ट्रम्प को एक वोट मिला तो हंस पड़े,हाउस स्पीकर चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति को केवल प्रस्तावक ने दिया वोट, केविन मैकार्थी जीते

ट्रम्प को एक वोट मिला तो हंस पड़े,हाउस स्पीकर चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति को केवल प्रस्तावक ने दिया वोट, केविन मैकार्थी जीते

अमेरिका के निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में स्पीकर को चुनने के लिए लगातार 15 बार वोटिंग हुई। जिसके बाद केविन मैकार्थी को स्पीकर चुन लिया गया है। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब लगातार इतने दिनों तक स्पीकर को चुनने के लिए वोटिंग की गई हो।

इसी बीच सदन के एक सदस्य मैट गैट्ज ने स्पीकर के लिए डोनाल्ड ट्रंप का नाम आगे बढ़ा दिया। वो इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जिन्होने ट्रंप को वोट किया। जब इसकी घोषणा सदन में हुई तो सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए और ठहाके लगाने लगे।

जीत के बाद बाइडेन ने दी बधाई

रिपब्लिकन पार्टी के केविन मैकार्थी को स्पीकर चुनने के लिए चार दिन तक 15 राउंड की वोटिंग हुई। इसमें उन्हें 428 में से 216 वोट मिले, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हकीम जेफरीज को 212 सदस्यों ने वोट किया। मैकार्थी के स्पीकर चुने जाने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें बधाई दी है।

पार्टी में नहीं थी मैकार्थी के नाम पर एकजुटता

अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में हाल ही में हुए मिडटर्म चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिला था। 435 सीटों में से 222 सीटें रिपब्लिकन पार्टी को मिली थीं, जबकि डेमोक्रेटिक को केवल 213 सीट ही मिल पाई थी। ऐसे में माना जा रहा था कि रिपब्लिकन पार्टी आसानी से अपना स्पीकर चुन लेगी। हालांकि ऐसा नहीं हो पा रहा था। खुद पार्टी ही अपने उम्मीदवार केविन मैकार्थी के स्पीकर चुने जाने पर एकजुट नहीं थी। 14 बार हुई वोटिंग में उन्हें बहुमत नहीं मिल पा रहा था।

डेमोक्रेट्स की हार के बाद नैंसी पेलोसी ने स्पीकर पद से दिया था इस्तीफा

अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डेमोक्रेट्स की हार के बाद स्पीकर और अपनी पार्टी की लीडरशिप से हट गई थीं।

82 साल की पेलोसी ने कहा था- मैं डेमोक्रेटिक पार्टी के युवा नेताओं को मौका देना चाहती हूं। मैं किसी भी दावेदार का समर्थन नहीं करूंगी। सभी दावेदारों का अपना प्लान होगा, अपना विजन होगा।

पेलोसी ने ताइवान विजिट कर खींचा था दुनिया का ध्यान

नैंसी पेलोसी ने अमेरिका में मिड टर्म इलेक्शन से पहले ताइवान जाकर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। चीन की चेतावनी के बावजूद की गई इस विजिट से दोनों देशों में काफी तनाव पैदा हो गया था। माना जा रहा था कि पेलोसी ने ताइवान विजिट अमेरिका में वोटर्स को रिझाने के लिए की थी।


 h9c823
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *