बेंगलुरु. लगातार दूसरे दिन कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मंगलवार को भी भारी बारिश के चलते भीषण जलजमाव हो गया. भारी बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में यातायात बाधित हो गया है जिससे घर और वाहन आंशिक रूप से जलमग्न हो गए हैं. यमलूर रेनबो ड्राइव लेआउट सनी ब्रूक्स लेआउट और मराठाहल्ली जैसी जगहों पर ऑफिस जाने वाले और स्कूली बच्चे पानी में डूबी सड़कों को पार करने के लिए नावों और ट्रैक्टरों का उपयोग करते हुए देखे गए. लेकिन बेंगलुरु के लिए ये कोई नई बात नहीं है. शहर में बारिश का कहर लगातार जारी है. बेंगलुरु में सोमवार को 13 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि कुछ इलाकों में 18 सेंटीमीटर तक बारिश हुई.
भारत का आईटी हब कहे जाने वाला बेंगलुरु हर साल बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण जलजमाव की समस्या से गुजरता रहता है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश जारी रही जिससे शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया. कर्नाटक में अगले पांच दिनों तक आंधी-तूफान और बिजली गिरने का सिलसिला जारी रह सकता है. प्रशासन ने कहा कि बेंगलुरु के कई हिस्सों में कावेरी के पानी की आपूर्ति अगले दो दिनों तक प्रभावित रहेगी. बेंगलुरु में जलजमान के कई सारी वजहें हैं. प्राथमिक कारण यह है कि बेंगलुरु में पानी निकासी के लिए बनाई गईं नालियां पुरानी और क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. शहर में 5-10 सेंटीमीटर की बारिश नालियों को भरने के लिए पर्याप्त है. साथ ही समय पर नालियों की सफाई नहीं होने के कारण भी बारिश का पानी रुक गया है.
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बेंगलुरु में बार-बार बाढ़ आने के कई संभावित कारणों की सूची दी गई है. वहीं कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार ने बारिश से प्रभावित शहर को बहाल करने के लिए इसे एक चुनौती के रूप में लिया है और यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसी चीजें दोबारा न हों. हालांकि उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकारों के कुशासन को शहर की स्थिति के पीछे का कारण बताया. उन्होंने कहा मूल रूप से यह मुद्दा दो क्षेत्रों में है विशेष रूप से महादेवपुरा क्षेत्र में उस छोटे से क्षेत्र में 69 टैंकों की उपस्थिति और उनमें से लगभग सभी या तो टूट गए हैं या ओवरफ्लो हो रहे हैं. दूसरा सभी प्रतिष्ठान निचले इलाकों में हैं और तीसरा अतिक्रमण है. सीएम ने कहा कि अधिकारी इंजीनियर और कार्यकर्ता और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें 24/7 काम कर रही हैं.
