिंह को उस संगठन का प्रमुख बनाया गया जिसे दीप सिद्धू ने ‘‘पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने और सामाजिक मुद्दों को उठाने के’’ नाम पर बनाया था। भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करने वाले अमृतपाल सिंह ने पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कुछ विवादित भाषण दिए हैं। अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला अमृतपाल सिंह मारे गए आतंकी भिंडरावाले की तरह हथियारबंद लोगों के साथ घूमता है। अमृतपाल के कुछ समर्थक उसे ‘‘भिंडरावाले 2.0’’ कहते हैं। हम आपको यह भी बता दें कि उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हाल में कथित तौर पर धमकी दी थी, जिसमें कहा गया था कि उनका हश्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा। इस महीने की शुरुआत में, अमृतपाल सिंह ने अपने पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक सादे समारोह में ब्रिटेन में रहने वाली अनिवासी भारतीय (एनआरआई) किरणदीप कौर से शादी की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी एनआरआई पत्नी के साथ अमृतसर में ही रहेगा जैसा कि वह युवाओं से विदेश नहीं जाने के लिए कहता रहा है, अमृतपाल सिंह ने कहा कि उसकी शादी ‘रिवर्स माइग्रेशन’ का एक उदाहरण है। अमृतपाल सिंह ने कहा कि वह और उसकी पत्नी पंजाब में रहेंगे।