UP: अरारोट में सब्जियां मिलाकर कैदी बना रहे गुलाल: ब्रज में 40 दिन उड़ेगा रंग-गुलाल, 27 को मनाई जाएगी लड्डू मार होली

UP: अरारोट में सब्जियां मिलाकर कैदी बना रहे गुलाल: ब्रज में 40 दिन उड़ेगा रंग-गुलाल, 27 को मनाई जाएगी लड्डू मार होली

मथुरा जेल 6 कैदी अरारोट में सब्जियों को मिलाकर हर्बल गुलाल बना रहे है।इसमें खुश्बू बनी रहे इसके लिए इत्र भी मिला रहे है। जेल के कैदी अपने इस काम से बेहद खुश हैं। एक अनुमान के मुताबिक, ब्रज में हर साल हजारों कुंतल गुलाल उड़ाया जाता है। जेल अधीक्षक ब्रजेश कुमार सिंह की मानें, कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिससे वह जब भी जेल से रिहा हों तो समाज के बीच रहकर अच्छा व्यवहार करें।

ब्रज में खेली जाती है 40 दिन होली

ब्रज में होली 40 दिन तक खेली जाती है। यहां होली की शुरुआत बसंत पंचमी से होती है। बसंत पंचमी से रंग गुलाल उड़ना शुरू होता है। 27 फरवरी को लड्डू मार होली मनाई जाएगी

जेल में बंद है 1700 कैदी

ब्रज की होली को और खास बनाने के लिए जेल में 6 कैदी खास गुलाल तैयार करने में जुटे हैं। वर्तमान में जेल में करीब 1700 कैदी बंद हैं। होली का त्योहार आते ही हर साल जेल में बंद कैदी सोनू, सनी, रिंकू, अशरफ,विजय, हरेंद्र सिंह हर्बल गुलाल तैयार करने में लगे हुए हैं।

इस तरह से बना रहे हर्बल गुलाल

कैदी अरारोट में सब्जियों को मिलाकर गुलाल तैयार कर रहे हैं। हर्बल गुलाल बनाने के लिए अरारोट में पालक को पीसकर उसमें से हरा रंग निकाल कर मिलाया जा रहा है। इसी तरह मैथी को पीसकर हल्का हरा रंग,चुकंदर को पीसकर लाल रंग,हल्दी पाउडर का प्रयोग कर पीला गुलाल तैयार किया जा रहा है। इसमें खुश्बू बनी रहे इसके लिए इत्र मिलाया जा रहा है।

200 रुपए किलो मिलेगा गुलाल

जिला जेल में बन रहा गुलाल आम लोगों तक पहुंचे इसके लिए भी जेल प्रशासन ने इंतजाम किए हैं। जेल में कैदियों के बनाए जा रहे गुलाल पर करीब 180 रुपए प्रति किलो की लागत आ रही है। इस गुलाल को 200 रुपए किलो के हिसाब से बिक्री किया जाएगा। गुलाल के 100-100 ग्राम के पैकेट जेल के मुख्य द्वार पर बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।

कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा रहा प्रेरित

ऐसा पहली बार नहीं है जब यूपी की जेलों में बंद कैदी इस तरह की क्रिएटिविटी दिखा रहे हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान की पोशाक बनाते हैं तो रक्षा बंधन पर इको फ्रेंडली राखी बनाते है। जेल अधीक्षक ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिससे वह जब भी जेल से रिहा हों तो समाज के बीच रहकर अच्छा कार्य करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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