Economy को लेकर कांग्रेस और सरकार के बीच वार-पलटवार, संस्कृत को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग उठी

Economy को लेकर कांग्रेस और सरकार के बीच वार-पलटवार, संस्कृत को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग उठी

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। संसद के दोनों सदनों में लगातार काम हो रहे हैं। हालांकि, विपक्ष की ओर से भी कई बड़े मुद्दे उठाए जा रहे हैं। आज कांग्रेस की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की दृष्टि विफलता की कहानी को बयां करती है। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ तौर पर कह दिया है कि देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था से कुछ लोगों को जलन है। लेकिन हमें गर्व करना चाहिए कि हमारी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। वहीं राज्यसभा में भाजपा के एक सदस्य में 2000 रुपये के नोट को बंद करने की मांग की। इसके साथ ही डिंपल यादव ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद आज सदस्य के रूप में शपथ ली। आज सरकार की ओर से संसद में कहा गया कि भारत आने वाले समय में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो परिचालक देश होगा। आज संसद में क्या कुछ हुआ है हम आपको आप बताते हैं। 

 लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब की कुछ घटनाओं का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि आंतरिक सुरक्षा के विषय पर सदन में व्यापक चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मांग की। 

- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने राज्यसभा में सोमवार को दावा किया कि 2,000 रुपये के नोटों का आपराधिक गतिविधियों व अवैध व्यापार में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है, लिहाजा सरकार को इसे चरणबद्ध तरीके से बंद कर देना चाहिए। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।

- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस के एक सांसद की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए सोमवार को सदन में कहा कि अगर सदस्य सदन के भीतर जाति और धर्म के आधार पर चर्चा करेंगे तो आसन को कार्रवाई करनी पड़ेगी। दरअसल, कांग्रेस सदस्य रेवंत रेड्डी ने प्रश्नकाल के दौरान वित्त मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारण की एक टिप्पणी को लेकर जाति के संदर्भ में कुछ कहा था।

- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कुछ विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो उस पर जलन नहीं करना चाहिए और मजाक नहीं बनाना चाहिए, बल्कि गर्व करना चाहिए। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान यह भी कहा कि 2014 से पहले सिर्फ रुपया आईसीयू में नहीं था, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था ही आईसीयू में थी।

- आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि मेट्रो रेल सेवाओं के मामले में भारत आने वाले समय में दक्षिण कोरिया एवं जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा परिचालक देश होगा।

- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक सदस्य ने सोमवार को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में रिक्त पड़े करीब 10 लाख पदों का मुद्दा संसद में उठाया और इन्हें तत्काल भरे जाने की मांग की। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए माकपा सदस्य वी शिवदासन ने कहा कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में 10 लाख पद रिक्त पड़े हैं।

- सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि देश भर के 85 प्रतिशत स्कूलों में नल से जल की व्यवस्था हो गई है और कई राज्यों के 99 प्रतिशत स्कूलों में यह सुविधा उपलब्ध है। जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि झारखंड जैसे कुछ राज्य के इस संबंध में काफी पीछे होने के कारण राष्ट्रीय औसत घट गया है।

- लोकसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने, मनरेगा के तहत कुछ जगहों पर कथित अनियमितताएं और अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन जैसे कुछ मुद्दे सोमवार को उठाये गये और सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया।

- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने सोमवार को लोकसभा में सरकार से आग्रह किया कि संस्कृत को राजहिंदी के साथ राष्ट्रका दर्जा दिया जाए। उन्होंने सदन में नियम 377 के तहत अपनी बात रखते हुए यह मांग 

- कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि बजटीय आवंटन एवं अर्थव्यवस्था को लेकर नरेंद्र मोदी नीत सरकार की दृष्टि विफलता की कहानी, बड़ी बड़ी घोषणाएं करने के शौक का प्रदर्शन, अनुपालन की खामी और तड़क भड़क वाले नारों की बहुतायत को बयां करती है। 

- संसद ने ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी। राज्यसभा में ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि उजाला योजना के माध्यम से, हमने CO2 उत्सर्जन में प्रति वर्ष 105 मिलियन टन की कमी की है और 129 बिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत की है। COP 2015 में, हमने 2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था की उत्सर्जन तीव्रता को 33% -35% तक कम करने का संकल्प लिया। हमने इसे पहले ही 30% से अधिक कम कर दिया है। भारत नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में एक निर्विवाद नेता है।

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