CM गहलोत कल पेश करेंगे बजट, 5 अफसरों ने 105 दिन में तैयार किया बचत

CM गहलोत कल पेश करेंगे बजट, 5 अफसरों ने 105 दिन में तैयार किया बचत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को प्रदेश का बजट पेश करेंगे। इस बार बजट को लेकर वे बहुत उत्साहित हैं और इसकी ब्रांडिंग में भी जुटे हैं। कल वे जिस जादू के पिटारे (बजट ब्रीफकेस) को खोलने वाले हैं, उसे तैयार करने में उनके पसंदीदा 4 IAS अफसरों और एक RAS अफसर ने करीब 105 दिनों तक रोजाना 12 घंटे काम करने की मेहनत की है।

सचिवालय स्थित ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में इन अफसरों की यह मेहनत चर्चा में बनी हुई है। क्योंकि यह पहला मौका है जब सीएम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से लेकर राजधानी के हर खास चौराहे पर बजट की ब्रांडिंग की है।

करीब एक महीने पहले बजट जब लगभग फाइनल होकर सीएम गहलोत के पास ले जाया गया था, तो गहलोत ने समय पर बजट तैयार करने के लिए वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और इस बजट टीम के कप्तान अखिल अरोड़ा की खासी तारीफ की थी।

राजस्थान में 25 सितबंर को हुए इस्तीफा प्रकरण के बाद लगातार राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति रही थी, ऐसे में सीएम गहलोत बजट को जल्द पेश करने की बात कह चुके थे। पहले चर्चा थी कि बजट जनवरी में ही पेश किया जाएगा, ऐसे में ठीक 1 जनवरी को बजट तैयार करके सीएम गहलोत को जानकारी दे दी गई थी।

बाद में सीएम गहलोत ने इसे फरवरी (अब भी अन्य सालों की तुलना में करीब एक महीने पहले लाया जा रहा है बजट) में लाना तय किया। अब 9 फरवरी की शाम करीब 5 बजे सीएम गहलोत बजट टीम को सीएमओ बुलाएंगे। इसके बाद बजट की अधिकृत सूचना विधानसभा को भेजी जाएगी, जहां 10 फरवरी को वे सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगे।

यह हैं सीएम गहलोत के खास 5 अफसरों की बजट टीम

सीएम गहलोत की इस बजट टीम में अखिल अरोड़ा के नेतृत्व में IAS केके पाठक, IAS नरेश कुमार ठकराल और IAS रोहित गुप्ता के साथ राजस्थान एकाउंट सर्विस (RPSC-लेखा सेवा) के वरिष्ठ अफसर बृजेश कुमार शर्मा हैं। पाठक शासन सचिव (राजस्व), रोहित गुप्ता शासन सचिव (बजट) और ठकराल शासन सचिव (एक्सपेंडीचर) के पद पर कार्यरत हैं। शर्मा निदेशक बजट के पद पर हैं। आइये जानते हैं इस टीम की खासियत के बारे में।

अखिल अरोड़ा : बजट विशेषज्ञ अफसर

अरोड़ा गहलोत के पिछले कार्यकाल (2008-2013) में भी शासन सचिव (बजट) के पद पर कार्यरत थे। अरोड़ा को ब्यूरोक्रेसी में लगातार काम करने, गंभीर विषयों पर अध्ययन करने और हर चीज की डिटेलिंग में जाने के लिए पहचाना जाता है। बजट चूंकि डिटेलिंग का काम है, ऐसे में अरोड़ा को ब्यूरोक्रेसी में इसका विशेषज्ञ अफसर माना जाता है।

केके पाठक : दार्शनिक अफसर

केके पाठक को ब्यूरोक्रेसी में दार्शनिक अफसर माना जाता है, क्योंकि उनकी दर्शनशास्त्र और धर्म से जुड़े विषयों में गहन रुचि है। वे अक्सर इन विषयों पर लेख भी लिखते हैं। पाठक को आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को भांपने में महारथ हासिल है। बजट में उनसे सीएम को यही उम्मीद थी कि वे आम आदमी को राहत देने के उपायों पर कुछ करें।

नरेश कुमार ठकराल : टू दी पॉइंट वाले अफसर

नरेश कुमार ठकराल को भी ब्यूरोक्रेसी में टू दी पॉइंट काम करने वाला अफसर माना जाता है। बजट में इधर-उधर की लफ्फाजी के बजाए टू दी पॉइंट काम करने की जरूरत होती है। ऐसे में ठकराल अप्रैल-2021 से लगातार अरोड़ा और सीएम गहलोत की पसंद बने हुए हैं।

रोहित गुप्ता : फैक्ट स्टडी में माहिर अफसर

रोहित गुप्ता को आंकड़ों, तथ्यों, तुलनात्मक स्टडी का माहिर अफसर माना जाता है। बजट में इस तरह के कैलकुलेशन की बेहद जरूरत पड़ती है। गुप्ता इस टीम में इसी काम को बहुत गंभीरता से अंजाम देते रहे हैं।

बृजेश कुमार शर्मा : वित्त विभाग में रीढ़ की हड्‌डी

बृजेश कुमार शर्मा राजस्थान लेखा सेवा के अफसर हैं। वे बजट निदेशक के पद पर हैं। बजट और वित्त विभाग में इस पद को रीढ़ की हड्डी माना जाता है। इस पद पर हमेशा इसी सेवा के किसी वरिष्ठ अफसर को लगाया जाता है। शर्मा के लिए कहा जाता है कि वे राजस्थान की वित्तीय स्थिति की नस-नस के बारे में जानते हैं।

क्या था चैलेंज और सीएम गहलोत की मंशा

2023 चुनावी वर्ष है। सीएम गहलोत के लिए यह बजट आर्थिक से ज्यादा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। सीएम की मंशा है कि बजट में आम लोगों के लिए बचत, राहत व बढ़त का मैसेज हो। इसे तय समय (मार्च) से करीब 30–40 दिन पहले तैयार करना और प्रदेश की वित्तीय स्थिति के अनुसार एक यादगार राजनीतिक बजट बनाना बहुत बड़ी चुनौती थी।

इस तरह से सीएम ने बजट की ब्रांडिंग व विज्ञापन किया है, उससे यह तय है कि इस टीम ने सीएम की मंशा के अनुसार प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार की राजनीतिक जरूरतों का भी पूरा ख्याल रखा है।

टीम ने खास ध्यान यह रखा है कि नियमानुसार बजट में राजस्व घाटा कुल जीडीपी (ग्राॅस डोमेस्टिक प्रॉडक्शन-सकल घरेलू उत्पाद) के 3 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पिछले बजट-2022 में यह करीब 4.3 प्रतिशत था। इस बार इसे 3 प्रतिशत तक लाने की कोशिश की गई है।

लगभग ऐसा होगा बजट का आकार

आने वाला बजट करीब 2 लाख 65 हजार 500 करोड़ रुपए का हो सकता है। सीएम गहलोत ने मार्च-2022 में जो बजट पेश किया था, उसमें कुल राजस्व 2 लाख 14 हजार 977 करोड़ 23 लाख रुपए का था। इस राशि की तुलना में सरकार ने खर्चा तय किया था दो लाख 38 हजार 465 करोड़ 79 लाख रुपए का। यह घाटा राजस्थान की कुल जीडीपी का लगभग 4 प्रतिशत रहा है।

करीब 23 हजार करोड़ रुपए सरकार ने उधार लिए थे, तब जाकर खर्चों को संभाल पाए थे। अब बजट के लिए सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, उनके लिए लगभग 2 लाख 65 हजार 500 करोड़ रुपए की जरूरत पड़े।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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