लखनऊ:डॉ. अमित की मौत की वजह पोस्टमॉर्टम में स्पष्ट नहीं,बिसरा-हार्ट सुरक्षित रखा, अब दोस्तों से होगी पूछताछ, पिता से 4 दिन से नहीं की थी बात

लखनऊ:डॉ. अमित की मौत की वजह पोस्टमॉर्टम में स्पष्ट नहीं,बिसरा-हार्ट सुरक्षित रखा, अब दोस्तों से होगी पूछताछ, पिता से 4 दिन से नहीं की थी बात

लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर अमित नायक की मौत की वजह पोस्टमॉर्टम में भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। अब मौत का राज गहराता जा रहा है। डॉक्टरों ने बिसरा के साथ ही हार्ट को भी सुरक्षित रख लिया है। पुलिस आज अमित के साथी डॉक्टरों से भी पूछताछ करेगी।

पुलिस को आशंका है कि एनेस्थीसिया की ओवरडोज के चलते मौत हुई है। उन्होंने उसी से सुसाइड किया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। दूसरी तरफ अमित नायक के पिता ने बेटे से चार दिनों से फोन पर संपर्क नहीं होने की बात कही। उसके तनाव में होने की वजह पूछने पर पिता ने बात टाल दी।

रविवार को इमरजेंसी में ड्यूटी थी, उस दिन से बात नहीं हुई

डॉ. अमित की मौत से पिता हेमचंद्र नायक का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके मुताबिक, बेटे की लगातार इमरजेंसी ड्यूटी होने से चार दिन से बात नहीं हो पाई थी। रविवार को इमरजेंसी में ड्यूटी के चलते बात न होने की बात कही थी। तब से फोन नहीं उठा रहा था। बेटा अपने दिल की बात अपने तक ही रखता था। कई बार उससे किसी बात से परेशान होने के लिए पूछा भी तो वह बात टाल देता था।

पिता का कहना है, पुलिस जांच करके मेरे बेटे की मौत के कारणों का पता करे। ताकि किसी और का बेटा ऐसा कदम न उठाए। वहीं, पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंची डॉ. अमित की बहन गश खाकर गिर गईं। परिजनों ने उसे किसी तरह संभाला। परिजन दिल्ली में रहते हैं। ऐसे में पोस्टमॉर्टम के बाद शव को लेकर दिल्ली लेकर चले गए।

साथी डॉक्टरों से आज की जाएगी पूछताछ

मामले की जांच कर रहे डीसीपी कासिम आब्दी ने बताया कि अमित के शव के पास एक सिरिंज बरामद हुई है। अभी यह पता नहीं चल सका है कि उसने कौन-सी दवा का इंजेक्शन लिया था। शनिवार को लोहिया अस्पताल में उसके साथी डॉक्टरों से इस बारे में पूछताछ की जाएगी। अभी तक की जांच को लेकर ऐसी आशंका जताई जा रही है कि डॉक्टर ने सुसाइड किया है। पुलिस यह भी पता कर रही है कि कहीं डॉक्टर ने इंजेक्शन का ओवरडोज तो नहीं ले लिया। यह इंजेक्शन किस तरह का था और उसने क्यों लगाया।

आशंका... एनेस्थीसिया की ओवरडोज से हार्टअटैक हुआ होगा

दोस्तों ने बताया कि डॉ. अमित एनेस्थीसिया की पढ़ाई कर रहे थे। उसे पता था कि कितना डोज लेने से मौत नहीं होगी और कितना लेने पर पेन लेस डेथ (दर्द रहित मौत) हो सकती है। उसने वही दवाएं इंजेक्शन से ली होंगी, जिससे मौत हो जाए। डॉक्टरों के मुताबिक, एनेस्थीसिया की ओवरडोज लेने से ही उसका हार्ट अटैक हुआ होगा। हालांकि, यह सब बातें बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

गुरुवार रात घर में बेड पर पड़ा मिला शव, मौके पर मिले कई इंजेक्शन

डॉक्टर अमित नायक का शव गुरुवार देर रात संदिग्ध हालात में इंदिरानगर सेक्टर-14 स्थित घर में मिला था। EMO डॉ. राहुल ने बताया कि अमित नायक MBBS एनेस्थीसिया पीजी फर्स्ट ईयर (जेआर-1) का स्टूडेंट था। अमित के घर में पिता के साथ ही बहन रिंकू नायक, अंजुला नायक, अनु नायक और भाई अभय नायक है। वह घर में सबसे छोटा था।

अमित के सीनियर डॉक्टर दीपक दीक्षित (जेआर-3) ने इमरजेंसी ड्यूटी के लिए अमित नायक को शाम करीब 6:30 बजे फोन लगाया तो फोन स्विच ऑफ था। इस पर उन्होंने कंसलटेंट इंचार्ज दीपक को इसकी जानकारी दी। अनहोनी की आशंका पर डॉ. अमित नायक के आवास और सगे संबंधियों को पता करने की कोशिश की गई। कोई जानकारी न मिलने पर डॉ. शुभेंदु और अन्य दो डॉक्टर शोएब और अनिल मौके पर पहुंचे। वहां दरवाजा पीटने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। पुलिस को फोन किया।

पुलिस की मौजूदगी में हथौड़ी से दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे। घुसने पर देखा कि वह बेहोश है और पल्स नहीं चल रहा है। डॉक्टर शुभेंदु ने सीपीआर किया और अन्य डॉक्टरों को सूचना दी। जल्द ही डॉ. अमित को एंबुलेंस से डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी ले आया गया। यहां जांच की तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है।

लखनऊ में डॉक्टर कर चुके हैं सुसाइड और प्रयास

डालीगंज स्थित केके हॉस्पिटल के एनेस्थेटिस्ट डॉ. मीसम रिवजी ने 2017 में सुसाइड किया था। उनका शव ठाकुरगंज में पीपे वाले पुल के पास कार में मिला था। डिप्रेशन के चलते डॉ. मीसम रिजवी ने यह कदम उठाया था। इसी तरह केजीएमयू बीडीएस 2017 बैच की छात्रा ने नींद की गोली खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। वहीं, केजीएमयू की महिला डॉक्टर ने बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर खुदकुशी की कोशिश की थी।

संस्थान हॉस्टल में रहते तो न होती यह घटना

लोहिया में MD एनेस्थीसिया के 3rd ईयर PG स्टूडेंट डॉ.अश्विन ने बताया कि करीब 2 साल पहले अमित की मां का निधन हो गया था। तभी से वो सदमे में थे। हालांकि इतना बड़ा कदम उठा लेंगे, ऐसी भी उम्मीद नही थी। बातचीत के दौरान भी कभी ऐसा नही लगा कि उन्हें कोई बड़ी परेशानी हैं। अम्बेडकर नगर मेडिकल कॉलेज से उन्होंने MBBS किया था और अब लोहिया संस्थान से MD कर रहे थे। फर्स्ट ईयर में होने के बाद भी उनके हमारे बैच के लोगों के साथ भी अच्छे संबंध थे। अमित कैंपस से बाहर रूम लेकर रहते थे। जबकि संस्थान परिसर में PG स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल हैं, वो कैंपस में ही रहते तो शायद यह घटना न होती। और यदि होती भी तो समय रहते उन्हें बचा लिया जाता।

घटना के बाद शुक्रवार को लोहिया संस्थान में कंडोलेंस के बाद परिसर में डॉक्टरों ने शोक सभा की। संस्थान की तरफ से कंडोलेंस मैसेज जारी करके बताया गया कि एक दिन पहले NMC निरीक्षण के दौरान भी डॉ. अमित नायक ने एक्टिव रूप से काम किया था।



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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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