Rajasthan: कांग्रेस पर हमला करेंगे 55 हजार वॉट्सऐप ग्रुप; MP-MLA की हर पोस्ट पर नजर, 80 लाख के बजाय 4 करोड़ वोटर्स तक पहुंचना टारगेट

Rajasthan: कांग्रेस पर हमला करेंगे 55 हजार वॉट्सऐप ग्रुप; MP-MLA की हर पोस्ट पर नजर, 80 लाख के बजाय 4 करोड़ वोटर्स तक पहुंचना टारगेट

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में 10 महीने से भी कम समय बचा है। अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। दोनों चुनावों में राजस्थान जीतने के लिए बीजेपी ने मास्टर प्लान तैयार किया है।

चुनाव में जितना जोर ऑनग्राउंड कैंपेनिंग पर रहेगा, उतना ही फोकस ऑनलाइन कैंपेनिंग पर भी रहेगा। इसके बीजेपी के सबसे बड़े हथियार होंगे- वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम।

अब तक बीजेपी राजस्थान में सोशल मीडिया के जरिए 80 लाख लोगों से जुड़ी हुई है। इस आंकड़े को चुनावों में 4 करोड़ तक ले जाने का टारगेट है।

बीजेपी 55 हजार वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए कांग्रेस पर डिजिटल हमला करेगी। हर विधानसभा के लिए अलग सोशल मीडिया पेज बनाया जा रहा है।

इस काम को अंजाम देगी भाजपा की 3200 लोगों की टीम। अब तक 2700 लोगों को सोशल मीडिया टीम के तौर पर अलग-अलग स्तर पर जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं।

प्रदेश स्तर पर प्रोफेशनल्स के तौर पर कंटेट राइटर, ग्राफिक डिजायनर, वीडियो एडिटर और कार्टूनिस्ट सहित 10 लोगों की टेक्निकल टीम अलग से बनाई गई है। यह टीम पार्टी के प्रचार के वीडियो, ग्राफिक्स और कंटेंट तैयार करेगी। फिर सोशल मीडिया के जरिए इनको लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

सांसद-विधायकों के सोशल हैंडल्स की लगातार मॉनिटरिंग, हर माह टॉप 5 की रैंकिंग

पार्टी के प्रचार और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने में सोशल मीडिया पर बड़े नेताओं की एक्टिवनेस को लेकर भी भाजपा गंभीर है।

सभी सांसदों, विधायकों, प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा अध्यक्षों, जिलाध्यक्षों की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है कि वे सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं या नहीं?

फॉलोअर्स की संख्या और नेताओं के सोशल हैंडल्स पर शेयर की जा रही पोस्ट की संख्या के लगातार एनालिसिस से उनकी एक्टिवनेस पर नजर रखी जा रही है।

सभी बड़े नेताओं की सोशल मीडिया पर सक्रियता की हर माह रिपोर्ट तैयार हो रही है। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर को भेजी जाती है।

रिपोर्ट में मुख्य फोकस इस बात का किया जा रहा है कि किस नेता के सोशल मीडिया पर कितने फॉलोअर्स हैं? उनके हैंडल पर पोस्ट किस तरह की है?

पार्टी के प्रचार से संबंधित है या खुद के प्रचार से संबंधित? कुल कितनी पोस्ट शेयर की गई? कितने ट्ववीट किए? इसके आधार पर हर माह प्रदेश स्तर पर यह तय होता है कि टॉप 5 कौन-कौन नेता रहे? और कौन सबसे कम एक्टिव रहे? जिन नेताओं की रिपोर्ट नेगेटिव रहती है, उनको लगातार अपडेट करके एक्टिव किया जा रहा है।

वॉट्सऐप ग्रुप कंट्रोल के लिए मुख्यालय में अलग से सेंटर, 4 करोड़ लोगों तक रीच का टारगेट

पार्टी के प्रदेश आईटी हैड अजीत मांडण ने दैनिक भास्कर को बताया- हर बूथ पर वॉट्सऐप ग्रुप का टारगेट लेकर चल रही भाजपा आने वाले दिनों में 55 हजार से ज्यादा वॉट्सऐप ग्रुप बनाने की तैयारी कर रही है।

बूथ स्तर पर बूथ कमेटी के सदस्यों के साथ कम से कम दस आम नागरिकों को भी जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा करीब 3500 ग्रुप पार्टी पदाधिकारियों को जोड़ेंगे।

इनमें प्रदेश कोर कमेटी, प्रदेश कार्यसमिति, सांसद (लोकसभा--राज्यसभा), विधायक, सभी मोर्चे, विधानसभा प्रवासी, जिला अध्यक्ष-जिला प्रभारी, पूर्व जिलाध्यक्ष, विभाग--प्रक्रोष्ठों के ग्रुप सहित पार्षद, सरपंच, पंचायत समिति--जिला परिषद सदस्यों के ग्रुप होंगे। संभाग से लेकर जिला और मंडल स्तर के ग्रुप भी बनेंगे।

इनको कंट्रोल करने और इनके लिए कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए भाजपा मुख्यालय पर अलग से वाट्‌सऐप चैंबर बनाया जा रहा है।

भाजपा का लक्ष्य है कि 4 करोड़ लोगों तक वॉट्सऐप और सोशल मीडिया के जरिए पहुंचा जा सके। अभी करीब 80 लाख लोगों तक हम पार्टी के प्रचार और कांग्रेस सरकार की खामियों के खिलाफ माहौल बनाने वाले मैसेज रोजाना पहुंचा रहे हैं।

सोशल मीडिया विंग के तीन पार्ट : टेक्निकल, संगठनात्मक, मॉनिटरिंग

भाजपा के सोशल मीडिया विंग के प्रदेश संयोजक डॉ. जोगेंद्र सिंह राजपुरोहित ने दैनिक भास्कर को बताया- हम तीन पार्ट में काम कर रहे हैं। पहला है टेक्निकल, दूसरा संगठनात्मक, तीसरा और अहम हिस्सा है मॉनिटरिंग एंड रिपोर्टिंग।

टेक्निकल पार्ट में फेसबुक, यू-टयूब, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर प्रदेश इकाई से लेकर मंडल इकाई तक अलग-अलग पेज बनाए गए हैं।

सोशल मीडिया के इन सभी प्लेटफार्म पर हमने बीजेपी राजस्थान के नाम से पार्टी के प्रदेश स्तर के पेज बनाए हैं। इसी तरह 44 जिला संगठनों के भी सभी प्लेटफार्म पर पेज बनाए जा चुके हैं।

200 विधानसभा सीटों के ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अलग-अलग पेज

राजपुरोहित ने कहा- राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए भी पेज तैयार हो चुके हैं। प्रदेश में कहीं भी बड़ी घटना होती है और उसका अगर राजनीतिक महत्व है तो हमारे प्रदेश स्तर के सभी सोशल मीडिया पेज पर हम उसे तत्काल पब्लिश करते हैं।

कंटेंट राइटिंग, वीडियो एडिटिंग और ग्राफिक्स बनाने के लिए हमारे पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है, जो लगातार काम कर रही है।

केंद्रीय नेतृत्व कर रहा है मॉनिटरिंग, कॉल सेंटर भी एक्टिव

आईटी हैड अजीत मांडण बताते हैं- चुनाव में मुख्य भूमिका बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं का रहता है। वे ही लोग वोटर्स को घर से निकालकर बूथ तक पहुंचाने का काम करते हैं।

इसलिए बूथ कमेटियों के वेरिफिकेशन का काम सबसे महत्वपूर्ण है। 52 हजार बूथ कमेटियों और पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति के बाद आईटी के जरिए प्रत्येक व्यक्ति का वेरिफिकेशन किया जा रहा है ताकि यह तय किया जा सके कि कहीं कोई निष्क्रिय व्यक्ति तो संगठन में नहीं जुड़ा हुआ है।

हर बूथ पर एक आईटी प्रमुख का पद तय किया गया है। प्रदेश मुख्यालय में कॉल सेंटर भी लगातार काम कर रहा है। यहां से प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को फोन करके यह पता किया जा सकता है कि वहां बूथ कमेटी एक्टिव है या नहीं?

चुनाव अभियान के पूरे प्रोसेस को मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ा गया है। प्रदेश नेतृत्व के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व भी पूरे काम की मॉनिटरिंग कर रहा है।

नये बनाए जा रहे वाट्सअप चैंबर का पूरा सिस्टम भी केंद्रीय नेतृत्व की मॉनिटरिंग में रहेगा। हर चीज का रिकॉर्ड रखा जा रहा है और प्रोग्रेस रिपोर्ट लगातार प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा रही है।

वर्कशाप के जरिए ट्रेनिंग

सोशल मीडिया टीम के काम करने की थीम तीन तरह से बनाई गई है। पार्टी का प्रचार, विपक्ष पर प्रहार और केंद्र की योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाना।

सोशल मीडिया टीम में तैनात किए गए कार्यकर्ताओं को किस तरह काम करना है, इसके लिए पार्टी ने तय किया है कि हर तीन माह में सभी टीम मेंबर्स की वर्कशॉप अनिवार्य रूप से हो।

प्रदेश स्तर की टीम की एक कार्यशाला पिछले दिनों पुष्कर में हो चुकी है। अब मार्च के पहले सप्ताह में विधानसभा स्तर की टीमों में शामिल कार्यकर्ताओं की वर्कशॉप कराने की तैयारी है।

वर्कशॉप में बताया जाएगा कि कौनसे विषय को उठाना है, कौनसे विषय को नहीं उठाना है और कंट्रोवर्सी से कैसे बचना है?

​​​​​​प्रदेश से लेकर जिला, विधानसभा और मंडल तक टीमें तैनात

आईटी और सोशल मीडिया के जरिए अपना चुनावी अभियान चलाने के लिए प्रदेश मुख्यालय सहित जिला स्तर, विधानसभा सीट वाइज और मंडल स्तर तक भाजपा ने टीमें खड़ी कर दी है।

स्टेट लेवल पर टेक्निकल टीम के अलावा 21 लोगों की सोशल मीडिया टीम काम कर रही है। सभी जिलों में सोशल मीडिया संयोजक और सह संयोजक तैनात किए जा चुके हैं।

संगठन के हिसाब से राजस्थान में भाजपा की 44 जिला इकाइयां हैं। हर जिले में 2-2 लोगों की सोशल मीडिया टीम काम शुरू कर चुकी है।

यही सेटअप हर विधानसभा क्षेत्र में भी बनाया गया है। यानी 200 विधानसभा क्षेत्रों में 400 लोग लगाए गए हैं। इसी तरह भाजपा के 1126 मंडलों में भी हर मंडल पर सोशल मीडिया संयोजक और सह संयोजक के तौर पर 2-2 व्यक्ति तैनात किए गए हैं।

मंडल स्तर पर तैनात किए गए सोशल मीडिया से जुड़े कार्यकर्ताओं की कुल संख्या 2252 है। इस प्रकार अब तक प्रदेश स्तर से लेकर जिलों और मंडल स्तर तक करीब 2700 कार्यकर्ताओं की टीम तैनात की जा चुकी है।

युवाओं, महिलाओं, किसानों सहित 7 मोर्चों की सोशल मीडिया टीमें भी बन रही

भाजपा में सात मोर्चे हैं। युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा।

इन सभी सात मोर्चों के संगठन पहले से निर्धारित काम तो कर ही रहे हैं, अब इन मोर्चों में सोशल मीडिया की टीम भी अटैच की जा रही है। मोर्चों में सोशल मीडिया टीम गठित करने का अब तक 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

प्रदेश स्तर और जिलास्तर पर संयोजक और सह संयोजक नियुक्त किए जा चुके हैं। अब विधानसभावार संयोजक-सह संयोजक तय करने का काम हो रहा है।

मोर्चों में कुल मिलाकर करीब 500 कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर पार्टी के प्रचार की जिम्मेदारी देने का टारगेट रखा गया है।

सोशल मीडिया के जरिए इस तरह कैंपेनिंग

प्रदेश मुख्यालय से कोई भी सूचना वॉट्सऐप ग्रुपों के जरिए बूथ पर अंतिम कार्यकर्ता तक पहुंचाकर सीधा संवाद। बूथ तक पार्टी की सीधी पकड़।

मोदी सरकार के जनहित के कामों को वीडियो और ग्राफिक्स के जरिए रोजाना सभी प्लेटफार्म पर शेयर किया जा रहा। केंद्रीय स्तर और प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं के कार्यक्रम, भाषण फेसबुक, यू-टयूब और ट्विटर पर लाइव टेलिकास्ट किए जा रहे। केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों के फोटो--वीडियो और उनकी कहानी भी शेयर की जा रही है।

प्रदेश में कहीं भी कानून व्यवस्था को लेकर कोई घटना होती है तो पूरे प्रदेश में ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर मीम्स, वीडियो मैसेज और ग्राफिक्स के जरिए कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा।

धरना, प्रदर्शन या किसी अभियान के लिए एक दिन पहले सूचना पहुंचाकर तहसील स्तर की टीम को एक्टिवेट किया जा सकता है।

ट्विटर स्पेस पर ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा।

फेसबुक लाइव के जरिए कार्यकर्ताओं तक केंद्र और प्रदेश के बड़े नेताओं से सीधा संवाद।

केंद्र का कोई अभियान प्रदेश भर में चलाया जाना है तो तत्काल सूचना देकर पार्टी कार्यकर्ताओं को एक्टिवेट किया जा सकता है। पार्टी नेता स्वीकार करते हैं कि मेरा बूथ-स्वच्छ बूथ, घर-घर तिरंगा जैसे कार्यक्रमों को सफलता सोशल मीडिया और आईटी टीम के जरिए ही मिल पाई।

4 महीने, 4 दौरे और मोदी के 4 संदेश:बिखरी BJP को एक मंच पर लाए, गुर्जर-आदिवासी वोट बैंक सहित 100 सीटें साधी

राजस्थान का अंतिम बजट जारी होने के बाद अब प्रदेश इलेक्शन मोड में आ गया है। हालांकि दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी ने पहले ही इलेक्शन मोड एक्टिवेट कर दिया है। 1 महीने के भीतर पीएम मोदी राजस्थान में 2 अहम दौरे कर चुके हैं।


 kkjhyo
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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