खतौली में रालोद ने मदन भैया पर फिर लगाया दांव: 4 बार विधायक रहे; पुलिस पर फायरिंग, बूथ कैप्चरिंग जैसे केस चले

खतौली में रालोद ने मदन भैया पर फिर लगाया दांव: 4 बार विधायक रहे; पुलिस पर फायरिंग, बूथ कैप्चरिंग जैसे केस चले

मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा पर होने जा रहे उप चुनाव में गाजियाबाद के बाहुबली मदन भैया रालोद-सपा गठबंधन की पसंद बने हैं। 4 बार के इस पूर्व विधायक पर पुलिस पर फायरिंग और बूथ कैप्चरिंग से लेकर बलवा और आपराधिक साजिश रचने जैसे कई गंभीर आरोप हैं। हालांकि इनमें से एक भी आरोप आज तक कोर्ट में साबित नहीं हुआ।

पढ़िए क्यों विधानसभा चुनाव 2022 में हार मिलने के बावजूद मदन भैया पर दोबारा रालोद ने दांव लगाया है

रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने रविवार को पीपलहेड़ा जनसभा के दौरान बाहरी के स्थान पर भारी प्रत्याशी का जिक्र करके मदन भैया की और इशारा किया था। जिसके कुछ देर बाद ही रालोद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से खतौली से उन्हें टिकट दिये जाने की घोषणा भी कर दी थी।

चार बार विधायक रह चुके हैं मदन भैया

खतौली उप चुनाव में रालोद-सपा के गठबंधन प्रत्याशी घोषित किये गए मदन भैया गाजियाबाद के सर्फु्द्दीनपुर जावली गांव के रहने वाले हैं। चार बार के पूर्व विधायक मदन भैया ने 2022 विधानसभा का चुनाव भी लोनी सीट से रालोद के टिकट पर ही लड़ा था। लेकिन वह भाजपा के नंद किशोर गुर्जर से हार गए थे। वह 1991 में जनता पार्टी, 1993 में एसपी, 2002 में निर्दलीय और 2007 में रालोद के टिकट खेकड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जा चुके हैं।

2012 में हुए परिसीमन में खेकड़ा विधानसभा सीट के बजाए उक्त सीट को लोनी विधानसभा का नाम दिया गया। 2012 में मदन भैया ने रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह बसपा के जाकिर अली से हार गए थे। उसके बाद 2017 और 2022 का चुनाव भी वह हारे।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं मदन भैया

2022 विधानसभा चुनाव में नामांकन के समय दिये गए शपथ पत्र में मदन भैया उनके पास 28.15 लाख रुपए की चल और 13.70 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति दर्शाई थी। नौ माह पहले उन पर 40.50 लाख रुपये का लोन था। जबकि उनकी पत्नी गीता देवी के पास 60.87 लाख रुपए की चल संपत्ति और 1.50 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। कमाई का जरिया कृषि और पशुपालन बताया गया है।

पुलिस पर फायरिंग, बूथ कैप्चरिंग जैसे गंभीर आरोप

खतौली से रालोद-सपा के गठबंधन उम्मीदवार घोषित किये गए मदन भैया ने पूर्व में दिये गए एफिडेविट में विवरण दिया है कि 1996 में चुनाव के दौरान जावली गांव में बूथ कैप्चरिंग के आरोप में उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। जबकि दूसरा केस 2001 में पुलिस पर जानलेवा हमला करने का भी है। मदन भैया ने बीए प्रथम वर्ष तक पढ़ाई की है। किडनैपिंग, डकैती, आपराधिक षड़यंत्र रचना, सरकारी कार्य में बाधा डालना आदि गंभीर आरोप भी उन पर लग चुके हैं। लेकिन किसी भी मामले में वह कोर्ट से दोष सिद्ध नहीं हुए।

आजाद सेना के नाम से भी चलाते हैं एक संगठन

मदन भैया की छवि बाहुबली की है। उन्होंने जेल से ही कई चुनाव लड़े और जीते भी हैं। मदन भैया आजाद सेना नाम का एक संगठन भी चलाते हैं। जबकि वर्ष की प्रत्येक 22 मार्च को वह इंटरनेशनल गुर्जर दिवस के रूप में एक बड़ा आयोजन भी करते हैं। मदन भैया पर कई बार जानलेवा हमला भी हुआ, लेकिन वह बाल-बाल बच गए।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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