Gulmarg आये पर्यटकों को खूब भा रहा है Indias First Glass Igloo Restaurant

Gulmarg आये पर्यटकों को खूब भा रहा है Indias First Glass Igloo Restaurant

उत्तरी कश्मीर के अधिकांश इलाकों में ताजा बर्फबारी और शेष घाटी में बारिश होने से तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। लेकिन मौसम के इस बदले मिजाज का मजा पर्यटकों को बहुत आ रहा है। बारामूला जिले के गुलमर्ग में हिमपात होने से पर्यटकों के चेहरे खिल गये हैं और उन्हें सब ओर लुत्फ उठाते देखा जा सकता है। गुलमर्ग में आज उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खेलो इंडिया अभियान के तहत शीतकालीन खेलों का भी शुभारंभ किया। इन खेलों में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में शीतकालीन खेलों के शौकीन लोग देश के विभिन्न भागों से यहां आये हुए हैं।

गुलमर्ग आये लोग जहां यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा ले रहे हैं वहीं उन्हें कांच का इग्लू भी बहुत भा रहा है। पर्यटकों का कहना है कि यह एक अलग तरह का अनुभव है। इग्लू के अंदर बैठना और खाना-पीना जबर्दस्त आनंद देता है। हम आपको बता दें कि ‘इग्लू’ बर्फ से बना छोटा घर (हिमकुटी) होता है। पर्यटक कांच के इग्लू के निर्माताओं और इसके अंदर के कर्मचारियों की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं क्योंकि ठंडे ठंडे मौसम में गर्मागर्म भोजन का मजा ही कुछ और होता है। विदेशी सैलानियों को भी यह खूब भा रहा है

पर्यटकों का कहना है कि अब तक ऐसी चीजें फिल्मों या किताबों में ही देखी थीं लेकिन यहां आकर उसका अनुभव लेना बड़ा मजेदार है। पर्यटकों का कहना है कि यह हमेशा याद रहने वाला अनुभव है। कई जोड़ों के लिए तो यह इग्लू रोमांस करते हुए सेल्फी लेने की जगह भी बन गये हैं। वहीं ‘कांच के इग्लू’ को गुलमर्ग लाने वाले सैयद वसीम का कहना है कि गुलमर्ग आने वाले सैलानियों को यह अनुभव देने के लिए उन्होंने तीन साल तक शोध किया था। पेशे से होटल मालिक वसीम ने कहा, 'मैं बहुत यात्रा करता हूं। ऐसे ही एक सफर के दौरान मैं फिनलैंड गया। जो लोग ‘नॉर्दन लाइट्स’ देखने के लिए आते हैं वे कांच के इन इग्लू में बैठते हैं। मुझे यह बहुत रोमांचकारी लगा और मैंने इस अवधारणा को कश्मीर लाने के बारे में सोचा।”

उन्होंने कहा कि ‘कांच के इग्लू’ के बारे में मालूमात हासिल करने के वह ऑस्ट्रिया गए जहां इनका विनिर्माण होता है। ऑस्ट्रिया में इन ‘इग्लू’ को बनाने वाली कंपनी की एक टीम पिछले साल कश्मीर आई और उसने गुलमर्ग के मौसम और जलवायु का अध्ययन किया ताकि ऐसा इग्लू बनाया जा सके जो लंबे वक्त तक चले। वसीम ने कहा कि पिछले दो साल में उन्होंने अपने होटल के बाहर इग्लू का निर्माण कराया जिससे सैलानी आकर्षित हुए लेकिन इस साल पर्याप्त बर्फबारी नहीं होने की वजह से प्राकृतिक ‘इग्लू’ नहीं बन सके। उन्होंने कहा, 'अगर आप चाहते हैं कि सैलानी बार-बार आएं तो आपको उनके आकर्षण के लिए नई चीज़ें बनानी होंगी। इन इग्लू ने हमारे लिए यही काम किया है।” वसीम ने कहा कि उन्होंने ‘कांच के छह इग्लू’ 50 लाख रुपये में खरीदे हैं।


 sv4mo0
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *