रुद्रप्रयाग उत्तराखंड की बेटी प्रीति नेगी ने अपने अद्भुत और बहादुरी भरे कारनामे से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है. उन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट किलिमंजारो को साइकिल से फतह करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. प्रीति ने 18 दिसंबर को 5,895 मीटर ऊंचे किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया और असंभव काम को संभव बनाकर दिखाया. अपने इस रिकॉर्ड को उन्होंने शहीद माउंटेनियर सविता कंसवा, नोमी रावत और भारतीय सेना के जांबाज सिपाही रहे अपने शहीद पिता को श्रद्धाजंलि स्वरूप समर्पित किया है.
कोटोपैक्सी सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत को फतह करने की दिलचस्प कहानी
प्रीति नेगी से पहले पाकिस्तान की समर खान ने 4 दिन में किलिमंजारो की चोटी को फतह किया था. भारत की बेटी ने यह कारनामा 3 दिन में करके पाकिस्तानी पर्वतारोही का रिकॉर्ड तोड़ दिया. किलिमंजारो अपने 3 ज्वालामुखीय शंकु किबो मवेन्जी और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी के लिए जाना जाता है. यह अफ्रीकी महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 19341 फीट है. किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त खड़ा पर्वत है. साथ ही विश्व का चौथा सबसे उभरा पर्वत है, जो अपने आधार से 5882 मीटर या 19298 फीट ऊंचा है.
इससे पहले प्रीति नेगी रिस्पेक्ट टू गॉड इवेंट के तहत 4 दिन में हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा साइकिल से कर चुकी हैं. यह भी एक रिकॉर्ड है. उनके अलावा यह कारनामा कोई नहीं कर सका है. वह रुद्रप्रयाग के तेवड़ी सेम, चंद्रनगर की रहने वाली हैं. उनके सैनिक पिता राजपाल सिंह वर्ष 2002 में आतंकवादियों से लड़ते हुए जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए थे. इस अपूरणीय क्षति के बावजूद प्रीति ने खुद को कमजोर होने नहीं होने दिया और परिवार के लिए संबल बनीं. मां भागीरथी देवी ने भी लगातार बेटी का हौसला अफजाई किया. प्रीति बचपन से ही खेलकूद में अव्वल थीं. माउंटेन बाइकिंग और साइकिलिंग में उन्होंने अपना भविष्य देखा.