Day 3 : राम कथा लाइव , हम समाज के आगे करते हैं जयमाल प्रसंग और घर मे कहते हैं बहु से कि घूंघट काढ़ो , संकीर्ण रूढ़ियों पर प्रेमभूषण महाराज के शब्दबाण

Day 3 : राम कथा लाइव , हम समाज के आगे करते हैं जयमाल प्रसंग और घर मे कहते हैं बहु से कि घूंघट काढ़ो , संकीर्ण रूढ़ियों पर प्रेमभूषण महाराज के शब्दबाण

लाईव सुनिए और बने रहिये श्रीराम कथा के साथ

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में उत्तर प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री रजनी तिवारी के बुलावे पर राम कथा करने पहुंचे देश के प्रसिद्ध राम कथा वाचक प्रेम भूषण महाराज ने हिजाब के साथ-साथ हिन्दू समाज में घूंघट प्रथा का विरोध किया है उनके मुताबिक जब जयमाल ऐसी चीजे सार्वजनिक रूप से होती हैं तो बहुओं को घर में सलवार सूट पहनकर घूमना चाहिए। उन्होंने मदरसों से लेकर विद्यालयों में राष्ट्रप्रेम की शिक्षा पर जोर दिया वहीं यह भरोसा जताया कि आदि पुरुष फिल्म को सरकार बैन कर देगी ।

प्रसिद्ध कथा वाचक प्रेमभूषण महाराज ने हिजाब को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा ---

यह हिजाब और यह घुंघट विद्यालय के लिए नही है आप घर में जो चाहे पहने धारण करिए हमारे घर में बहुएं रहती हैं अब यह भी देखें दूसरे की छोड़ दीजिए हमारे घर में इतनी बड़ी मूढ़ता है मैं अपने घर की बात कर रहा हूं इतने बड़े मूढ़ है हम लोग , समाज के सामने हम जयमाल प्रसंग करते हैं लड़की बिटिया 8 घंटे तैयार होकर के चलती है वहां से ब्यूटी पार्लर से, उसके सिर पर भी पल्लू कितना रहता है लेकिन जब वह घर में बहू बन के आ जाती है तो सास सबसे पहले कहती घूंघट काढ़ो , अब इस बुद्धिहीन समाज को कौन कहे कि जिसका तुमने सामाजिक प्रदर्शन कर दिया उसका घर में घूंघट का क्या अर्थ है उसको सूट पहन के घर में रहने दो नहीं, इसी प्रकार की गलती हम करते रहते हैं कोई बोलने वाला नहीं कोई बोलेगा तो नाव डूब जाएगी ,यह धीरे-धीरे सब बंद हो जाएगा यह जयमाल प्रसंग भी बंद हो जाएगा विद्यालय में बेटियां आएगी पढ़ेगी, सदाचार बढ़ता चला जाएगा और कहीं कोई विरोध में आपको नहीं दिखाई पड़ेगा सब सहजा अवस्था में होगा।

प्रसिद्ध कथा वाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने यूपी में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों में दीनी तालीम को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा --

विद्यालय ,मदरसा हो शिशु मंदिर हो या कान्वेंट हो शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो राष्ट्रप्रेम जागृत करें और वैश्विक समाज में उसकी अपनी अभिव्यक्ति सहज हो किसी सख्त की शिक्षा न गुरुकुल में हो ना इस्लाम के मदरसे में हो ना गिरजाघर में हो ना हमारे मंदिरों में हो ,राष्ट्र सर्वोपरि है धर्म से भी सर्वोपरि राष्ट्र है राष्ट्र के बारे में अध्ययन होना चाहिए राष्ट्रीय मान बिंदुओं के बारे में विद्यालय में पढ़ाया जाना चाहिए। बौद्धिक विकास इस स्तर का हो कि हमारी अंतर चेतना इस धरती की है उसके स्तर के विकास की स्थिति हम पढ़ाये जिससे बच्चों में राष्ट्र धर्म समाज और मनुष्य के प्रति प्रीत का वर्धन होगा सख्त की पढ़ाई नहीं होनी चाहिए

प्रसिद्ध कथा वाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने आदि पुरुष फिल्म को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा ---

कि सरकार इस पर वैन लगा देगी सरकार पहले वाली नहीं है यह भगत सरकार है जहां सनातन नहीं है किसी भी धर्म के प्रति विकृति आएगी सरकार वैन लगा देगी, सरकार स्वभाव से सख्त हो गई है लिबरल मालिक नहीं होना चाहिए कल कथा में विषय आया था मालिक अनुशासित होना चाहिए तभी वह शासन को अनुशासन में बदल सकता है यदि ईसाईयत, इस्लाम, हिंदू संस्कृति और हमारे और शाखाएं तीन है किसी के प्रति कोई विकृति आएगी और फिल्म इंडस्ट्री उसको दिखाएगा तो उसको वैन कर ही दिया जाएगा बिना विचार के।



 mi76os
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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