ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती के उत्तराधिकारी घोषित ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके उत्तराधिकारियों की घोषणा कर दी गई है। यह घोषणा स्वरूपानन्द सरस्वती के पार्थिक शरीर के सामने की गई है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानन्द को द्वारका शारदा पीठ का शंकराचार्य घोषित किया गया है।
स्वामी सदानन्द इनका जन्म मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बरगी गांव में हुआ था। पहले इनका नाम रमेश अवस्थी था। उन्होंने 18 साल की उम्र में ब्रह्मचारी दीक्षा ली और फिर इनका नाम ब्रह्मचारी सदानन्द हो गया। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती से इन्होंने वाराणसी में दण्डी दीक्षा ली। अभी ये गुजरात में द्वारका शारदापीठ में शंकराचार्य के प्रतिनिधि के रूप में काम करते थे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द
इनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के ब्राह्मणपुर गांव में 15 अगस्त 1969 में हुआ था। इनका मूल नाम उमाशंकर पाण्डेय था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रनेता थे। लेकिन, उन्होंने युवा अवस्था में ही संन्यास धारण कर लिया। वो स्वरूपानन्द सरस्वती के आश्रम में आए औऱ वहीं दीक्षा ली। शंकराचार्य के प्रतिनिधि के रूप में ज्योतिषपीठ (ज्योतिर्पीठ) का कार्य संभाल रहे थे। अब इन्हें ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ का शंकराचार्य घोषित किया गया है।