बड़ा बयान ओपी राजभर का OBC आरक्षण पर:बोले- लोकल नेताओं ने अधिकारियों से सेटिंग कर सीटों को जनरल और SCकरा दिया

बड़ा बयान ओपी राजभर का OBC आरक्षण पर:बोले- लोकल नेताओं ने अधिकारियों से सेटिंग कर सीटों को जनरल और SCकरा दिया

UP निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश के बाद सभी दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। निकाय चुनाव और OBC आरक्षण पर राजभर ने कहा कि सत्ता पक्ष के नेताओं के दबाव और मनमानी की वजह से अधिकारियों ने गड़बड़ी की। लोकल और सत्ता पक्ष के नेताओं ने अधिकारियों से सेटिंग कर आरक्षण तय कराया है। इसकी वजह से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश देकर इस पूरे मामले पर इंसाफ का रास्ता सत्ता पक्ष को दिखाया है। OBC आरक्षण पर ओपी राजभर से दैनिक भास्कर ने बात की। बातचीत के प्रमुख अंश...

सवाल: OBC आरक्षण में आप किसकी चूक मानते हैं?

जवाब: सत्ता पक्ष के स्थानीय नेताओं द्वारा अधिकारियों पर दबाव बनाया गया। अपने मन-माफिक आरक्षण लागू कराया। उसी रिपोर्ट को सरकार तक पहुंचाया गया। अधिकारियों ने उसी को मान लिया। यही सबसे बड़ी गलती हुई। इसी वजह से दिक्कत पैदा हुई है

सवाल: आपका मानना है कि स्थानीय नेताओं के दबाव में यह सब किया गया?

जवाब: नेताओं द्वारा दबाव बनाया गया कि मुझे यहां लड़ना है। इस सीट को OBC कर दो... इस सीट को SC कर दो... इस सीट को सामान्य कर दो। इसीलिए यह गलती हुई। मजबूरी में अधिकारी भी सरकार के गुलाम होते हैं। अगर नेताओं की नहीं मानते तो उन्हें हटा दिया जाता।

सवाल: कैसे कह सकते हैं कि स्थानीय नेताओं ने ओबीसी आरक्षण अपने हिसाब से लागू करवाया था

जवाब: सरकार ने खुद स्वीकार किया कि उनकी गलती है। सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग भी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए घोषित किया है। मुख्यमंत्री का बयान आया कि जब तक OBC आरक्षण व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक हम चुनाव नहीं होने देंगे। यही बात विपक्ष भी कह रहा है कि OBC आरक्षण लेकर आइए, तब हम चुनाव होने देंगे।

सवाल: आपकी नजर में ओबीसी आरक्षण को लेकर सबसे बड़ा दुश्मन कौन सी पार्टी है?

जवाब: OBC आरक्षण को लेकर सबसे बड़ा कोई पार्टी अगर दुश्मन है तो वह सपा और बसपा है। दोनों को अलग-अलग होकर चुनाव लड़ना है। अगर वह हितैषी हैं तो एक होकर चुनाव लड़े, तब जानें। सपा भी कहती है कि हम पिछड़ों के हितैषी हैं, बसपा भी कहती है कि पिछड़ों के हितैषी हैं। लेकिन, चुनाव अलग-अलग लड़ते हैं।

सवाल: कौन-सी पार्टी ने OBC आरक्षण में सबसे ज्यादा हक मारा है?

जवाब: सपा-बसपा किसी के हक के लिए नहीं लड़ रहे हैं। ये दोनों लोग अपनी कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं। मायावती और अखिलेश को एक होकर सभी पिछड़े समाज के लोगों को लेकर लड़ना था।

सवाल: क्या आप कोई नई पार्टी के साथ गठबंधन की राह तलाश रहे हैं?

जवाब: अभी बहुत समय है। उस विषय पर क्या बात किया जाए। इन सब पर फोकस दो-तीन महीने पहले होता है। उस समय जिसके साथ जाना रहेगा चले जाएंगे।

सवाल: कांग्रेस और भाजपा में आप कौन-सी पार्टी को अच्छा मानते हैं?

जवाब: मेरे बयान पर तो लोग सब से जोड़ते हैं। अभी कोई साथी कह रहा था कि मैं कांग्रेस के साथ जा रहा हूं। आजादी के बाद सबसे ज्यादा फैक्ट्री कम किया तो कांग्रेस ने किया है।

सवाल: भाजपा और सपा सरकार में सबसे ज्यादा काम किस पार्टी ने किया?

जवाब: कांग्रेस ने जो किया है वह कोई नहीं कर पाएगा। यह सिस्टम है, उस समय कांग्रेस की सरकार में फैक्ट्री लगाने की जरूरत थी, सड़क बनाने की जरूरत थी...जो भी करने की जरूरत थी उन्होंने किया। अब समय एक्सप्रेस-वे बनने का है। वह समय बिना पंखे वाला था, अब नहीं है। AC लगाकर हवा लेने का समय है। काम की तुलना में अगर तुलना करेंगे तो हम तो कांग्रेस को मानते हैं।

सवाल: चुनाव होता है तो स्थानीय निकाय चुनाव आप अकेले लड़ेंगे या किसी पार्टी के साथ?

जवाब: मेरी पूरी तैयारी हो चुकी है,। हम अकेले अपने सिंबल पर निकाय चुनाव लड़ेंगे। केवल हम 4 से 5 घंटे सोते हैं। एकदम लड़ाई के मोड में मैं काम करता रहता हूं। लगातार क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं।

सवाल: OBC आरक्षण को लेकर आयोग का गठन पहले करना था, यह सही है क्या?

जवाब: समय पर ही आयोग का गठन होता है, अगर हाईकोर्ट का फैसला न आया होता तो पिछड़ों के अधिकारों का हनन हो रहा होता।

सवाल: बिना OBC आरक्षण के चुनाव में आप उतरते?

जवाब: बिना OBC आरक्षण के कोई भी चुनाव ना होता। सरकार ने OBC आरक्षण करके अगर चुनाव की घोषणा की होती तो यह आयोग गठित थोड़ी किया जाता।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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