बाढ़ से बेहाल बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में आज स्कूल बंद

बाढ़ से बेहाल बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में आज स्कूल बंद

बेंगलुरु. बाढ़ से बेहाल बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में बुधवार को भी स्कूल बंद रहेंगे जबकि कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने का निर्देश दिया. शहर लगातार तीन दिनों से बाढ़ की चपेट में है. तेजी से और बिना योजना से शहरीकरण के कारण देश की आईटी राजधानी के कई हिस्सों को भारी बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ रहा है. भारी बारिश के कारण कुछ आलीशान घरों वाले कॉलोनियों में पानी भर गया और निवासियों को बचाने के लिए ट्रैक्टरों को सेवा में लगाया गया. भारी जलभराव से शहर में यातायात बाधित हो गया है जिससे ट्रैक्टरों को यातायात के लिए उपयोग में लिया जा रहा है. वहीं ट्रैक्टर से आवाजाही कर रहे आईटी कर्मचारियों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया मंच पर देखी जा रही हैं.


बेंगलुरु में भारी बारिश की वजह से सोमवार को आम जनजीवन पटरी से उतर गया और शहर में फिर हुई बारिश ने समस्या में और इजाफा ही किया है. देश की आईटी राजधानी के नाम से प्रसिद्ध शहर में मंगलवार को जगह-जगह दो पहिया वाहन चालकों को पानी से भरी सड़कों पर अपने वाहनों को धकेलते और पैदल यात्रियों को घुटनों तक पानी से गुजरते देखा गया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को बेंगलुरु में जलभराव के लिए अप्रत्याशित बारिश और पिछली कांग्रेस सरकारों के कुप्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.


बेंगलुरु में बाढ़ से जुड़ी 10 अहम बातें:


बेंगलुरु में भारी बारिश से प्रभावित केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उड़ानों का परिचालन सोमवार से पूरी तरह से सामान्य हो गया है. शहर में रविवार की रात मूसलाधार बारिश से सामान्य जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है. इससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया. प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा सोमवार सुबह से हवाईअड्डे पर स्थिति सामान्य हो गई है. उड़ानों का परिचालन बिना किसी बाधा के जारी है. बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लि. (बीआईएएल) के अनुसार कम दृश्यता की वजह से छह उड़ानों को चेन्नई हवाईअड्डे पर भेज दिया गया था जबकि नौ उड़ानों में 20 मिनट से कम की देरी हुई.


देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों और स्टार्टअप इकाइयों ने भारी बारिश के कारण सड़कों पर मची अफरा-तफरी के चलते कर्मचारियों को घर से काम करने का सुझाव दिया है. ज्यादातर आईटी कंपनियों और स्टार्टअप के पास पावर बैकअप और एक हाइब्रिड कार्य वातावरण की सुविधा होने से उनका संचालन काफी हद तक अप्रभावित रहा है. 


टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के एक प्रवक्ता ने कहा कि बेंगलुरु में हमारे सभी सहयोगी सुरक्षित हैं. हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और हमारी डिलिवरी टीमों को सावधानी बरतने की भी सलाह दी गयी है. हालांकि टीसीएस ने कार्यालय से काम कर रहे और घर से काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या नहीं बताई है. आईटी क्षेत्र की एक अन्य प्रमुख कंपनी विप्रो ने पीटीआई-भाषा के एक ई-मेल के जवाब में कहा कि बेंगलुरु में भारी बारिश के चलते विप्रो ने अपने कर्मचारियों को आज घर से ही काम करने की सलाह दी है.


बारिश और जलजमाव की वजह से कई स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है और कुछ दिनों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है जबकि कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सलाह दी है. आउटर रिंग रोड और सरजापुर रोड के ज्यादातर इलाके जहां आईटी कंपनियों के कार्यालय हैं वहां झील सा नजारा है और वहां यातायात प्रभावित हुआ है. लोगों को उनके गंतव्यों तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेते हुए देखा गया.


लोगों के लिए समस्या बनी हुई है और सड़क गलियों और पॉश इलाकों में जलजमाव की स्थिति है. महंगी कारें और वाहन पानी में डूबे हैं और यहां तक कि आलीशान कोठियों के सामने भी यही मंजर दिखाई दे रहा है. स्कूली यूनिफॉर्म पहने एक छात्रा ने कहा मैं ट्रैक्टर से आई क्योंकि सड़कें पानी में डूबी हुई हैं. हमारे वाहन भी जलमग्न हैं. कार्यालय जाने वाले एक व्यक्ति ने कहा पानी कम नहीं हुआ है क्योंकि बीती रात (सोमवार को) फिर से बारिश हुई. असल में मुझे लगता है कि पानी बढ़ गया है. मुझे कार्यालय जाना है बच्चों को स्कूल जाना है और मैंने किसी तरह ट्रैक्टर का सहारा लिया. सरकार से अनुरोध है कि वह कुछ करे ताकि जनजीवन सामान्य हो सके.


कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार ने हर मुश्किल का सामना करते हुए शहर में बारिश से उपजी समस्याओं को दूर करने की चुनौती स्वीकार की है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि भविष्य में फिर ऐसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया है. मैंने वर्षा के पानी को निकालने के लिए नालियां बनाने के वास्ते डेढ़ हजार करोड़ रुपये दिए हैं. तीन सौ करोड़ रुपये जारी किये ताकि सभी अतिक्रमण हटाए जा सकें पक्का ढांचा बनाया जा सके और पानी का बहाव अवरुद्ध न हो.


बोम्मई ने कहा कर्नाटक विशेष रूप से बेंगलुरु में पिछले 90 साल में ऐसी अप्रत्याशित बारिश नहीं हुई थी. सभी जलाशय भर गए हैं और उनमें क्षमता से अधिक पानी है. लगातार बारिश हो रही है हर दिन वर्षा हो रही है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ऐसी छवि बनाई जा रही है कि पूरे शहर में समस्या व्याप्त है जबकि ऐसा नहीं है. बोम्मई ने कहा वस्तुतः दो जोन में समस्या है विशेष रूप से महादेवपुरा में क्योंकि उस छोटे से क्षेत्र में 69 तालाब हैं और सभी भर गए हैं. दूसरा सभी प्रतिष्ठान निचले इलाकों में हैं और तीसरा अतिक्रमण हुआ है.


मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अनुसार राज्य की राजधानी के कुछ क्षेत्रों में एक सितंबर से पांच सितंबर के बीच सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. महादेवपुरा बोम्मनहल्ली और के. आर. पुरम में 307 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई. उन्होंने कहा पिछले 42 साल में हुई यह सबसे ज्यादा बारिश थी. बेंगलुरु के सभी 164 तालाब लबालब भरे हैं. कई निजी स्कूलों ने अवकाश घोषित कर दिया है और कुछ दिनों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी जबकि बहुत से कार्यालयों ने कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति दी है.


बेंगलुरु के सिद्धपुरा इलाके में बारिश के पानी से भरी सड़क से गुजर रही 23 वर्षीय एक युवती की कथित तौर पर करंट लगने से मौत हो गई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना सोमवार रात को तब हुई जब पीड़िता अपनी स्कूटी से घर लौट रही थी.


बोम्मई द्वारा बारिश की वजह से उत्पन्न समस्या के लिए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों के कुप्रशासन जिम्मेदार ठहराए जाने पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने मुख्यमंत्री और उनके प्रशासन से कार्य करने या चुनाव का सामना करने का आह्वान किया. उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्ट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार और उसके अधिकारी बेंगलुरु की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं

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