बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या के एक दिन बाद रविवार को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद यह झड़प उस वक्त हुई, जब मृत कार्यकर्ता का शव उसके समर्थक श्मशान घाट ले जा रहे थे। जिले की उपायुक्त डीसी अनन्या मित्तल ने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि अपराह्न में जैसे ही शव को लेकर लोग चक्रधरपुर के पवन चौक पहुंचे, हिंसा शुरू हो गई। दो समूहों के लोग आपस में भिड़ गये और गालियां देते हुए एक-दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे। डीसी ने कहा कि पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस छोड़ी और हल्का लाठीचार्ज किया। इसके बाद शव को श्मशान घाट ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार किया गया। मित्तल, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर के साथ फिलहाल अशांत कस्बे में डेरा डाले हुए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस झगड़े में छह दुकानें और एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
अज्ञात मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने शनिवार की शाम भारत भवन चौक के पास देसी बम फेंककर बजरंग दल कार्यकर्ता कमलदेव गिरि 5 की हत्या कर दी थी, जिससे कस्बे में तनाव व्याप्त हो गया था। बजरंग दल के समर्थकों ने आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर चक्रधरपुर-रांची मार्ग को करीब तीन घंटे तक अवरुद्ध रखा। पुलिस के हस्तक्षेप करने और न्याय का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि इस संबंध में क्या कोई गिरफ्तारी हुई है या किसी को हिरासत में लिया गया है, तो इसपर मित्तल ने कहा कि अभी मामले की जांच की जा रही है। मित्तल ने कहा, गिरि के शव का पोस्टमॉर्टम अनुमंडल अस्पताल में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में चिकित्सकों के एक पैनल ने किया। हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले दिन में, चक्रधरपुर के उपसंभागीय पुलिस अधिकारी कपिल चौधरी ने कहा था, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के संवेदनशील इलाकों में रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों समेत सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।