पटना, नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाई कोर्ट के निर्णय के बाद महागठबंधन की सरकार चारों ओर से घिरती नजर आ रही है. विपक्षी पार्टी बीजेपी आरोप लगा रही है कि इस सरकार में जान बूझकर पिछड़ों अति पिछड़ों की हकमारी की है. इधर जवाब में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी के लोग आयोग बनाकर आरक्षण को और खत्म करना चाहते हैं.
ललन सिंह ने कहा बिहार में वर्ष 2006 में बनाए गए एक्ट अनुसार चुनाव हो रहे हैं और यहां किसी आयोग को बनाने की जरूरत नहीं है. बीजेपी के लोग सुप्रीम कोर्ट का हवाला दे कर आयोग बनाने की बात कर रहे हैं. न्यायालय ने आयोग महाराष्ट्र के मामले बनाने का निर्देश दिया था.
न्यायालय के निर्णय और बीजेपी के द्वारा सरकार पर अतिपिछड़ा की हकमारी के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि बिहार में 2006 में बना एक्ट प्रभावी है बिहार में आयोग बनाने की जरूरत नहीं है. ललन सिंह ने कहा की बीजेपी आरक्षण विरोधी है. बीजेपी आयोग का गठन करा कर के पिछड़ों के आरक्षण को उलझना चाहती है है.
ललन सिंह ने दावा किया कि नीतीश कुमार जब तक अतिपिछड़ों के हक को कोई नहीं छीन नहीं सकता है. पुराने एक्ट के अनुसार चुनाव हो रहा था. पहले भी बिहार में उसी एक्ट के अनुसार चुनाव हुआ है. ललन सिंह ने बीजेपी को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि जल्द ही पूरे बिहार में बीजेपी के आरक्षण विरोधी नीति के खिलाफ जदयू का पोल खोल आंदोलन होगा.
बिहार के हर जिले में जदयू नेता बीजेपी खोल खोलेंगे
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नगर निकाय चुनाव पर रोक से बीजेपी के लोग खुश हैं. नीतीश कुमार का स्टैंड साफ है कि वे अति पिछड़ा वर्ग के लिए लड़ेंगे और बिहार के लोग भी इस बात लोग भी इस बात से अश्वस्त हैं. जब तक आरक्षण ठीक से नहीं लागू होगा चुनाव नहीं होगा.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यदि जातीय जनगणना हो चुकी होती तो अलग से आयोग बनाने की जरूरत नहीं पड़ती. कुशवाहा ने पूछा कि सामान्य वर्ग के लिए जब आरक्षण का प्रावधान किया गया था कोई आयोग बना क्या? अति पिछड़ों के रिजर्वेशन के बिना नगर निकाय चुनाव नहीं होगा.