शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने सोमवार को RSS- BJP को हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत मस्जिद गए थे, तो क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया? जब बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन किया तो क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया था? वे जो कुछ भी करते हैं वह सही है और जब हम कुछ करते हैं, तो हम हिंदुत्व छोड़ देते हैं, यह सही नहीं है।
सोमवार को बाल ठाकरे की जयंती पर मीडिया से चर्चा के दौरान उद्धव ने महाराष्ट्र की मौजूदा शिंदे सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा- अभी तक महाराष्ट्र में चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है। मैं देशद्रोहियों (शिंदे गुट) को चुनाव कराने की चुनौती देना चाहता हूं... अगर उनमें (शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी में) दम है तो उन्हें चुनाव की घोषणा करनी चाहिए।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने डॉ. बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ गठबंधन किया है।
इस मौके पर उद्धव ने ये भी कहा-
मेरे दादा केशव ठाकरे, जिन्हें प्रबोधनकर ठाकरे के नाम से भी जाना जाता है, वे और प्रकाश अंबेडकर के दादा यानी डॉ. बीआर अंबेडकर समकालीन थे। इन दोनों ने एक-दूसरे की प्रशंसा की और सामाजिक बुराइयों और कुप्रथाओं को मिटाने के लिए काम किया।
देश निरंकुशता की ओर बढ़ रहा है। राजनीति में अब कुछ कुप्रथाएं हैं और उन्हें खत्म करने के लिए इन दोनों नेताओं के उत्तराधिकारी और उनके आसपास के लोग देशहित और लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए साथ आ रहे हैं।
गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया बदलाव लाएगा: प्रकाश अंबेडकर
वहीं वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए का गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया बदलाव लाएगा। इस कदम से राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जहां कुछ पार्टियों ने अपने सहयोगियों को कम करने और खत्म करने की कोशिश की, लेकिन राजनीतिक दल की जीत का फैसला करना लोगों पर निर्भर है। हमारे देश की इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कोई नहीं बदल सकता है।
इस्लाम को देश में कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसे हम बड़े हैं का भाव छोड़ना पड़ेगा।’ RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने 11 जनवरी 2023 को ‘ऑर्गेनाइजर’ पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में ये बात कही।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पानी को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मांसाहार प्रोसेसिंग में अनाप-शनाप पानी खर्च होता है। मांसाहार नहीं होगा, तो कत्लखाने खुद ही बंद हो जाएंगे। इससे प्रदूषण भी होता है।