गहलोत कैम्प के विधायकों ने इस्तीफे वापस लेने का फैसला किया,क्या है इसके पीछे की रणनीति

गहलोत कैम्प के विधायकों ने इस्तीफे वापस लेने का फैसला किया,क्या है इसके पीछे की रणनीति

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत  के बीच चल रहे टकराव के बीच गहलोत समर्थक विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से दिए अपने इस्तीफे a वापस लेना शुरू कर दिया है. मुख्य सचेतक एवं गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने भी अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. बताया जा रहा है कि यह पूरी कवायद विधानसभा सत्र को लेकर हो रही है. राजस्थान में 23 जनवरी से विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. इसमें विधायकों के इस्तीफे को लेकर कोई पेंच नहीं फंसे इसलिए इस्तीफे वापस लिए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले थे. उस समय कलराज मिश्रा ने विधायकों के इस्तीफे का सवाल उठाया था. दूसरी तरफ बीजेपी नेता एवं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने विधायकों के इस्तीफे के मामले को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. उस पर 3 जनवरी को सुनवाई होनी है और विधानसभा अध्यक्ष को इस पर जवाब देना है.

कानूनी उलझन से बचने के लिए वापस लिए जा रहे हैं इस्तीफे

विधायकों के इस्तीफे को लेकर कानूनी उलझन के बीच अब गहलोत कैंप के विधायकों ने इस्तीफे वापस लेने का फैसला किया ताकि 23 जनवरी से हो रहे बजट सत्र में विधायक भाग ले सकें. बीते वर्ष 25 सितंबर को गहलोत कैम्प के नेताओं की अगुवाई में विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष को इस्तीफे इस दबाव के तहत दिए थे कि वे सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री मंजूर नहीं करेंगे. उस समय पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़वाना चाहता था.

गहलोत समर्थक 88 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफे दिए थे

इसी के तहत गहलोत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना था. आलाकमान की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों ने इसके लिए 25 सितंबर को बैठक बुलाई थी ताकि विधायक दल में नए नेता के चयन को लेकर प्रस्ताव पारित किया जा सके. तब गहलोत समर्थक विधायकों को आशंका हो गई थी गहलोत को हटाकर पायलट को सीएम बनाया जा रहा है. इसी के विरोध में गहलोत समर्थक 88 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफे दिए थे और अभी तक वापस नहीं लिए थे.

हाईकमान पर दबाव के लिए किया जा रहा था इस्तीफों का इस्तेमाल

गहलोत इस्तीफों का इस्तेमाल अब तक कांग्रेस हाईकमान पर दबाव के लिए कर रहे थे. वे ये दिखाने की कोशिश कि अगर उन्हें हटाया तो सरकार गिर जाएगी. कांग्रेस हाईकमान ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए तीन मंत्रियों को नोटिस भी दिया था. पायलट कैंप लगातार नोटिस दिए गए नेताओं पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. लेकिन दो दिन पहले कांग्रेस के नए राजस्थान प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा की यात्रा से साफ हो गया कि गहलोत को नहीं हटाया जाएगा.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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