नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के लिए बुधवार को केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर वह वायु प्रदूषण को नियंत्रित नहीं कर सकती तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते प्रति एकड़ 2,500 रुपये नकद देने की योजना तैयार की थी. केजरीवाल ने दावा किया, केंद्र ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उसने कहा कि वह तीन कृषि कानूनों का विरोध किए जाने के कारण किसानों के लिए कुछ नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान जीआरएपी के तहत प्रदूषण गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश लगा रही है तथा इसी तरह पंजाब सरकार ने पराली जलाए जाने को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं. केजरीवाल ने कहा, अगर केंद्र सरकार वायु प्रदूषण को नियंत्रित नहीं कर सकती, तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए. फिर हम दिखाएंगे कि यह कैसे करना है.
दिल्ली और पंजाब सरकारों ने संयुक्त रूप से जुलाई में केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा था कि वह कृषि प्रधान राज्य में किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए नकद प्रोत्साहन देने में मदद करे. प्रस्ताव के अनुसार, दिल्ली और पंजाब किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 500-500 रुपये देंगे और केंद्र 1,500 रुपये प्रति एकड़ का योगदान देगा.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मौसम की अपेक्षाकृत बेहतर परिस्थितियों के कारण बुधवार मामूली सुधार हुआ और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग सीएक्यूएम ने कहा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रतिबंध लागू करने की तत्काल आवश्यकता नहीं है. जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों में ट्रकों के प्रवेश पर रोक और शिक्षण संस्थानों को बंद करना शामिल होता है.
