कांग्रेस जिलाध्यक्षों के नाम फाइनल, जल्द ऐलान: दिल्ली तक दौड़ लगा रहे दावेदार

कांग्रेस जिलाध्यक्षों के नाम फाइनल, जल्द ऐलान: दिल्ली तक दौड़ लगा रहे दावेदार

मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही अब राजस्थान में जल्द ही नए जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त होंगे। राजस्थान में तमाम जिलों के शहर और देहात के जिलाध्यक्ष और हर ब्लॉक के अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। ये नाम तय हो चुके हैं।


इन्हें लिफाफे में बंद कर इलेक्शन अथॉरिटी को भेजा जा चुका है। अब कांग्रेस के नए अध्यक्ष की अनुमति से इनकी घोषणा कर दी जाएगी। पर्यवेक्षकों के आने के बाद से अलग-अलग पदों के दावेदार जयपुर से लेकर दिल्ली तक बड़े नेताओं के यहां भागदौड़ कर रहे हैं।


राजस्थान के 200 विधानसभा क्षेत्र के लिए दो-दो ब्लाॅक अध्यक्षों के नाम तय किए गए हैं। इसके अलावा राजस्थान के 20 से ज्यादा जिलों के शहर और देहात के जिलाध्यक्षों के नाम भी तय कर लिए गए हैं। अब अथॉरिटी इन नामों की घोषणा करेगी। वहीं, जिला व ब्लॉक अध्यक्षों के नाम सामने आने के बाद फिर से कांग्रेस की राजनीति गर्मा सकती है।


दावेदारों से मिले पर्यवेक्षक, डिस्कशन के बाद हुए तय

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के दौरान पीसीसी सदस्य और डेलिगेट्स के चयन के दौरान ही प्रदेशभर से इन पदों पर नियुक्ति का प्रोसेस हो चुका है। हर जिले में जाकर जिलाध्यक्ष के लिए पर्यवेक्षकों ने संभावित दावेदारों से मुलाकात की और चर्चा की।


इसके अलावा हर डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस कमेटी के स्तर पर भी चर्चा की गई है। राजस्थान में फिलहाल 13 ही जिलाध्यक्ष नियुक्त हैं। प्रदेशभर में शहर देहात मिलाकर 30 से भी ज्यादा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति फिलहाल होनी है।


पीसीसी चीफ का निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष पर

इसके अलावा देश के तमाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रेसिडेंट के निर्णय को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ा गया है। जिस तरह प्रदेश प्रभारियों ने इस्तीफे दिए। उस तरह प्रदेश के अध्यक्षों से इस्तीफे नहीं मांगे गए हैं। प्रदेशाध्यक्षों का निर्णय नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ा गया है। ऐसे में अब जिस पीसीसी चीफ को पद पर बरकरार रखना होगा वह रहेगा। वहीं, जहां बदलना होगा, वहां राष्ट्रीय अध्यक्ष उसे बदल देंगे।


इसी तरह 400 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियां भी होनी है। ब्लॉक के लिए दावेदारों ने अपने स्तर पर पर्यवेक्षकों और पीसीसी को नाम दिए हैं। इन्हीं के आधार पर डीसीसी और प्रदेश के पदाधिकारियों ने मिलकर नए ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तय कर लिए हैं।


बता दें कि 2020 में सचिन पायलट गुट की ओर हुई बगावत के बाद पूरे प्रदेश की कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। उसके बाद से कुछ जगहों को छोड़कर बाकी नियुक्तियां नहीं हुई हैं।


अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद बनेगी कार्यकारिणी

प्रदेश में अब पीसीसी की भी कार्यकारिणी नए सिरे से बनाई जाएगी। पीसीसी पदाधिकारियों में कई नेता ऐसे हैं जो मंत्री या बोर्ड-निगम के चेयरमैन पदों पर हैं। इनमें से कई ने इस्तीफे भी दिए हैं। मगर वो मंजूर नहीं हुए हैं। ऐसे में प्रदेश स्तर पर कार्यकारिणी नहीं बनेगी। इसके अलावा जिलों और ब्लॉक के अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष अपने स्तर पर नई कार्यकारिणी बनाएंगे।

भाजपा के 14 जिलाध्यक्षों ने की इस्तीफे की पेशकश:भाजपा में बड़े बदलाव की तैयारी; मोर्चा-प्रकोष्ठ में पदाधिकारियों की होगी छुट्‌टी

विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। भाजपा का प्रदेश नेतृत्व 14 जिलाध्यक्षों और कई मोर्चा-प्रकोष्ठों की छुट्‌टी कर सकता है। बताया जा रहा है कि जो जिलाध्यक्ष चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, उनमें से कई लोगों ने खुद पार्टी नेतृत्व को पद छोड़ने और किसी और को जिलाध्यक्ष का पद सौंपने की पेशकश की है


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x01mp3rx0z@mailto.plus, 11 December 2022

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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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