भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर देशी-विदेशी मंचों पर भारत के हितों की बात तो दृढ़ता के साथ करते ही हैं साथ ही यदि कोई भारत के खिलाफ बोलता है तो उसे तत्काल करारा जवाब देने में जरा भी नहीं हिचकते। इस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक चल रही है जिसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कश्मीर मुद्दा उठा दिया। बस फिर क्या था। जयशंकर जी ने तुरंत पलटवार करते हुए पाकिस्तान को उसकी नानी याद दिला दी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा है कि एक देश जिसने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसके पास संयुक्त राष्ट्र में "उपदेश" देने की साख नहीं है। यहां बाइट लग जायेगी।
पाकिस्तान आतंकवादी देश है, उसकी स्टेट पॉलिसी आतंकवाद को बढ़ावा देने की है यह बात पूरी दुनिया जानती है। पूरी दुनिया के सामने है कि कैसे आतंकवादियों के सबसे बड़े बॉस ओसामा बिन लादेन को उसने अपने यहां छिपा कर रखा था। यही नहीं मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी, सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादी पाकिस्तान की पुलिस और सेना की सुरक्षा में रहते हैं और भारत में आतंकवाद फैलाने की साजिशें रचते रहते हैं। लेकिन आतंकवाद के जनक और उसके पोषक पाकिस्तान ने अब गांधी और बुद्ध की धरती भारत पर ही आतंकवाद में शामिल होने का आरोप लगा दिया है। पाकिस्तान ने भारत पर उसके देश में ‘‘आतंकवाद और अराजकता’’ फैलाने में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए इसे उजागर करने के लिए एक कूटनीतिक अभियान शुरू किया है। पाकिस्तान के विदेश सचिव असद मजीद ने इस्लामाबाद में विदेशी राजनयिकों के समक्ष यह आरोप लगाए जबकि विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इससे एक दिन पहले, पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने आरोप लगाया था कि भारत मुंबई हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी हाफिज सईद के लाहौर स्थित आवास के बाहर पिछले साल हुए विस्फोट में शामिल था।
लेकिन इन आरोपों पर भी करारा पलटवार करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक खुली बहस के दौरान चीन और उसके करीबी सहयोगी पाकिस्तान को जोरदार तरीके से घेरा और उन दोनों पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद को उचित ठहराने और साजिशकर्ताओं को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जयशंकर परोक्ष रूप से चीन का जिक्र कर रहे थे, जिसने पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए कई मौकों पर भारत और अमेरिका के प्रयासों को बाधित किया।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय की बात आती है तो स्थिति बेहतर नहीं है। जयशंकर ने कहा, संबंधित मुद्दों को उचित मंच पर संबोधित करने के बजाय, हमने ध्यान भटकाने और भ्रमित करने के प्रयास देखे हैं। गौरतलब है कि जयशंकर मंगलवार को यूएनएससी में भारत की वर्तमान अध्यक्षता के तहत आतंकवाद और सुधारित बहुपक्षवाद पर दो कार्यक्रमों का नेतृत्व करने के लिए संयुक्त राष्ट्र पहुंचे। हम आपको यह भी बता दें कि 15 सदस्यीय यूएनएससी के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल इस महीने समाप्त हो जाएगा।