अब ग्रेटर नोएडा में कंझावला जैसा हादसा: ICU में भर्ती छात्रा के पास इलाज के पैसे नहीं; क्राउडफंड‍िंग से लाखों का ब‍िल चुका रहे दोस्‍त

अब ग्रेटर नोएडा में कंझावला जैसा हादसा: ICU में भर्ती छात्रा के पास इलाज के पैसे नहीं; क्राउडफंड‍िंग से लाखों का ब‍िल चुका रहे दोस्‍त

ग्रेटर नोएडा: द‍िल्‍ली के सुल्‍तानपुरी-कंझावला इलाके (Sultanpuri-Kanjhawala Accident) में नए साल की पूर्व संध्‍या पर सड़क पर दर‍िंदगी से सभी ह‍िले हुए हैं. 20 साल की अंजलि को कार से रौंद द‍िया गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई. ऐसी ही एक घटना द‍िल्‍ली से सटे उत्‍तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida Road Accident) के डेल्‍टा सेक्‍टर एर‍िया में भी हुई थी, जहां छात्रा के पास इलाज के लिए भी पैसे नहीं हैं और क्राउडफंडिंग से उसके दोस्त लाखों के बिल भर रहे हैं.

दरअसल, नए साल की पूर्व संध्या पर ही बी.टेक की छात्रा स्वीटी कुमारी (20) और उसके दोस्त जब डेल्टा सेक्टर में अपने घर जा रहे थे तो तभी एक वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी थी. इस टक्‍कर में स्‍वीटी गंभीर रूप से घायल हो गई जोक‍ि अब कोमा में है. ब‍िहार (Bihar) के एक गरीब पर‍िवार से ताल्‍लुक रखने वाली स्‍वीटी के इलाज के ल‍िए उसके छात्र साथी क्राउडफंड‍िंग (Treatment with Crowdfunding) कर रहे हैं. बताया जा रहा है क‍ि हर रोज दो लाख रुपए इलाज पर खर्च हो रहे हैं. इसको लेकर प्रशासन की ओर से क‍िसी प्रकार की कोई मदद देने की जानकारी भी नहीं म‍िली है.

इंड‍ियन एक्‍सप्रेस में प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, हादसा उस वक्‍त हुआ जब बी.टेक (B.Tech student)की छात्रा स्वीटी कुमारी (20) अपनी दोस्‍तों के साथ घर लौट रही थी. एक सफेद सैंट्रो कार ने उनको टक्‍कर मार दी थी. ज‍िग जेक तरीके से चल रही इस कार ने तीनों छात्रों को टक्‍कर मारी थी. लेक‍िन स्‍वीटी इस टक्‍कर के बाद पूरी तरह से हवा में उछल गई थी. जबक‍ि उसकी दो अन्‍य साथी करसोनी और अंगनवा हल्‍की चोट लगने से बच गई थीं. स्‍वीटी को गहरी चोट आने मल्‍टीफ्रेक्‍चर के चलते ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसका गहन चिकित्सा इकाई में इलाज चल रहा है जोक‍ि कोमा में बताई जा रही हैं. स्‍वीटी की दोनों दोस्‍तों ने इस घटना को दोहराते हुए यह सब बताया है.

इस घटना में बीटा 2 थाने में मामला दर्ज कराने वाले शिवम सिंह बताते हैं क‍ि एक दोस्त करसोनी से फोन पर बात कर रहा था. लेक‍िन अचानक फोन ड‍िस्‍कनेक्‍ट हो गया. इसके बाद कई बार कॉल की गई लेक‍िन बात नहीं हो सकी. बाद में हमें पता चला क‍ि एक सड़क हादसा हुआ है और उनको इलाज के लिए कैलाश अस्पताल ले गए थे. उन्हें अस्पताल ले जाने वाले लोगों के मुताबिक स्वीटी को इतनी जोर से टक्‍कर मारी गई क‍ि वह हवा में उछल गई थीं. जिस वाहन ने उन्हें टक्कर मारी वह एक सफेद सैंट्रो कार थी और टेढ़े-मेढ़े तरीके से जा रही थी. करसोनी ने कहा कि उसको कुछ चोट लगीं थी और वह बच गई थी. इसके बाद स्वीटी और अंगनवा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अंगनवा ने कहा क‍ि मेरी पसलियां अभी भी दर्द कर रही हैं. लेकिन फ्रैक्चर होने से बच गई हैं. मेरे पैर में चोट लगी हैं ज‍िसको ठीक होने में थोड़ा वक्‍त लगेगा. हालांकि, स्वीटी के सिर और पैरों में गंभीर चोटें आई थीं. उसके कानों से भी खून बह रहा था.

करसोनी ने हादसे के बारे में बताया क‍ि जब दुर्घटना हुई तो हम डेल्टा सेक्टर बस स्टॉप के पास एक लाइन में चल रहे थे. हमें एक बलेनो में सवार एक दंपत्ति ने उठाया, जिन्होंने यह घटना देखी थी. हालांकि, उन्होंने उस गाड़ी के नंबर पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि वह हादस के बाद काफी सदमे में थे और हमें बचाने में लग गए. इस घटना की सूचना बिहार में स्वीटी के परिजनों को दे दी गई है. स्‍वीटी का पर‍िवार खेतीबाड़ी करके अपना गुजर बसर करता है. इसलिए उनके पर‍िजनों का इतने कम समय में आना बड़ा मुश्‍क‍िल था. उसके इलाज के लिए पैसे देने के लिए छात्रों और कॉलेज के लोगों द्वारा ‘क्राउडफंडिंग’ की जा रही है. उन्होंने कहा क‍ि वो स्वीटी को दो साल से जानती हूं.. वह बहुत स्मार्ट हैं और टेबल टेनिस और बैडमिंटन खेलती हैं.

सप्‍ताह के आख‍िर तक हालत में सुधार की उम्‍मीद

हादसे में घायल स्‍वीटी की हालत पर कैलाश अस्पताल (Kailash hospital) के डॉ बीके शर्मा का कहना है क‍ि जब सिर में चोट लगती है, तो नाक, कान आदि से खून बह सकता है. फ‍िलहाल वह आईसीयू (ICU) में भर्ती है और धीरे-धीरे ठीक हो रही है. कुछ हलचल है और उसकी आंखें खुल रही हैं और बंद हो रही हैं. इससे पहले, हमने ऑपरेशन किया था क्योंकि रक्त की क्‍लोट‍िंग और पूलिंग थी. आशा करते हैं क‍ि सप्ताह के आख‍िर तक कुछ और सुधार होगा.

पुल‍िस ने आरोपी को पकड़ने को गठ‍ित की तीन टीम

इस बीच देखा जाए तो घटना की जांच में जुटी पुल‍िस सीसीटीवी (CCTV) फुटेज खंगाल रही है. आरोपी को पकड़ने के ल‍िए पुल‍िस ने तीन टीमों का गठन भी क‍िया है. लेक‍िन अभी इस मामले में कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है.

पट्टे पर जमीन लेकर गुजर बसर कर रहा है स्‍वीटी का पर‍िवार

जानकारी के मुताब‍िक छात्रा स्‍वीटी अपने प‍िता श‍िवनंदन प्रसाद भगत की अकेली संतान है. उसके प‍िता पट्टा पर जमीन लेकर गुजर बसर कर रहे हैं. इससे होने वाली आमदनी से ही बेटी की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं. उनकी उम्‍मीद थी क‍ि बेटी बीटेक करके इंजीन‍ियर बन जाएगी तो नौकरी लगने के बाद उनके घर की हालत सुधर जाएगी. बताया जाता है क‍ि स्‍वीटी का बीटेक फाइनल ईयर था और छह जनवरी से उसकी परीक्षाएं होने वाली थीं.

ब‍िहार के सरथुआ गांव की रहने वाली है स्‍वीटी

सूत्रों की माने तो स्‍वीटी के साथी भी उसके इलाज के चलते अस्‍पताल में ही हैं. वह सभी उसका इलाज का खर्च उठाने के ल‍िए चंदा इक्‍ट्ठा कर रहे हैं. प‍िता का कहना है क‍ि डॉक्‍टरों ने ऑपरेशन के बाद फ‍िर से सीटी स्‍कैन कराया है. उसके इलाज पर हर रोज करीब 2 लाख रुपए का खर्च आ रहा है. इसका इंतजाम सभी छात्र म‍िलकर कर रहे हैं. बताया जाता है क‍ि स्‍वीटी के मेधावी होने के चलते पर‍िवार ने कर्ज लेकर उसका एडम‍िशन करवाया था. लेक‍िन इस हादसे के बाद अब पर‍िवार काफी सदमें है. स्‍वीटी ब‍िहार के पटना जिले के दन‍ियावां के सरथुआ गांव की रहने वाली है.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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