कभी बिना खाए रातें गुजारी,आज विधायक हैं, झोपड़ी से विधानसभा तक का सफर जानिए

कभी बिना खाए रातें गुजारी,आज विधायक हैं,  झोपड़ी से विधानसभा तक का सफर जानिए


भरतपुर. कहते हैं मेहनत का फल देरी से मिलता है किंतु मिलता अवश्य है. आज हम आपको ऐसे ही व्यक्ति के बारे बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर कुछ ऐसा कर दिखाया, जिसकी बदौलत वो आज जनसेवा कर पा रहे हैं. उनके हौसले और इरादों को परिस्थितियां भी नहीं रोक पाई. हम बात कर रहे हैं बयाना विधानसभा के विधायक अमर सिंह जाटव  की. जिनका जन्म भरतपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. पारिवारिक हालत इतनी खस्ता थी कि दो वक्त की रोटी मिल पाना भी मुश्किल था. लेकिन आज उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर प्रदेश ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में अपनी पहचान बनाई है.

कच्ची झोपड़ी और पहाड़ की तलहटी में हुआ था जन्म

बयाना विधानसभा विधायक अमर सिंह जाटव का जन्म 2 मार्च 1968 को बसई गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. जिनके माता-पिता की हालत इतनी खराब थी कि वे बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का पालन पोषण कर पा रहे थे. जहां उनका जन्म हुआ उनका यह मकान पहाड़ की तलहटी में करीब 200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित था, चारों ओर से खुला होने की बजह से उनके घर से कुत्ता बिल्ली खाने पीने तक की सामग्री तक को ले जाते थे. ऐसे में उन्होंने अपने परिवार के साथ बिना कुछ खाए पिए रातें गुजारी हैं. विधायक अमर सिंह जाटव की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही विद्यालय से हुई तब परिवार का निवास इसी खुले मकान में था.

शिक्षक टोडरमल शर्मा ने बचपन में ही कर दी थी भविष्यवाणी

पास ही स्थित गांव बंसी पहाड़पुर निवासी टोडरमल शर्मा उन दिनों बसई गांव में शिक्षक पद पर कार्यरत थे. उन्होंने बचपन में ही माता-पिता को अमर सिंह की प्रतिभा के बारे में बता दिया था. लेकिन परिवार की स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि बालक अमर सिंह जाटव को आगे तक पढ़ाया जा सके. वही अमर सिंह जाटव जब कक्षा आठवीं में अध्यनरत थे तो उनकी मां ने उनकी पढ़ाई के लिए गहनों को बेचने की योजना बना रखी थी. लेकिन गहने चोरी हो जाने की वजह से उन्हें उनकी मां पढ़ाई के लिए ज्यादा दूर नहीं भेज पाई, ऐसे में उन्होंने माध्यमिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय से ही प्राप्त की.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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