ढाई हजार तमिल डेलीगेट्स को वणक्कम काशी: काशी-तमिल संगमम में आएंगे मोदी; 210 तमिल स्टूडेंट से बात करेंगे, कलियाट्टम से शुरू होगी क्लासिकल नाइट

ढाई हजार तमिल डेलीगेट्स को वणक्कम काशी: काशी-तमिल संगमम में आएंगे मोदी; 210 तमिल स्टूडेंट से बात करेंगे, कलियाट्टम से शुरू होगी क्लासिकल नाइट

वाराणसी: काशी-तमिल संगमम का शुभारंभ हो रहा है। दो दिन तक काशी में तमिल गीत-संगीत के कार्यक्रम होंगे। खुद पीएम मोदी 19 नवंबर को पीएम मोदी काशी में मौजूद रहेंगे। इस आयोजन के लिए 13 ट्रेनों से 2592 डेलीगेट्स तमिलनाडु से काशी बुलाए गए हैं। साथ में तमिलनाडु के 10 हजार लोग काशी आ रहे हैं। कह सकते हैं कि अगले 30 दिन काशी की जमीन पर दक्षिण भारत के रंग बिखरने वाले हैं।

तमिलनाडु के डेलीगेट्स यूपी के ब्रांड अंबेसडर बनकर लौटेंगे

वाराणसी के DM एस. राजलिंगम ने बताया कि पीएम करीब 2 घंटे तक यहां पर रहेंगे। IIT मद्रास से चयनित 210 तमिल मेधावियों से प्रधानमंत्री बातचीत करेंगे। वहीं, शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम और लोक नृत्य की प्रस्तुतियां देखेंगे। पीएम 75 स्टालों की प्रदर्शनी देखेंगे। इसके बाद कार्यक्रम पूरे एक महीने तक लगातार चलेगा। तमिलनाडु के 2592 डेलीगेट्स यूपी के ब्रांड अंबेसडर बनकर अपने घर लौटेंगे। काशी और उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग करेंगे। ये इस आयोजन की एक और खास बात है।

कल रामेश्वरम से एक ट्रेन इन सभी छात्रों को लेकर काशी की ओर चल चुकी है। इसमें ट्रेन में 216 प्रतिनिधि सवार हैं। इस ट्रेन में रामेश्वरम से 35, तिरुच्चिरापल्ली से 103 और चेन्नई एगमोर से 78 डेलीगेट्स सवार हैं।

एग्जीबिशन में दिखेगा पूरा तमिलनाडु

भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक पंडित कृष्ण चमू शास्त्री ने कहा कि तमिल के लोग पूरे एक महीने तक काशी को फिजिकली यानी कि यहां पर उपस्थित होकर महसूस करेंगे। वहीं, काशी के लोग तमिलनाडु को एग्जीबिशन में देखेंगे। काशी तमिल संगमम भारत के इतिहास में हिंदी और तमिल भाषाई लोगों के मेल-मिलाप का सबसे बड़ा महोत्सव है।

काशी दर्शन के बाद संगम और अयोध्या भी जाएंगे तमिल डेलीगेट्स

17 नवंबर से 16 दिसंबर तक चार अलग-अलग सप्ताह में 12 ट्रेनों से ढाई हजार तमिल डेलीगेट्स वाराणसी आएंगे। हर डेलीगेट दो दिन काशी-तमिल संगमम में रूकेगा। यहां पर BHU के छात्रों, रिसर्चरों और एकेडमिक लोगों के साथ संगोष्ठियां होंगी। वहीं, यहां पर सजे 75 स्टालों पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, हेरिटेज, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, शिक्षा और राजनीतिक जानकारियां दी जाएंगी

। वे लोग वाराणसी के मंदिर, घाट, सारनाथ, हेरिटेज घूमेंगे। वहीं यहां से प्रयागराज संगम और अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का दर्शन करके सभी लोग वापस काशी आएंगे। यहां से वे तमिलनाडु लौट जाएंगे।

सज गया एंफीथिएटर ग्राउंड

BHU का एंफीथिएटर ग्राउंड टेंट सिटी की तरह से सज गया है। रंग-बिरंगी लाइट्स और झालर लगा दिए गए हैं। पंडाल में भरपूर रोशनी रहे, इसके लिए ट्रासपेरेंट छत ढाली गई है। वहीं ठंड से बचने के लिए स्टालों की दीवारों को काफी मोटा बनाया गया है। एसपीजी ने पूरे ग्राउंड की जांच-परख कर ली है। वहीं ऑक्सीजन प्लांट को कवर करने की योजना पर विचार चल रहा है। दरअसल, यहां पर इससे पहले DRDO ने कोविड अस्पताल बनाया था। उसे इस साल हटा दिया गया।

दिखाई जाएंगी तमिल फिल्में

पंडित चमू कृष्ण शास्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की संकल्पना पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम को कराया जा रहा है। इसमें IIT-मद्रास और BHU को आयोजक बनाया गया है। IIT-मद्रास द्वारा 2500 लोगों का 12 ग्रुप बनाया गया है। दिन भर तमिल विषयों पर संगोष्ठियां होंगी। वहीं, शाम को लोक कला और शास्त्रीय कलाओं की प्रदर्शनी और प्रस्तुति होगी।

तमिल लोगों को देखने के लिए काशी का हैंडलूम होगा, तो वहीं काशी के लोग तमिल के व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। यहां तमिल क्लासिकल किताबें हिंदी भाषा में मिलेंगी। पूरे दिन कई तमिल फिल्में दिखाईं जाएंगी, जिसमें नॉलेज हेरिटेज, कल्चरल हेरिटेज, आर्किटेक्चरल हेरिटेज, टेंपल हेरिटेज आदि होंगी। काशी के लोगों को इस ग्राउंड पर संपूर्ण तमिलनाडु को देखने का अवसर मिलेगा।

इन तमिल व्यंजनों का उठाएंगे लुत्फ

चमू शास्त्री ने बताया कि आपको साउथ इंडिया के टेस्ट वाला इडली-डोसा, सांभर और उत्तपम खाने को मिलेगा। साथ ही चेत्तीनाद कुसिन, कुंगनाड़ कुसिन, पोरियल कई तरह की सब्जियों से बना व्यंजन, मोर कुलम्बु नारियल के साथ दही और मसाले, पुली कुलम्बु, मुरुक्कू, लेमन राइस, नेई पायसम, पोरियाल पोंगल समेत सैकड़ों तरह के व्यंजन खाने को मिलेंगे।

अब आपको डेलीगेट्स के सफर के बारे में भी बताते हैं

13 ट्रेनों से 2592 डेलीगेट्स, 21 जगह ठहराव

कल तक ये सभी वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचेंगे। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि आज चेन्नई एगमोर स्टेशन पर काशी-तमिल संगमम के 210 डेलीगेट्स से वार्ता करने के बाद ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस दौरान भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्री, मत्स्य और पशुपालन राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन भी मौजूद रहेंगे। इसी तरह से कुल 13 ट्रेनों से 2592 डेलीगेट्स अलग-अलग दिनों पर काशी पहुंचेंगे। रामेश्वरम से काशी के बीच ये ट्रेन 21 स्टेशनों पर रुकेगी।

75 स्टाल में क्या-क्या होंगे

संगमम के दौरान पूरे एक महीने तक 75 स्टालों से पूरे तमिलनाडु को एग्जीबिशन के तौर पर देख सकेंगे। तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, हेरिटेज, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, शिक्षा और राजनीतिक हर एक जानकारी इन स्टालों पर मिलेंगी।

काशी-तमिल संगमम में 5 दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों जानिए

पहली शाम - 20-25 मिनट तक 20 कलाकार लोक नृत्य कलियाट्म की प्रस्तुति और 15 कलाकार 90 मिनट तक भारतनाट्यम की प्रस्तुति देंगे।

दूसरी शाम - 20-25 मिनट तक पंबई लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी। इसमें भी 20 कलाकार हिस्सा लेंगे। वहीं, क्लासिकल इवेंट में 15 कलाकारों द्वारा किसी आध्यात्मिक गाने पर 90 मिनट तक शास्त्रीय नृत्य पेश किया जाएगा।

तीसरी शाम - 20-25 मिनट तक काई सिलांबू अट्टम लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी। इसमें भी 20 कलाकार हिस्सा लेंगे। वहीं, तीसरे दिन की रात काशी वासियों के खास होगी। रात में 15 कलाकार 90 मिनट तक शिव तांडव करेंगे। इसमें शिव के 5 पोज की प्रस्तुति होगी। यह नृत्य पूरी तरह से क्लासिकल विधा का ही होगा।

चौथी शाम - 20-25 मिनट तक तमिलनाडु के देहात में प्रचलित लोक नृत्य सेवाई अट्टम पर 20 कलाकार प्रस्तुति देंगे। वहीं, क्लासिकल नाइट में 8 कलाकारों द्वारा 90 मिनट तक​ जुगलबंदी या थलायवम नृत्य किया जाएगा।

पांचवीं शाम - तमिलनाडु के सबसे खूबसूरत लोक नृत्य में शुमार देवव्रतम की प्रस्तुति होगी। 20-25 मिनट तक तमिलनाडु के 15 कलाकार मंच पर थिरकेंगे। इसके बाद क्लासिकल नाइट में 6 कलाकारों द्वारा 90 मिनट तक विलापुट्टू नृत्य शास्त्रीय नृत्य पेश किया जाएगा।

तमिलनाडु के 38 ODOP उत्पादों की प्रदर्शनी

कांचीवरम की रेशमी साड़िया, अरियल्लूर का प्रॉसेस्ड काजू, कोयंबटूर के मोटर पंप, कन्याकुमारी के काजू नट्स, पेरंब्लूर का मक्का, मदुरई के रेडीमेड गारमेंट्स आदि उत्पादों की प्रदर्शनी होगी। दूसरी खास बात यह है कि तमिल डेलीगेट्स वाराणसी के TFC सेंटर का दौरा कर यहां बनने वाली बनारसी साड़ी, हस्त निर्मित खिलौने, बीड्स और काशी की गुलाबी मीनाकारी आदि वस्तुए खरीदेंगे। दरअसल, तमिलनाडु में बहुत ज्यादा डिमांड हैं।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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