PM मोदी ने अग्निवीरों के पहले बैच को संबोधित किया:200 उम्मीदवारों की पिछले साल भर्ती हुई थी,सेना के 30 सेंटरों में ट्रेनिंग हो रही

PM मोदी ने अग्निवीरों के पहले बैच को संबोधित किया:200 उम्मीदवारों की पिछले साल भर्ती हुई थी,सेना के 30 सेंटरों में ट्रेनिंग हो रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अग्निवीरों के पहले बैच को संबोधित किया। पीएम ने सभी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। इन अग्निवीरों की भर्ती पिछले साल दिसंबर में हुई थी। 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें सेना में तैनात किया जाएगा। ये अग्निवीर तीनों सेना- थल, वायु और नौ के सभी ट्रेनिंग सेंटर से जुड़ेंगे। 14 जून, 2022 में केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम लांच की थी।

जम्मू-कश्मीर से चुना गया पहला बैच

 रिपोर्ट्स के अनुसार, अग्निवीर के पहले बैच को जम्मू-कश्मीर से चुना गया है। फिजिकल टेस्ट, रिटन टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद करीब 200 उम्मीदवारों को सेलेक्ट किया गया। इसके बात सभी को श्रीनगर स्थित आर्मी भर्ती कार्यालय से भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट के करीब 30 सेंटरों में भेजा गया है, जहां पर उनकी ट्रेनिंग चल रही है।

4 साल बाद होगा प्रमोशन

चार साल बाद सेना में प्रमोशन के लिए रेगुलर टेस्ट होंगे, जैसे अभी होते हैं। जो 25% अग्निवीर प्रमोशन पा लेंगे, वे सेना में बने रहेंगे। एक बटालियन में अमूमन 1000 लोग होते हैं। इनमें 14 से 18 अफसर होते हैं। अफसरों की भर्ती अग्निपथ से नहीं, बल्कि नियमित परीक्षा के माध्यम से ही होगी।

बटालियन में 700 हथियारबंद सैनिक होते हैं, जिनमें अलग-अलग रैंक के NCO (नॉन कमीशंड ऑफिसर) होते हैं। जैसे सूबेदार, नायब सूबेदार आदि। हालांकि, अग्निपथ योजना के जरिए सिर्फ जवान चुने जाएंगे। चार साल बाद इन जवानों में से 25% के प्रमोशन होंगे, जो आगे चलकर सूबेदार-नायब सूबेदार के पद तक पहुंचेंगे। फिर वे अग्निवीर नहीं, रेगुलर फौजी कहलाएंगे। ये 17 से 20 साल तक सेना में रहेंगे।

इनके अलावा लगभग 280 जवान क्लर्क, चालक, रसोइए आदि होते हैं। इनकी नियुक्ति भी अग्निपथ योजना से ही होगी। इस हिसाब से देखें तो हर बटालियन में आने वाले वर्षों में 700 सैनिक अग्निपथ योजना वाले होंगे। रेजिमेंट्स को सैनिक उनके मापदंडों के अनुरूप अग्निपथ योजना से मिलेंगे। अब रेजिमेंट्स अपने स्तर पर भर्तियां नहीं करेंगी।

सरकार ने गिनाए फायदे

अग्निपथ योजना पर सरकार की ओर से जारी फैक्ट शीट में बताया गया है कि यह अग्निपरीक्षा नहीं, बल्कि अवसर है। आगामी वर्षों में अग्निवीरों की भर्ती तीन गुना ज्यादा होगी। सेवा पूरी होने पर उद्यमी बनने के इच्छुक जवानों को वित्तीय मदद मिलेगी। रिटायर्ड अग्निवीरों को केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। अग्निवीरों के समाज के लिए खतरा बनने की आशंका बेबुनियाद है।

युवाओं ने शुरू में किया योजना का विरोध

अग्निपथ स्कीम का युवाओं ने शुरू में विरोध किया। पूरे देश में प्रदर्शन किए गए। युवाओं के गुस्से को ठंडा करने के लिए गृह और रक्षा मंत्रालय ने आरक्षण देने का ऐलान किया। गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए CAPFs (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला लिया। इन्हें आयु सीमा में भी 3 से 5 साल की राहत देने का ऐलान किया।

इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भी अग्निवीरों को अपने मंत्रालय में होने वाली भर्तियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है। रक्षा मंत्रालय के इंडियन कोस्ट गार्ड और डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की 16 कंपनियों में भी नियुक्तियों में आरक्षण मिलेगा

इंडियन एयरफोर्स ने अग्निवीरों की भर्ती की गाइडलाइन जारी कर दी है। तीनों सेनाओं में सबसे पहले एयरफोर्स ने ही गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अग्निवीरों को अपनी चार साल की नौकरी पूरी करनी होगी। इससे पहले वह फोर्स नहीं छोड़ सकेंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें अधिकारी की सहमति लेनी होगी

14 जून को अग्निपथ स्कीम की घोषणा हुई। ऐलान होते ही ये स्कीम सवालों के घेरे में आ गई। सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने विरोध शुरू कर दिया। अभी भी उनके मन में इस स्कीम को लेकर कई कंफ्यूजन हैं। हमने सोशल मीडिया से युवाओं के 5 सबसे ज्यादा पूछे गए सवाल निकाले हैं। आइए उन पांचों सवालों के जवाब जानते हैं

सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना बेशक विवादों में घिर गई है, लेकिन आने वाले साल में सरकार इसी योजना पर फोकस बढ़ाएगी। योजना के पूरे खाके को समझने वाले अफसरों का कहना है कि अग्निवीर हर साल चुने जाएंगे। उनका असेसमेंट ट्रेनिंग से ही शुरू हो जाएगा और हर साल मूल्यांकन होगा।



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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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