न गुजरात न महाराष्ट्र्र आखिर ऐसा क्या है कि ये शहर बन गया ऑटोमोबाइल कैपिटल ऑफ इंडिया?

न गुजरात न महाराष्ट्र्र आखिर ऐसा क्या है कि ये शहर बन गया ऑटोमोबाइल कैपिटल ऑफ इंडिया?

नई दिल्ली 18 मई 2006 ये वो तारीख है जो टाटा सहित कोई भी ऑटो मैन्यूफैचरर नहीं भूल सकता इसी दिन टाटा जैसी नामी कंपनी के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की नींव पड़ी थी ये वो दिन था जब पश्चिम बंगाल की सरकार ने टाटा को नैनो का प्लांट डालने के लिए सिंगूर में 1000 एकड़ आवंटित की थी हालांकि ये खबर टाटा के नैनो प्लांट की नहीं है लेकिन ये बताना बहुत जरूरी है कि टाटा ने एक नए प्रदेश में जाकर प्लांट डालने के बारे में सोचा तो हश्र क्या हुआ ये सबके सामने था करोड़ाें का घाटा कर्मचारियों की पिटाई और फिर प्लांट का वहां से हटना


लेकिन देश में एक ऐसा प्रदेश भी है जिसे ऑटो मैन्यूफैचरर्स पैराडाइज कहते हैं ये है तमिलनाडु दुनिया के बड़ ऑटो मैन्यूफैक्चरर्स से लेकर देसी कंपनियां भी चेन्नई में अपना प्लांट एस्टेब्लिश किए हैं और वे इतने खुश हैं कि यहां से जाना ही नहीं चाहते हैं तो आइये जानें आखिर ऐसा क्या है कि चेन्नई कंपनियों के लिए पैराडाइज बन कर उभरा है


कुछ जरूरी पॉइंट्स जो बताएंगे कंपनियों को क्‍यों चेन्नई पसंद है


चेन्नई में पोर्ट है ऐसे में माल और गाड़ियों का इंपोर्ट एक्सपोर्ट आसान है साथ ही चेन्नई के पोर्ट की कनेक्टिविटी पूरे शहर से काफी आसान है ऐसा अन्य शहरों में मौजूद बंदरगाहों के साथ नहीं है


चेन्नई के सबर्ब या फिर कहें तो बाहरी चेन्नई में काफी भूमि ऐसी है जो समुद्री तट पास होने के चलते खेती योग्य नहीं है यहां पर प्लांट के लिए काफी बड़ी जमीनें आसानी से उपलब्‍ध हैं


तमिनाडु की सरकार ये काफी पहले ही समझ गई थी कि उद्योगों से ही विकास की राह है इस पर लगातार अमल किया गया और कंपनियों को सभी सहुलियतें दी गईं


चेन्नई का मौसम लगातार उमस भरा रहता है ये मौसम कार मैन्यूफैचरिंग को एक तरह से सूट करता है क्योंकि इस मौसम में OEM पेंट अपनी अच्छी पकड़ बनाता है ये वो पेंट होता है जो आपकी गाड़ी पर कंपनी से होकर आता है आम भाषा में बोलें तो पाउडर कोटिंग पेंट

सरकार ऑटो मैन्यूफैक्चिरिंग कंपनियों को कई तरह के करों में छूट या ये कहें कि रियायत देती है


चेन्नई में कामगार से लेकर कुशल टेक्निशियन और इंजीनियरों की भरमार है कामगारों को भी अपने ही शहर में काम और अच्छा पैसा मिलता है तो वे मेहनत और इमानदारी से अपना काम करते हैं


चेन्नई से देश के बड़े शहरों की कनेक्टिविटी रोड और एयर दोनों से ही काफी अच्छी है ऐसे में बने हुए माल को दूसरे शहरों में पहुंचाना आसान है


कौन-कौन सी कंपनियां हैं


ह्युंडई

बीएमडब्ल्यू

रेनॉल्ट

निसान

मित्सुबिशी

फोर्ड मोटर्स

यामाहा मोटर्स

महिंद्रा एंड महिंद्रा

फोर्स मोटर्स (कांचीपुरम में)

टाटा की फिलहाल यहां छोटी यूनिट

इसके साथ ही कई कमर्शियल वाहन निर्माता और टू व्हीलर कंपनियां

क्‍या कहती हैं कंपनियां


महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव प्रोडक्ट डवलपमेंट मैनेजर आर वेलुसामी का कहना है कि आप जब तमिलनाडु में गाड़ी का निर्माण करते हैं तो आपकी कॉस्ट काफी कम हो जाती है सरकार भी कई तरह के लगने वाले टैक्स में छूट और सब्सिडी देती है


वहीं बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियां जो चेन्नई स्थित अपने प्लांट में अब 12 मॉडल्स का निर्माण करती है कभी एक असेंबलिंग यूनिट के तौर पर शुरुआत की थी अब यहां पर कंपनी का एक पूरा प्लांट है इस संबंध में डीडब्‍ल्यू को दिए इंटरव्यू में बीएमडब्‍ल्यू चेन्नई प्लांट के मैनेजिंग डायरेक्टर थॉमस डोसे ने कहा कि सरकार प्रशासन और समाज तीनों ही यहां पर काम करने और कारोबार को बढ़ाने में आपका साथ देते हैं तीनों को ही पता है कि इंडस्ट्री के साथ कैसे डील किया जाता है हम भी इसकी कद्र करते हैं


छोटे उद्यमियों को भी मिला बड़ा बाजार

इन बड़ी कंपनियों के पीछे छोटे उद्यमियों को भी एक बड़ा बाजार मिल गया कार मैन्यूफैक्चरिंग से संबंध‌ित छोटे सप्लायर्स ने भी अपने प्लांट इन कंपनियों के आसपास डाल लिए इससे दो बड़े फायदे हुए पहला छोटे व्यापारियों को बढ़ावा मिला और दूसरा रोजगार की समस्या काफी हद तक इन कंपनियों ने ही खत्म कर दी.

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