गहलोत ने पिछले साल का बजट पढ़ा, 6 मिनट तक पढ़ते रहे पुरानी लाइनें, CM ने सदन में माफी मांगी

गहलोत ने पिछले साल का बजट पढ़ा, 6 मिनट तक पढ़ते रहे पुरानी लाइनें, CM ने सदन में माफी मांगी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ दिया। करीब 6 मिनट तक वे पुराना बजट पढ़ते रहे, तभी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने आकर CM के कान में कुछ कहा और वो ठिठक गए। गहलोत का भाषण रुका, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।

इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ा गया हो और इस पर जोरदार हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार रोकनी पड़ी। CM गहलोत बजट भाषण के लिए जब तीसरी बार खड़े हुए तो माफी मांगी। उन्होंने कहा, जो कुछ हुआ उसके लिए सॉरी फील करता हूं।

विपक्षी सदस्य भारी हंगामा करते हुए सदन के वेल में आ गए थे। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है। भारी हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को तलब किया और अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की।

गहलोत बोले- बजट भाषण में एक पेज एक्स्ट्रा पेज लग गया

दोबारा सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो CM अशोक गहलोत ने सफाई दी। कहा, बजट भाषण की इस कॉपी में फर्क हो तो बताइए। एक एक्स्ट्रा पेज लग गया गलती से। मैं एक पेज गलत पढने लग गया। लीक होने का सवाल कहां से आ गया?

इस पर भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। BJP CM के माफी मांगने पर अड़ी रही। सदन की कार्यवाही दोबारा स्थगित करनी पड़ी।

राजस्थान में पहली बार बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित की गई, पहली करीब आधे घंटे के लिए, फिर 15 मिनट के लिए। दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि मुख्यमंत्री भाषण की शुरुआत की तो वह शेर पिछले भाषण में नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा पिछले साल ही की गई थी।

जब गहलोत ने दो पॉइंट्स हूबहू पढ़े तो यह देख सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने CM के कान में बोला। इसी बीच विपक्ष के नेता और उपनेता ने सवाल उठाया कि CM पुराना भाषण पढ़ रहे हैं और बजट लीक हो गया है।। इस पर हंगामा शुरू हो गया। BJP विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया तो हंगामा बढ़ने लगा तो स्पीकर ने 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

स्पीकर बोले- आज जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण

दोबारा सदन शुरू होने पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि जो कुछ घटनाक्रम हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, उसमें हमने पास्ट में पता लगाया। CM ने जो भाषण दिया है, वह ठीक नहीं होगा। आज की घटना से आहत हुए हैं। मानवीय भूल होती रहती है। इस अनहोनी घटना के लिए जो सारी कार्यवाही हुई है, उसे निरस्त करता हूं। 11 बजे से 11:42 तक की पूरी घटना को विधानसभा की कार्यवाही से निकाल दिया गया है।

कटारिया बोले- बाहर के व्यक्ति ने कैसे बताया कि बजट गलत पढ़ रहे हैं

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुछ मिनट तक गलत पढ़ने के बाद तीसरे व्यक्ति ने आकर बताया कि गलत पढ़ रहे हैं। बजट लीक हुआ है, बजट गोपनीय होता है और इसकी कॉपी CM के अलावा किसी दूसरे के पास कैसे पहुंच गई। CM को तीसरे आदमी ने आकर बताया, यह बजट किसी तीसरे व्यक्ति को कैसे मालूम पढ़ा। सदन का मान रखना चाहते हैं तो इस बजट को दूसरे दिन अलग से पेश किया जाए। आज की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।

पढ़िए, बजट की वो पुरानी लाइनें, जो गहलोत पढ़ गए...

- अब मैं, शहरों में भी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ लागू करने की घोषणा करता हूं। इस योजना के माध्यम से आगामी वर्ष से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को भी उनके द्वारा मांगे जाने पर प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इस पर लगभग 800 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होंगे।

कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों का सामना करने में सहायता देने की दृष्टि से आगामी वर्ष मैं, महात्मा गांधी नरेगा योजना में उपलब्ध 100 दिवस के रोजगार को राज्य सरकार के खर्चे पर बढ़ाते हुए 125 दिवस करने की घोषणा करता हूं। इस पर लगभग 750 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

- कोरोना काल के दौरान शिक्षा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए आगामी वर्ष स्कूली विद्यार्थियों के लिए 3 माह की अवधि के ब्रिज कोर्स चलाए जाना प्रस्तावित है। इसके लिए 75 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा।

- कोरोना काल में सभी वर्गों के परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। अब मैं, अल्प आय वर्ग के साथ-साथ समस्त 118 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को.....मुख्यमंत्री ने इतनी लाइन पढ़ी ही थीं कि महेश जोशी ने आकर CM को बताया कि यह पुराना बजट है।

दूसरी बार कार्यवाही स्थगित, विपक्ष CM से माफी की मांग पर अड़ा

राजस्थान विधानसभा में भारी हंगामा से दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है। पहली बार 12 बजकर 42 मिनट तक के लिए कार्यवाही स्थगित की, दोबारा फिर सदन शुरू हुआ तो भी BJP का हंगामा जारी रहा। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और समूचा विपक्ष मुख्यमंत्री से सदन में माफी की मांग कर रहा है। हंगामा जारी रहने के बाद स्पीकर ने दूसरी बार 15 मिनट तक के लिए सदन स्थगित कर दिया। इसके बाद सदन शुरू हुआ तो CM बजट भाषण के लिए तीसरी बार खड़े हुए। अब वह बजट पेश कर रहे हैं।

गहलोत ने सदन में गलती पर सफाई दी, ट्वीट में भाजपा पर हमला

स्पीकर की ओर से बजट दोबारा पेश करने की अनुमति मिलने के बाद गहलोत बोलना शुरू किया। कहा, कॉपी वही आपको मिली है, जो बजट में पढ़ने वाला था। एक एकस्ट्रा पेज था। ये बजट को प्रेस में मैंने नहीं छपाया। मुझे बताइए अगर मैं एक पेज गलत पढ़ने लग गया, वो ही लोग जिन्होंने बजट बनवाया, उनमें से कोई मुझे कनवे करें कि पेज गलत आ गया। इसे कहां लीक होने की बात आती है। बजट की गरिमा होती है, बजट के आधार पर गवर्नेंस चलती है। इसमें पक्ष-विपक्ष कुछ नहीं होता। इस बीच विपक्ष हंगामा करता रहा।

CM अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसे ह्यूमन एरर पूर्व CM वसुंधरा राजे के समय भी हुए हैं। इसके जवाब में राजे ने कहा कि कोई भी CM अगर अपने भाषण में इस तरह की गलती करे तो आई फील कि राजस्थान का क्या होगा? इससे पहले पूर्व CM राजे ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री बिना चेक किए 8 मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे, आप समझ सकते हैं कि उनके हाथ में प्रदेश कितना सुरक्षित है? ये इतिहास में पहली बार हुआ है।

पूरे घटनाक्रम पर CM ने भी ट्वीट किया। इसमें उन्होंने BJP पर हमला करते हुए लिखा, भाजपा सिर्फ़ यह दिखाना चाहती है कि वह राजस्थान के विकास और तरक्की के खिलाफ है। इनका मन-गढ़ंत आरोप कि बजट लीक हो गया यह दर्शाता है कि बजट को भी यह अपनी ओछी राजनीति से नहीं छोड़ेंगे। बचत, राहत, बढ़त में एक ही बाधा है - भाजपा।

ब्रीफकेस में पुराना बजट किसने, रखा जांच हो : पूर्व स्पीकर

इस पूरे घटनाक्रम पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने बताया कि पुराना बजट पढ़ने से पूरा मामला गड़बड़ हो गया। हो सकता है मुख्यमंत्री की फजीहत करने के लिए किसी ने पुराना बजट रख दिया हो। सुमित्रा सिंह ने कहा कि बजट बनाने के लिए वित्त विभाग के अफसर ही पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। जब तक CM विधानसभा में बजट प्रस्तुत नहीं कर दें, वित्त विभाग अफसरों के अलावा कोई भी बजट के बारे में जानकारी नहीं रखता। मुख्यमंत्री के ब्रीफकेस में पुराना बजट किसने रखा, यह जांच का विषय है। हालांकि विधानसभा में हुई इस गफलत के बारे में पूरी तरह से यह स्पीकर पर डिपेंड करता है कि वह पुराना बजट पढ़ने की गलती को प्रोसेडिंग से बाहर करवाए या मुख्यमंत्री को नए सिरे से बजट पढ़ने की अनुमति दें। बाकी यह जांच में पता चलेगा कि बजट की पुरानी कॉपी मुख्यमंत्री के ब्रीफकेस में क्यों और कैसे आ गई? इस तरह की जांच की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री और सरकार की है।

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