नई दिल्ली: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA ने गैंगस्टर-टेरर फंडिग केस में एक बड़ी कार्रवाई के तहत अनिल छिप्पी और राजू बसौदी को गिरफ्तार कर लिया है. ये दोनों गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के बेहद करीबी हैं. छिप्पी और बसौदी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, जहां से NIA ने उन्हें गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है और गैंगस्टर-टेरर फंडिंग केस में सख्ती से पूछताछ कर रही है. अनिल छिप्पी हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर है. वह लॉरेंस बिश्नोई के लिए शराब कारोबारियों से अवैध वसूली का काम देखता है. राजू बसौदी भी काला जठेड़ी का खासमखास है और कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है. NIA को इन दोनों के फॉरेन फंडिंग केस में संलिप्तता के सबूत मिले हैं.
इससे पहले एनआईए ने 18 अक्टूबर की सुबह सोनीपत में गैंगस्टर राजू बसौदी व उसके साथी अक्षय पलड़ा के घर पर छापा मारा था. लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य और काला जठेड़ी के साथी कुख्यात राजू बसौदी और उसके साथी अक्षय पलड़ा गैंग के सदस्य विदेशी हथियारों का प्रयोग करते रहे हैं. ऐसे में इनके संबंध आतंकवादियों और खालिस्तान समर्थकों से होने की आशंका को लेकर एनआईए ने यह कार्रवाई की थी. राजस्थान के आनंद पाल गैंग, लॉरेंस बिश्नोई गैंग, काला जठेड़ी गैंग, अनिल छिप्पी गैंग, नरेश सेठी गैंग और राजू बसौदी गैंग पर एनआईए की विशेष निगाह है.
राजू बसौदी की गिरफ्तारी के समय उस पर करीब पौने पांच लाख रुपये का इनाम था. इसके गैंग ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है. राजू बसौदी को थाईलैंड से गिरफ्तार किया गया था, जबकि अक्षय पलड़ा को पंजाब के बठिंडा में गिरफ्तार किया गया था. राजू बसौदी दिल्ली की तिहाड़ जेल में है, जबकि अक्षय पंजाब की जेल में बंद है. राजू बसौदी पर 29 और अक्षय पलड़ा पर 23 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी व हत्या प्रयास के मुकदमे शामिल हैं. राजू बसौदी रोहतक के कुख्यात अनिल छिप्पी का रिश्तेदार है.