मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था कर रही त्राहि त्राहि , कमिश्नर दफ़्तर से आया जांच का फरमान

मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था कर रही त्राहि त्राहि , कमिश्नर दफ़्तर से आया जांच का फरमान

इन दिनों हरदोई मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं त्राहि त्राहि मोड में हैं , कभी एक्सरे मशीन खराब , कभी उगाही की शिकायत , कभी मरीजों को महिला अस्पताल से प्रायवेट नर्सिंग होम शिफ्ट करने वाले गिरोहों की खबरें अब आम होती जा रही हैं । बीती रात भी एक मरीज की मौत के बाद आज परिजनों ने जमकर हंगामा काटा है लापरवाही के आरोप लगाकर ।

एक आध महीने पहले एक व्यक्ति महिला मरीज को लेकर रात में महिला अस्पताल आया था , महिला गर्भवती थी , बजाय उसका इलाज करने के उस समय अस्पताल के जिम्मेदारों ने सुविधाओं के न होने की बात कहकर मरीज के परिवार को सकते में डाल दिया था तब उस महिला और उसके होने वाले बच्चे के लिए फरिश्ता बनकर आयी मेडिकल कॉलेज की तत्कालीन प्रिंसिपल वाणी गुप्ता ने रात में सर्जन बुलाकर ऑपरेशन करवाया और महिला और उसके बच्चे की प्राण रक्षा हुई । इस काम के लिए प्रिंसिपल वाणी गुप्त ने रात में महिला अस्पताल के जिम्मेदारों के आराम में जो खलल पैदा कर दिया था उसके विरोध में महिला अस्पताल की सीएमएस के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल कर दी और बड़े ही नाटकीय तरीके से आनन फानन में जांच रिपोर्ट बनवाकर प्रिंसिपल वाणी गुप्ता को हरदोई मेडिकल कॉलेज से हटाकर लखनऊ अटैच कर दिया गया और कई विवादों में घिरे प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल देशदीपक तिवारी को हरदोई मेडिकल कॉलेज का प्रभार दे दिया गया ।

इस पूरे वाकये से आहत हुआ वो व्यक्ति जिसके परिवार को उजड़ने से बचाया था प्रिंसिपल वाणी गुप्ता ने उस महिला मरीज और उसके जन्म दिए बच्चे की जान बचाकर । वो व्यक्ति जिसका नाम रणंजय सिंह है कमिश्नर रौशन जैकब के पास तक पहुंच गया और लिखित में अपना दर्द बयां किया जिसके फलस्वरूप कमिश्नर ऑफिस की तरफ से डीएम को और डीएम की तरफ से सीएमओ को को कमेटी बनाकर जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

शुगर मिल के रणंजय सिंह ने मंडलायुक्त को भेजे शिकायती पत्र में कहा कि महिला अस्पताल में महिलाओं के तीमारदारों से आपरेशन के नाम पर चार हजार, सफाई के लिए 12 सौ और टांके काटने के दो सौ रुपये लिए जाते हैं। प्राचार्य डा. वाणी गुप्ता ने महिला अस्पताल में होने वाली धन उगाही को बंद करा दिया था, जिस कारण सीएमएस ने अस्पताल कर्मियों के साथ मिलकर हड़ताल की थी। बाद में प्राचार्य को मेडिकल कालेज से हटाकर लखनऊ के केजीएमयू में संबद्ध कर दिया गया, लेकिन महिला अस्पताल में होने वाली धन उगाही के चलते सीएमएस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंडलायुक्त ने सीएमओ को कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

अब मामला समझिए विस्तार से

रणंजय सिंह की भाभी मधू सिंह को 20 दिसंबर की रात में प्रसव पीड़ा हुई थी, जिसके बाद वह भाभी को लेकर महिला अस्पताल पहुंचे, जहां पर चिकित्सक और स्टाफ नर्स ने उन्हें नहीं देखा तो रणंजय सिंह ने सीएमएस को फोन किया। सीएमएस ने रणंजय से अभद्रता की थी, जिसका आडियो प्रसारित हुआ था। प्राचार्य डा. वाणी गुप्ता ने गायनेकोलाजिस्ट व सर्जन से मधू का आपरेशन कराया था। मधू ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। पूरे मामले में प्राचार्य ने सीएमएस और ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ब स्वास्थ्य कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके बाद महिला अस्पताल के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने प्राचार्य का विरोध करते हुए हड़ताल की थी।



 कठोरतम कार्यवाई होनी चाहिए
sudhanshumisra52@gmail.com, 03 February 2023

 भाई खबर जनसरोकार से जुड़ी है अच्छा लगा
Pandey.mukesh289@gmail.com, 03 February 2023

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