नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारत की राष्ट्रवाद की संकल्पना वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है यह किसी दूसरे देश के लिये खतरा पैदा नहीं करता और इसीलिए यहां कोई हिटलर नहीं हो सकता है भागवत संकल्प फाउंडेशन और पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे
उन्होंने कहा हमारा राष्ट्रवाद दूसरों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता यह हमारा स्वभाव नहीं है हमारा राष्ट्रवाद कहता है कि दुनिया एक परिवार है (वसुधैव कुटुम्बकम) और दुनिया भर के लोगों के बीच इस भावना को आगे बढ़ाता है इसलिए भारत में हिटलर नहीं हो सकता है और अगर कोई होगा तो देश के लोग उसे उखाड़ फेंकेंगे
वसुधैव कुटुम्बकम की बात केवल भारत करता है- भागवत
उन्होंने कहा विश्व बाजार की बात तो सब लोग करते हैं केवल भारत ही है जो वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता है केवल इतना ही नहीं विश्व को कुटुंब बनाने के लिए हम कार्य भी करते हैं उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की राष्ट्रवाद की अवधारणा राष्ट्रवाद की अन्य अवधारणाओं से अलग है जो या तो धर्म पर आधारित हैं या एक भाषा या लोगों के सामान्य स्वार्थ पर आधारित हैं
हम भूमि के मालिक नहीं पुत्र हैं
सरसंघचालक ने कहा कि विविधता प्राचीन काल से ही भारत की राष्ट्रवाद की अवधारणा का हिस्सा रही है और हमारे लिए अलग-अलग भाषाएं और भगवान की पूजा करने के विभिन्न तरीके स्वाभाविक हैं यह भूमि न केवल भोजन और पानी देती है बल्कि मूल्य भी देती है इसलिए हम इसे भारत माता कहते हैं हम इस भूमि के मालिक नहीं है हम इसके पुत्र हैं ये हमारी पुण्यभूमि है कर्मभूमि है ऐसे में हम सभी एक हैं
पुस्तक का हुआ लोकार्पण
कार्यक्रम में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र ने कहा कि 36 वर्ष से संकल्प संस्था होनहार विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर रही है व्याख्यानमाला के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संकल्प द्वारा संकलित पुस्तक भारतीय परिप्रेक्ष्य के अंग्रेजी संस्करण इंडियन पर्सपेक्टिव का भी लोकार्पण किया पुस्तक को प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है
