पेरेंट्स को देख कर आया थाई मसाज बनाने का आइडिया: डायरेक्टर मंगेश हडावले

पेरेंट्स को देख कर आया थाई मसाज बनाने का आइडिया: डायरेक्टर मंगेश हडावले

एक्टर गजराज राव और दिव्येंदु शर्मा स्टारर फिल्म थाई मसाज 11 नवंबर को रिलीज होने वाली है। फिल्म के ट्रेलर को ऑडियंस का काफी पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है। बॉलीवुड में इससे पहले इस तरह के कॉन्सेप्ट पर कोई फिल्म नहीं बनी है। इस फिल्म को मंगेश हडावले ने डायरेक्ट किया है। मंगेश फिल्म राइटर और एड मेकर भी हैं। उनकी पहली मराठी फिल्म तिंग्या बड़ी हिट रही थी। मंगेश कई सारे नेशनल और इंटरनेशनल अवाॅर्ड से सम्मानित भी किए जा चुके हैं।

हाल ही में  मंगेश हडावले ने अपनी अपकमिंग फिल्म थाई मसाज से जुड़ी दिलचस्प बातें की हैं। पढ़िए मंगेश हडावले से हुई खास बातचीत के अंश-

सवाल- क्या फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है या पूरा फिक्शन है?

जवाब- इस फिल्म की कहानी की जो नींव है, वो मेरे पेरेंट्स की रियल लाइफ से प्रेरित है। जब मैं कॉलेज के आखिरी साल में था, तब मेरे पिता जी को पेरेलेसिस अटैक आया था। उस समय मेरे पिता जी की उम्र 51 साल थी, मेरी मां की उम्र 41 साल और मैं 21 साल का था। उस दौरान मैं थिएटर की पढ़ाई कर रहा था और जब छुट्टियों में घर जाता, तो मां को देखता था कि वो पिता जी को नहलाती थी, खाना खिलाती थी और उनकी सारी जरुरतों को पूरा करती थीं। वहीं पिता जी मां की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ थे और इस बात का उन्हें बहुत बुरा भी लगता था। यही सारी घटनाएं इस फिल्म की कहानी के लिए प्रेरणा बनी। इस फिल्म की स्क्रिप्ट मैंने 2014 में लिखी थी।

सवाल- आपको ये ख्याल नहीं आया कि टैबू सब्जेक्ट पर बनी इस फिल्म को इंडियन सोसायटी एक्ससेप्ट करेगी या नहीं?

जवाब- जैसे पीकू फिल्म आई थी और अमिताभ बच्चन जी ने जो किरदार उस फिल्म में निभाया था, वहीं अगर उस रोल में पीकू की मां नजर आईं होती, तो शायद ये सोसाइटी उस चीज को एक्सेप्ट नहीं कर पाती। आज भी लोगों के मन में जेंडर वाइस फीलिंग होनी चाहिए और कहीं ना कहीं है भी। मैंने इसी बात को ध्यान में रख कर गजराज राव को इस रोल के लिए चुना।

सवाल- क्या फिल्म की शूटिंग लोकेशन डिसाइड करने में बाकी फिल्म मेकर्स की तरफ से आपको पूरी आजादी थी?

जवाब- फिल्म प्रोड्यूसर या बाकी किसी भी मेकर्स की तरफ से कोई भी समस्या नहीं थी। मुझे शूटिंग लोकेशन से लेकर हर चीज की खुली छूट थी। मेरी फिल्म मेकिंग की सभी चीजों पर बाकी लोगों की पूरी सहमति रहती थी।

सवाल- क्या फिल्म लॉकडाउन से पहले शुरू हुई थी?

जवाब- हां फिल्म की शूटिंग कोरोना से पहले शुरू हुई थी और लॉकडाउन की वजह से शूटिंग को रोकना भी पड़ा।

सवाल- इस फिल्म प्रोजेक्ट से कैसे गजराज राव और दिव्येंदु शर्मा जुड़े?

जवाब- अगर मेरी फिल्मों को देखा जाए तो उसकी जो मूल बात होती है, वो मासूमियत है। इस फिल्म में जो आत्माराम दुबे का किरदार है वो भी भोला है, इसलिए मैंने इस भोले किरदार के लिए गजराज राव को चुना। मुझे पता था कि इस किरदार को उनके अलावा कोई भी अच्छे से नहीं निभा सकता। वहीं दिव्येंदु शर्मा को मिर्जापुर में एकदम अलग कैरेक्टर में देखा गया था। इस फिल्म में एक संतुलित किरदार की जरूरत थी, जो उस समय या स्थिति को समझ सके और दिव्येंदु में ये सारे गुण है। इसी वजह से दिव्येंदु को इस फिल्म के लिए चुना गया।

सवाल- फिल्म में आत्माराम दुबे कहां के निवासी हैं और क्या उस जगह भी शूटिंग हुई है?

जवाब- ​​​​​​​फिल्म की कहानी उज्जैन की है। वहां पर हमने लगभग 30 दिन शूट किया है। वहीं बैंकॉक में हमने क्रू मेंबर समेत 80 लोगों के साथ 16 दिन में शूट पूरा किया।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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