इस वित्त वर्ष भारत 6.8 फीसदी की दर से करेगा वृद्धि, IMF ने कहा- अगले 2 सालों में आ जाएगी काबू महंगाई

इस वित्त वर्ष भारत 6.8 फीसदी की दर से करेगा वृद्धि, IMF ने कहा-  अगले 2 सालों में आ जाएगी काबू महंगाई

नई दिल्ली. चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 6.8 प्रतिशत और 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF ने शुक्रवार को जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में यह कहा. IMF के अनुसार, ऐसा बाहरी दबावों जैसे, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, कमजोर बाहरी मांग और मुश्किल होती वित्तीय स्थिति के कारण होगा. आईएमएफ के भारतीय मिशन की प्रमुख शोएरी नाडा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि एक निराशाजनक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत रोशनी के जैसा है.

आईएमएफ ने भारत के लिए अपनी वार्षिक परामर्श रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, हम देख रहे हैं कि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में काफी मजबूती से आगे बढ़ रही है. इस रिपोर्ट के अनुसार कम अनुकूल परिदृश्य और सख्त वित्तीय स्थितियों के मद्देनजर वृद्धि दर मध्यम रहने का अनुमान है. भारत पर आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वास्तविक जीडीपी के वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में क्रमश: 6.8 प्रतिशत और 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. नाडा ने कहा कि ये अनुमान पहले की तुलना में काफी बेहतर हैं. उन्होंने कहा, हमारे अनुमानों के मुताबिक भारत इस साल और अगले साल वैश्विक वृद्धि में आधा प्रतिशत योगदान देगा. भारत के संबंध में जोखिम के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जोखिम ज्यादातर बाहरी कारकों से आ रहे हैं.

 सरकार का बड़ा फैसला. अगले 1 साल तक मिलेगा मुफ्त राशन, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को होगा फायदा

महंगाई होगी कम

IMF ने कहा है कि भारत में महंगाई धीरे-धीरे कम होगी. 2022-23 में इसके 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके बाद अगले 5 साल में ये गिरकर 4 फीसदी तक आ जाएगी. हालांकि, इसमें गिरावट अगले साल से दिखने लगेगी. अगले 2 साल में ये आरबीआई के संतोषजनक दायरे में आ जाएगी. आईएमएफ ने इसके लिए बेस इफेक्ट, सख्त मौद्रिक नीति और लंबी अवधि के लिए सही दिशा में जा रहे महंगाई के अनुमान को श्रेय दिया है. बता दें कि नवंबर में भारत में खुदरा महंगाई दर 5.88 फीसदी रही थी जो आरबीआई के संतोषजनक दायरे के अंदर है. 2022 में ऐसा पहली बार हुआ था जब खुदरा महंगाई 6 फीसदी से नीचे आ गई थी.

चालू खाता बढ़ेगी

आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 23 में आयात की मांग और कमोडिटी की कीमतें बढ़ने से भारत का चालू खाता घाटा बढ़कर जीडीपी का 3.5 फीसदी हो जाएगा. पिछले वित्त वर्ष में यह जीडीपी का 1.7 फीसदी था. मध्यम अवधि में इसके घटकर 2.5 फीसदी तक आ जाने की उम्मीद है. बकौल आईएमएफ, भले ही क्रेडिट ग्रोथ बेहतर हो रही हो लेकिन मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए इसे और मजबूत होने की जरूरत है.





 g1l8ds
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *