नई दिल्ली. मंत्री स्तर तक अपना विरोध तेज करते हुए F-16 लड़ाकू विमानों के पुराने बेड़े के लिए 45 करोड़ डॉलर का समर्थन पैकेज देने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ रक्षा मंत्री ने बुधवार को वाशिंगटन से कहा कि उसे इस्लामाबाद को सैन्य सहायता प्रदान नहीं करने की नीति पर कायम रहना चाहिए. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ 20 मिनट की टेलीफोन पर बातचीत के दौरान प्रस्तावित एफ-16 पैकेज पर भारत की कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा मैंने पाकिस्तान के F-16 बेड़े के लिए निर्वाह पैकेज प्रदान करने के हाल के अमेरिकी निर्णय पर भारत की चिंता व्यक्त की. भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने के लिए सेक्रेटरी ऑस्टिन के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तत्पर हैं.
चौथी पीढ़ी के अमेरिकी लड़ाकू विमान F-16 भारत द्वारा POK स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने के बाद पाकिस्तान की ओर से सामने आये थे. हालांकि भारत ने F-16 के जवाब में एडवांस राफेल खरीदा है लेकिन भारत फिर भी F-16 को एक बड़ा खतरा मानता है. ऑस्टिन के साथ रक्षा मंत्री की यह बातचीत भारत द्वारा दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री को एफ-16 पैकेज पर सख्त संदेश भेजने के बाद सामने आई है.
पैकेज में यह चीजें शामिल नहीं
हालांकि IMF पैकेज की स्वीकृति के बाद F-16 का बड़ा पैकेज शाहबाज शरीफ सरकार के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. दरअसल यह पैकेज भारत के तय विरोध के बावजूद सामने आया है. हालांकि भारत के सख्त लहजे के बाद अमेरिका ने कहा है कि F-16 के लिए प्रस्तावित रखरखाव पैकेज में नई क्षमताएं हथियार या युद्ध सामग्री शामिल नहीं होगी.
